कंपनी में कर्मचारी द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने पर क्या कानूनी कदम उठाये जा सकते है?

अगर एम्प्लोयी दुर्व्यवहार करता है, तो क्या करें?

आजकल वर्कप्लेस पर एम्प्लॉईज़ के मिसबिहेव को समझना ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और मैनेजर्स के लिए बहुत जरूरी है। यह एक आसान काम नहीं है, और साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि एम्प्लोयी का बेहेवियर क्लियर और कंपनी की एक्सपेक्टेशंस के अनुसार ही हो। 

आइए समझते हैं कि एम्प्लॉईज़ के मिस्बेहेवियर का कंपनी पर क्या प्रभाव पड़ता है। यह आर्टिकल एम्प्लोयी के मिसबिहेव या दुर्व्यवहार और आपकी आर्गेनाइजेशन में इससे सफलतापूर्वक डील करने के बारे में बताएगा। 

वर्कप्लेस पर मिसबिहेव का क्या मतलब है?

वर्कप्लेस पर मिसबिहेव का मतलब किसी भी ऐसे व्यवहार से है जो उन कंपनियों की पॉलिसीज़/नीतियों के अगेंस्ट है, जिन पॉलिसीज़ में यह व्यक्त किया गया है कि एम्प्लॉईज़ को काम पर कैसे व्यवहार करना चाहिए।

अनैतिक, क्रूर, क्रिमिनल बिहेवियर, वर्कप्लेस में गलत बिहेवियर करना, कंपनी की प्रॉपर्टी या बुनियादी ढांचे, कंपनी की प्रोसेस, परिणामों और कंपनी के अन्य एम्प्लॉईज़ की भलाई पर गलत प्रभाव डालना यह सभी इसमें शामिल हो सकते है, जो वर्कप्लेस के दायरे में करना गलत होता है।  

एम्प्लॉईज़ द्वारा किये जाने वाले मिस्बीहेवियर के कुछ प्रकार – 

जनरली मिसबिहेवियर दो प्रकार के होते है

(a) प्रमुख (सकल) मिसबिहेवियर

(b) मामूली (सामान्य) मिसबिहेवियर

प्रमुख कदाचार (सकल) – 

किसी एम्प्लोयी के बहुत ज़्यादा मिसबिहेव करने पर कंपनी द्वारा उसे ‘इंस्टेंट टर्मिनेशन’ मतलब उसके मिस्बेहावे की वजह से उसे तुरंत कम्पनी से निकला भी जा सकता है। इस प्रकार का मिसबिहेव भयावह है, जिससे कंपनी और सहकर्मियों या को-वर्कर्स को नुकसान होता है।

यह कार्रवाई कंपनी को एम्प्लोयी के टर्मिनटिन के बजाय कोई अन्य ऑप्शन नहीं देती है और एम्प्लॉईज़ को बिना किसी सूचना के कम्पनी से निकाला जा सकता है, अगर किसी भी बुनियादी ढांचे को नुकसान होता है तो कंपनी ऐसी घटना के लिए एम्प्लॉई की फाइनल पेमेंट भी रोक सकती है। 

एम्प्लॉईज़ द्वारा किये गए मिसबिहेव के कुछ उदाहरण यह है – 

  1. कंपनी के फाइनेंसीस या प्रॉपर्टी की चोरी या लेनदेन में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी। 
  2. किसी एम्प्लोयी द्वारा जानबूझकर किया गया कोई डैमेज। 
  3. सेफ्टी पॉलिसीज़ को फॉलो ना करना या अन्य सहकर्मियों के लिए रिस्क पैदा करना।
  4. ऑर्डर्स को फॉलो ना करना। 
  5. हिंसा या परेशान करने की मौखिक या शारीरिक धमकी देना। 
  6. सेक्सुअल हैरेसमेंट या पीछा करना। 
  7. ड्रग्स और शराब से रिलेटिड पॉलिसीज़ का उल्लंघन करना। 
  8. सहकर्मियों या सीनियर्स को आपत्तिजनक ईमेल या मेसेज भेजना। 
  9. कोई साइड जॉब करना या ऐसा काम जो जॉब में टकराव पैदा करता हो।

