जब किसी व्यक्ति को बिना किसी रीज़न के नौकरी से निकाल दिया जाता है तो उसे इललीगल या गलत तरीके से कंपनी से टर्मिनेट करने के रूप में जाना जाता है। इसके कई इनवैलिड वजह हो सकती है जैसे – किसी सीनियर के साथ पर्सनल डिस्प्यूट की वजह से, कंपनी द्वारा डाउनसाइज़िंग मतलब एम्प्लाइज कम करने की वजह से, आदि। सभी एम्प्लॉईज़ के लिए भारत में बनाये गए नियमों को जानना जरूरी है, जो इस तरह के गलत और इललीगल टर्मिनेशन को कण्ट्रोल करते है, क्योंकि अचानक से नौकरी जाना किसी के लिए भी एक विनाशकारी फाइनेंसियल और इमोशनल झटका हो सकता हैं।
कई इंडस्ट्रीज़ ने एक बड़ी संख्या में एम्प्लॉईज़ को निकाल दिया है। इस तरह का टर्मिनेशन मार्किट और समाज में एम्प्लॉईज़ की रेप्युटेशन के लिए एक बड़ा रिस्क हो सकता है। इन मैटर्स को आम तौर पर लेबर और इंडस्ट्रियल कानूनों द्वारा कवर किया जाता है। यह कानून एम्प्लॉईज़ के अधिकारों की रक्षा से लेकर एस्टैब्लिशमेंट में क्लॉज़र्स, रीट्रेकमेंट, लेयऑफ़ आदि जैसी सिचुएशन को विनियमित/रेगुलेट करने के लिए और लेबर से रिलेटिड कई परेशानियों को सॉल्व करने के लिए बनाये गए थे।
गलत तरीके से टर्मिनेशन के बाद एम्प्लोयी के अधिकार –
टर्मिनेशन लेटर लेने का अधिकार:
फ़ेडरल और स्टेट दोनों कानूनों के तहत, कॉन्ट्रैक्ट में लिखे गए क्लॉज़िज़ को प्रायोरिटी दी जाती है। इस प्रकार एम्प्लॉईज़ को टर्मिनेट करते समय उन्हें हायर करने वाले एम्प्लॉयरर को उन सभी क्लॉज़िज़ को ध्यान में रखना चाहिए और पालन भी करना चाहिए। दिल्ली में रोजगार को कण्ट्रोल करने वाले दिल्ली शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1954 में कहा गया है कि अगर कोई एम्प्लोयी तीन महीने से ज़्यादा समय तक काम करने के बाद कंपनी छोड़ देता है, तो कंपनी को उसे कम से कम 30 दिन का नोटिस देना होगा या नोटिस के बदले पेय/भुगतान करना होगा। हालाँकि, अगर एम्प्लोयी की टर्मिनेशन उसी के किसी गलत काम या बिहेवियर की वजह से होती है, तो एम्प्लॉयरर को उन्हें नोटिस देने की जरूरत नहीं है। इस सिचुएशन में, एम्प्लोयी के पास तर्क/फैक्ट्स देकर अपना बचाव करने का मौका होता है।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
एम्प्लोयी को सुने जाने का अधिकार:
एम्प्लोयी को टर्मिनेट करने से पहले उसे मीटिंग या सुनवाई करने का अधिकार है। उसे अपने बचाव करने का मौका दिया जाना चाहिए। इस बात का मौका दिया जाना चाहिए कि वह अपने फैक्ट्स से साबित कर सके कि उसे क्यों टर्मिनेट नहीं किया जाना चाहिए। ‘प्राकृतिक न्याय के मार्गदर्शक सिद्धांत’ भी सुनवाई के अधिकार की मांग के फेवर में बात करते हैं। इस सिद्धांत/प्रिंसिपल के तहत विक्टिम पार्टी को सुनवाई का अधिकार होता है। इसके अलावा, एम्प्लोयी को उसे टर्मिनेट करने के पीछे का वैलिड फैक्ट और रीज़न दिया जाना चाहिए।
इललीगल टर्मिनेशन होने पर केस फाइल करने का अधिकार:
एम्प्लॉयरर को एम्प्लोयी को टर्मिनेट करने के लिए एक वैलिड रीज़न देना होगा। यह रीज़न एम्प्लॉयमेंट एग्रीमेंट्स में बताये गए कानूनी जस्टिफिकेशन्स के अनुसार ही होना चाहिए। एम्प्लोयी एम्प्लॉयरर के अगेंस्ट इललीगल टर्मिनेशन के आधार पर केस फाइल कर सकता है, अगर यह साबित हो कि टर्मिनेशन का कोई वैलिड रीज़न नहीं था और यह इललीगल आधार पर किया गया है जैसे – धर्म के आधार पर भेदभाव, जाति, लिंग, आयु, विकलांगता, गर्भावस्था/प्रेग्नेंसी, आदि।
सिवेरेन्स पेमेंट का अधिकार:
एम्प्लोयी के पास कुछ पेमेंट्स के अधिकार भी होते हैं, जो वह एम्प्लॉयरर से टर्मिनेशन के समय लेने का हकदार है। ऐसे पेमेन्ट को सिवेरेन्स पेमेंट कहा जाता है। इसमें निम्नलिखित पेमेंट शामिल हैं:
- नोटिस के बदले सैलरी रिसिप्ट
- एक दिन की अनपेड वेजिस/मजदूरी
- बिना यूज़ किए गए पेयड टाइम ऑफ को रद्द करना।
- एक एम्प्लोयी को ग्रेच्युटी का भुगतान, जिसने 1972 के ग्रेच्युटी एक्ट के प्रोविजन्स के अनुसार पांच साल से ज़्यादा समय तक काम किया है।
- एक एम्प्लोयी जिसने एक साल से ज़्यादा समय तक काम किया है, उसकी 45 दिनों तक की कमाई का 50 % पेमेंट।
गलत तरीके से टर्मिनेशन के लिए इन्वेस्टीगेशन की रिक्वेस्ट करने का अधिकार:
गलत और अन्यायपूर्ण टर्मिनेशन की सिचुएशन में, एक एम्प्लोयी को इन्वेस्टीगेशन करने का अधिकार है। यह तय करने के लिए कि एम्प्लोयी को जवाबदेह ठहराया जाना है या नहीं, फैक्ट्स और सिचुऎशन्स की पूरी तरह से इन्वेस्टीगेशन और निष्पक्ष मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
दिल्ली में एक लेबर लॉयर को हायर करना जरूरी है क्योंकि वे अन्यायपूर्ण या इललीगल टर्मिनेशन के केसिस में शामिल नियमों और प्रोसेस के बारे में ज़्यदा जानकार हैं। लीड इंडिया के कुशल वकील आपके कानूनी नोटिस और केस का कॉन्ट्रैक्ट तैयार कर सकते हैं और यहां तक कि इसे उपयुक्त कोर्ट में भी फाइल कर सकते हैं। एक लेबर लॉयर, जो एम्प्लॉयमेंट और लेबर लॉज़ के बारे में जानकार है, इन सिचुऎशन्स में आपके ऑप्शन्स को समझने में आपकी मदद कर सकता है और गलत तरीके से टर्मिनेशन और अनपेड वेजिस लेने में आपके मटर को सॉल्व करने के लिए जरूरी स्टेप्स लेने में भी आपकी मदद कर सकता है।