मैरिज काउंसलिंग उन कपल्स के लिए एक तरह की साइकोलोजिक्ल थेरेपी है जिनका रिश्ता खत्म होने की कगार पर है या जिनका रिश्ता खत्म होने की ओर बढ़ रहा है। थेरेपी का यह ट्रीटमेंट अलग-अलग शादियों की अलग-अलग सिचुएशन पर डिपेंड करता है। यहां तक कि सबसे खुश कपल को भी अपने रिश्तों में परेशानी हो सकती है। शादी क काउन्सलिंग का मुख्य उद्देश्य कपल को उनके बीच की परेशानियों को पहचानना और उन परेशानियों से डील करने के लिए सलूशन निकालना होता है, कभी-कभी यह परेशानियां कुछ सबसे मजबूत बंधनों का भी टेस्ट ले सकती है।
मैरिज थैरेपी के लिए जाने वाले कपल्स के सामने सबसे बड़ी परेशानी उनके बीच के भारी कन्फ्लिक्ट्स और उनके रिश्ते में बढ़ती दूरी है। दिन-ब-दिन छोटी-छोटी परेशानियां भी आपके रिश्ते में दूरियां लाने की वजह बन सकती हैं। कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कपल्स लगभग 6 साल तक किसी बाहरी एडवाइस या मदद लेने के लिए इंतजार करते हैं, जो कभी-कभी उनके रिश्ते के लिए विनाशकारी हो सकता है क्योंकि जितनी जल्दी आप मैटर को सुलझा लेंगे, रिश्ते की परेशानियां उतनी ही कम होंगी।
कॉउंसलिंग कैसे काम करती है?
- शादी की काउन्सलिंग को जनरली कपल काउन्सलिंग भी कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कपल के बीच की परेशानियों को पहचाना और सॉल्व किया जा सके, चाहे वह मैरिड हो या अनमैरिड।
- मैरिज काउंसलिंग ज्यादातर लाइसेंस थैरेपिस्ट द्वारा की जाती है जिन्हें मैरिज और फैमिली थैरेपिस्ट के रूप में भी जाना जाता है।
- अलग-अलग सिचुऎशन्स के ट्रीटमेंट के लिए की जाने वाली प्रोसेसिस अलग-अलग एक्सपर्ट्स के लिए अलग-अलग हो सकती हैं।
- थैरेपिस्ट आपके इतिहास, मैटर्स आदि के बारे में पूछेगा और अच्छा होगा अगर आप अपने रिश्ते, मैटर्स और अपनी भावनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का पूरी ईमानदारी से और खुलकर जवाब दे।
- आपसे बात करने के बाद निष्कर्षों/कन्क्लूज़न के आधार पर, थैरेपिस्ट आपसे और आपके पार्टनर से अलग-अलग बात करना चाह सकता है। इनिशियल सेशन पूरा होने के बाद, उसके कन्क्लूज़न के आधार पर थैरेपिस्ट आपको अपनी फीडबैक देगा और आपको ट्रीटमेंट के बारे में बताएगा।
- आपको अपने केस और अपने रिश्ते की सिचुएशन के आधार पर कुछ सेशन्स अटेंड करने होंगे। थैरेपिस्ट द्वारा पेश किये गए इन सभी सेशन्स और ट्रीटमेंट के पीछे यही उद्देश्य है की आप अपने मैटर पर थैरेपिस्ट से खुलकर बात करें और आपके पार्टनर के साथ इस बारे में बातचीत करके आपकी हेल्प कर सके।
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कपल्स की काउंसलिंग कौन कर सकता है?
- अपने शादी के रिश्ते में परेशानियों का सामना कर रहे कपल्स, शादी से पहले काउन्सलिंग की जरूरत महसूस करने वाले कपल्स, जो अपनी परेशानियों को सॉल्व करना चाहते हैं, तो आप कॉउंसलिंग के सेशन के लिए जा सकते है।
- मैरिज कॉउंसलिंग लेने के पीछे मुख्य उद्देश्य शादी के रिश्ते को बचाने में हेल्प करना है जो लगभग टूटने की कगार पर है।
- किसी तीसरे व्यक्ति मतलब काउंसलर का नज़रिया दूसरी पार्टी के नजरिये को समझने में बहुत हेल्प कर सकता है।
मैरिज कॉउंसलिंग के साइड-इफेक्ट्स –
- मैरिज कॉउंसलिंग सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम/रिजल्ट्स दे सकती है।
- यह पॉसिबल हो सकता है कि कपल अपने सेशन्स के दौरान बहस करें या कभी-कभी चिल्लाएं, जिसके दौरान थैरेपिस्ट एक मीडिएटर के रूप में भी काम कर सकता है।
- उनकी परेशानियों पर बात करते समय, कभी-कभी सिचुऎशन्स हाथ से निकल सकती हैं और कुछ दुःख पहुंचने वाली बातें भी सामने आ सकती हैं जो परेशानियों को और बढ़ा सकती हैं।
- इस प्रकार, ट्रीटमेंट के लिए जाने वाले कपल्स को इन सेशन्स के लिए किसी भी तरह से जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए।
काउंसलिंग सेशन का खर्च –
भारत में, काउंसलिंग का खर्च अलग-अलग काउंसलर की फीस के हिसाब से होता है। अनुभवी काउंसलर स्पष्ट रूप से आपसे ज्यादा फीस लेंगे। हालाँकि, एक थैरेपिस्ट को अप्पोइंट करने से पहले, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने थैरेपिस्ट के साथ कम्फर्टेबल हैं और साथ ही, उस पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं। सेशन्स के दौरान आपको अपने पार्टनर के साथ अपनी मैरिटल लाइफ से रिलेटिड परसनल मैट्रेस पर बात करनी पड़ सकती है।
क्या मैरिज काउंसलिंग एफेक्ट है?
- मैरिज काउंसलिंग में अलग-अलग मैटर, लोगों और सिचुऎशन्स के लिए अलग अलग रिजल्ट्स हो सकते है।
- जबकि कुछ मैटर्स में पार्टनर्स के बीच परेशानियों पर बात करने के बाद परेशानियों का सल्यूशन किया जा सकता है।
अगर आप कपल काउंसलिंग में शामिल होना चाहते हैं, तो हमने आपकी खोज को आसान बना दिया है। हम, लीड इंडिया में आपकी हेल्प के लिए हर समय मैरिज काउंसलर और थेरेपिस्ट का पूरा स्टाफ उपलब्ध रखते है। अपने रिश्ते को बचाने के लिए कॉउंसलर से जुड़ें।