अगर कोई उधारी के पैसे वापस ना करे तो क्या लीगल एक्शन ले सकते है?

अगर कोई उधारी के पैसे वापस ना करे तो क्या लीगल एक्शन ले सकते है?

पैसे उधार लेना या उधार देना दोनों ही काम रिस्क से भरे है। अगर आप एग्रीमेंट के सभी इंस्ट्रक्शंस को फॉलो नहीं करते हैं तो यह आपको कई खतरनाक सिचुएशन में भी फंसा सकता है। यह अक्सर देखा जाता है कि एक उधार देने वाला व्यक्ति अपना पैसा वसूल करते समय उधार लेने वाले व्यक्ति को धमकाता है या कुछ इल्लिगल काम करने से भी पीछे नहीं हटता है जो की उसे एक अपराधी बनाकर छोड़ देता है, लेकिन यह आपके पैसे की वसूली का प्रोसेस नहीं होना चाहिए।

कोई ऐसा व्यक्ति जो आपके पैसे वापस ना कर रहा हो, ऐसे लेनदार से अपना पैसा वसूल करने के लिए हमेशा एक सही लीगल प्रोसेस की हेल्प लेना ही सबसे सही डिसीज़न होता है। जिसे आप मनी रिकवरी लॉयर की हेल्प से फॉलो कर सकते हैं और अपने सर पर रखी इस टेंशन को कम करने के साथ साथ अपने पैसे आसानी से वसूल कर सकते है।

लोन देने वाला व्यक्ति अपने पैसे की वसूली के लिए यह सभी लीगल स्टेप्स ले सकता है – 

लोन की टर्म्स एंड कंडीशंस को लिखित रूप/रिटन में एक्सेप्ट करने और एक प्रोमिसरी नोट या लोन एग्रीमेंट पर साइन करने के बाद ही किसिस को पैसे देने चाहिए। कुछ प्रोसेसीस को फॉलो करके लेनदार(लोन देने वाला व्यक्ति) उधारकर्ता(लोन लेने वाला व्यक्ति) से अपने पैसे की वसूली कर सकता है:

सिविल सूट:

बकाया पैसे को वापस लेने के उद्देश्य से एक प्रोमिसरी नोट या लोन एग्रीमेंट के तहत देनदार एक सिविल सूट फाइल कर सकता है। दरअसल, सीपीसी के आर्डर 37 के तहत देनदार को एक समरी सूट लाने की परमिशन दी गयी है। या

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नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के रूप में एक अन्य लीगल ऑप्शन भी है, जो देनदार के लिए अपना उधार दिया पैसा वसूलने के लिए खुला है। केवल वह लोग जो चेक, बिल ऑफ़ एक्सचेंज आदि के द्वारा उधार लिए पैसे को वापस नहीं कर पाते है, वह इसे फाइल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने चेक के थ्रू देनदार को पैसे वापस किये और बाद में पता चला कि चेक बाउंस हो गया है, तो देनदार नेशनल इन्शुअरन्स एक्ट के सेक्शन 138 के तहत केस फाइल कर सकता है और उधारकर्ता को 30 दिनों के अंदर पैसे वापस लौटाने होंगे। अगर उधारकर्ता इन 30 दिनों में पैसे नहीं लौटता, तो देनदार उसके अगेंस्ट क्रिमिनल केस भी कर सकता है।

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क्रिमिनल सूट:

उधारकर्ता को यह साबित करना होगा कि उस व्यक्ति ने पैसे उधार लिए और पैसे ना लौटाकर विश्वास तोड़ने का क्रिमिनल ओफ्फेंस किया है। साथ ही वह आईपीसी के सेक्शन 420 के तहत धोखाधड़ी और सेक्शन 406 के तहत क्रिमिनल ओफ्फेंस का केस फाइल कर सकता है। अगर कोर्ट रेस्पोंडेंट को दोषी पाती है, तो उसे जेल की सजा दी जाएगी और उसे उधार लिए गए पैसे वापस करने होंगे। इस क्लॉज़ के तहत फाइल किये गए केसिस को आमतौर पर कोर्ट को सॉल्व करने में काफी समय लग जाता हैं।

कोर्ट के बाहर सेटलमेंट:

देनदार के पास बकाया पैसे वापस लेने का लोक अदालत, आर्बिट्रेशन या सुलह के द्वारा कोर्ट के बाहर समझौता करने का ऑप्शन भी होता है। यह सबसे तेज और सबसे किफायती तरीकों में से एक है। कोर्ट के बाहर समझौता करने के लिए दोनों पार्टीज़ को सुनवाई के लिए पेश होना होता है। किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले आम तौर पर दनो पार्टियों को आर्बिट्रेटर द्वारा सुना जाता है। 

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इसलिए अगर आप एक देनदार हैं और ऐसी किसी सिचुएशन का सामना कर रहे है जहां आपको किसी भी सोर्स से उधार लेने वाले व्यक्ति से अपना पैसा वसूल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो आप पैसे वापस लेने के लिए लॉयर हायर करके और अपने केस को डिस्क्राइब करके लीगल हेल्प ले सकते हैं। क्योंकि एक लॉयर आपकी मदद कर सकता है और लीगल तरीके से आपका मार्गदर्शन कर सकता है।

हम लीड इंडिया में, पैसे रिकवर करने की फील्ड में बेस्ट लॉयर्स की एक टीम प्रोवाइड करते हैं, जो आपको सबसे अच्छे तरीके से हेल्प कर सकते हैं, हमारे पिछले रिकॉर्ड हमेशा अच्छे साबि है और हमारे सभी क्लाइंट्स हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा से बहुत संतुष्ट है। हम आपकी मदद करने के लिए तत्पर हैं!

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