हस्बैंड-वाइफ के बीच के झगड़ों को सुलझाने के उपाय

हस्बैंड-वाइफ के बीच के झगड़ों को सुलझाने के उपाय

एक पार्टी का अधिकार, क्लेम या डिमांड तब पूरी होती यही जब दूसरी तरफ कोंट्ररी क्लेम्स या एलीगेशंस लगाए जाते है, जिसके परिणामस्वरूप एक कनफ्लिक्ट या कंट्रोवर्सी होता है, जिसे मेनली डिस्प्यूट के रूप में जाना जाता है। डिस्प्यूट कई प्रकार के, जैसे – जो दो पार्टियों के बीच या एक ग्रुप के बीच हो सकते हैं, जैसे की आर्बिट्रेशन डिस्प्यूट, कंस्ट्रक्शन डिस्प्यूट, एम्प्लॉयमेंट डिस्प्यूट, फाइनेंसियल डिस्प्यूट, फ्रॉड पर डिस्प्यूट आदि। लेकिन सबसे ज्यादा कॉमन मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट है। 

डाइवोर्स, मेंटेनेंस, चाइल्ड कस्टडी, या प्रोटेक्शन ऑर्डर्स जैसे मैटर्स पर हस्बैंड और वाइफ के बीच बहस या डिसअग्रीमेंट्स होना सबसे कॉमन डिस्प्यूट्स में से एक है।

मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट्स को हम शादी के रिश्ते में जुड़े दो लोगों के बीच किसी कानूनी विवाद/डिस्प्यूट के रूप में समझ सकते है। हस्बैंड और वाइफ के बीच के डिस्प्यूट्स के कई रीज़न्स और फैक्टर्स हो सकते है, जिनमें मौखिक या शारीरिक शोषण, पार्टनर्स की सोंच, व्यवहार और बर्ताव करने का तरीका शामिल हैं। इस तरह के डिस्प्यूट्स के कई अन्य रीज़न्स भी हो सकते है जैसे – शादी में असंतोष, एक्स्ट्रा अमृताल रिलेशनशिप्स, शराब की लत आदि। डोमेस्टिक वायलेंस, दहेज की मांग, या मानसिक या शारीरिक शोषण जैसे इन डिस्प्यूट्स को क्रिमिनल केसिस में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

यह बहुत क्लियर है कि ऐसे केसिस की एक लंबी लिस्ट बनाने वाले कोर्ट सिस्टम में मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट्स बहुत तेज स्पीड से बढ़ रहे हैं। सभी मैरिड कपल्स के नोक-झोक या लड़ाई-झगड़े होना आम बात है और जरूरी भी है क्योंकि हर मैरिड कपल के रिश्ते में थोड़ी बहुत टेंशन होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की वह दोनों हर छोटी छोटी बात पर अलग हो जाये या कोई कानूनी प्रोसेस के लिए जाएँ, बल्कि ऐसे डिस्प्यूट्स को सॉल्व करने के लिए मैरिड पार्टनर्स को उन्हें थोड़ा अवॉयड करना चाहिए। 

अब, क्या होगा अगर आप अपने-आप को अपने पार्टनर के साथ ऊपर एक्सप्लेन की गयी सिचुएशन में पाते हैं, तो आपको पहला कदम क्या उठाना चाहिए?

सबसे बेसिक और पहला स्टेप है कि आपको अपनी फैमिली मेंबर्स या किसी भी थर्ड पर्सन की इंटरफेरेंस किये बिना आपस में सभी मैटर्स को सॉल्व करना चाहिए, क्योंकि बात करने से हमेशा चीजें बहुत जल्दी और आसानी से सुलझ जाती है और सभी मिसअंडरस्टैंडिंग दूर हो जाती है। बातचीत किसी भी डिस्प्यूट को सॉल्व करने की कुंजी/चाबी है।

अगर आप अपने पार्टनर के साथ ऐसी ही किसी सिचुएशन में फंस जाते हैं, जहाँ आप और आपके पार्टनर की सोंच किसी भी बात पर मेल नहीं खा रही है या जहां आपको लगे की आप रिश्ता तोड़ नहीं पा रहे लेकिन अपने पार्टनर के साथ रहना भी मुश्किल हो गया है, तो इस सिचुएशन में किसके पास जाएँ, अपने रिश्ते को बचाने के लिए कैसे ओरे किससे हेल्प लें- इस सिचुएशन में आप मैरिज काउंसलिंग के लिए एक लॉयर को हायर कर सकते हैं, जहाँ हस्बैंड और वाइफ एक साथ अपने मैटर्स को काउंसलर के सामने क्लियर कर सकते हैं। साथ ही, कोर्ट और मुकदमेबाजी/लिटिगेशन प्रोसीजर्स में पड़े बिना, उनसे आप जेन्युइन एडवाइस ले सकते हैं, जिसे आज भी सबसे बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।

इसका एक और तरीका यह है कि अगर चीजें कैज़ुअली सॉल्व करने की सिचुएशन में नहीं हैं, लेकिन आप अभी भी अपनी शादी को जेनुइनली बचाना चाहते हैं, और आप अपने डिस्प्यूट को जेन्युइन मानते हैं और हेल्प चाहते है, तो आप अपने मटर में लीगल हेल्प ले सकते हैं। हालाँकि, सबसे पहले आप रिलेटेड मैटर्स और प्रोब्लेम्स के बारे में अपने पार्टनर को सम्मानजनक तरीके से कानूनी नोटिस भेजे, ताकि दोनों पार्टनर्स को दोबारा सोंचने और आपस में मिलकर डिसीज़न लेने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

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अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में डिस्प्यूट सुलझ नहीं रहा है, और एक ही छत के नीचे एक साथ रहना अब पॉसिबल नहीं है, और आपने इस रिश्ते को बचाने कि पूरी कोशिश की है। तो आपके पास हमेशा यह ऑप्शन है कि आप एक डाइवोर्स लॉयर को हायर करके डाइवोर्स ले सकते है, लेकिन इसे हमेशा आखिरी ऑप्शन माने।

लीड इंडिया हमेशा यही चाहता है कि सभी मैरिड कपल्स “शांति से रहें, टुकड़ों में बट के नहीं”। अगर आप किसी मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट का सामना कर रहे हैं और मैरिज कौन्सेल्लिंग ये लीगल एडवाइस चाहते हैं, तो हम खुले दिल से आपका हार्दिक स्वागत करते हैं।

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