मामूली मिसबिहेवियर (सामान्य) – 

इस प्रकार का मिसबिहेव सामान्य की कैटगरी में आता है। ऐसा करने पर एम्प्लोयी को कम्पनी से इंस्टेंट टर्मिनेट नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ऐसे व्यव्हार का किसी सहकर्मी या कंपनी को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं है, लेकिन ह्यूमन रिसोर्स या सुपरवाइजर इसकी प्रतिपूर्ति के लिए डिसीप्लीनरी कार्रवाई कर सकते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। 

एक व्यक्ति जो एक कंपनी XYZ का एम्प्लोयी है, वह लगातार देर से ऑफिस आता है। ऐसा करना कंपनी और सहकर्मियों को नुक्सान नहीं पहुंचा रहा है, लेकिन यह बिहेवियर कपनी के डिसिप्लिन पॉलिसीज़ के लिए सही नहीं है। 

सामान्य मिसबिहेव के कुछ और उदाहरणों में शामिल हैं –

  1. सही से रिपोर्टिंग ना करना 
  2. ऑर्डर्स फॉलो ना करना
  3. नॉन-स्मोकिंग एरिया में स्मोकिंग करना, आदि। 

किसी भी एम्प्लोयी के इस बिहेवियर को क्राइम कहा जाता है, लेकिन प्रकृति में कठोर नहीं कहा जा सकता, इसे ठीक किया जा सकता है। इसके लिए एम्प्लोयी को इंस्टेंट टर्मिनेशन देने की जरूरत नहीं है। ऐसी सिचुऎशन्स होने पर जनरली एम्प्लॉईज़ को वार्निंग लेटर इशू किये जाते हैं और एक पर्टिकुलर टाइम पीरियड के लिए निगरानी की जाती है, और उन्हें अपने इस बिहेवियर को सुधारने का मौका दिया जाता है। हांलाकि, इसका उल्लंघन होने पर एम्प्लोयी को ससपेंड भी किया जा सकता है।

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ऐसे मिसबिहेव से डील करने के लिए सोल्युशन्स – 

सभी एम्प्लॉईज़ के लिए उचित कंपनी पॉलिसीज़ होनी चाहिए जैसे:

  1. निष्पक्ष, इक्वल और क्लियर नियम/रूल्स।
  2. कम्युनिकेशन पॉलिसीज़ 
  3. ईमानदारी से इन्वेस्टीगेशन 
  4. कामों में सुधार

जब कोई एम्प्लोयी मिसबिहेव करता है – 

  1. मौखिक कॉउंसलिंग 
  2. लिखित वार्निंग लेटर 
  3. फाइनल पेमेंट के बिना सस्पेंशन 
  4. टर्मिनेशन

कुछ मिसबिहेव जो इंस्टेंट टर्मिनेशन के लिए आधार बनते हैं –

  1. किसी भी प्रकार की चोरी
  2. शारीरिक हमला/अटैक 
  3. नशीली दवाओं या शराब का प्रभाव
  4. दूसरों की सुरक्षा के लिए खतरा

लीड इंडिया कैसे आपकी मदद कर सकता है?

लीड इंडिया के पास लीगल एक्सपर्ट्स का एक पैनल है जो आपको एक एग्रीमेंट या कॉन्ट्रैक्ट ड्राफ्ट करने में मदद कर सकते है। जिसमे एम्प्लोयी के मिस्बिहेवियर के बारे में सभी जरूरी पॉलिसीज़ शामिल होंगी, और साथ ही अगर इस तरह के बुरे बिहेवियर के पीछे की वजह एम्प्लोयी की कोई ख़राब सिचुएशन है, तो भी उसका सोल्युशन निकला जायेगा और आपकी मदद की जाएगी।

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