भारत देश में पुलिस की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। एक आम नागरिक के जीवन में, पुलिस का जितना विश्वास नहीं है, उससे कहीं ज्यादा पुलिस का डर आज भी छोटे मोटे अपराधिओं में है, और यही डर चोरी, छेड़खानी, शिकायत और अन्य अपराधों से हमारी रक्षा भी करता है।
ज्यादातर लोग पुलिस में भर्ती भी अपने देश और समाज को अपराधमुक्त बनाने के लिए ही होते है, फिर भी कई बार कुछ लोगो की वजह से पूरा पुलिस विभाग/डिपार्टमेंट दोषी मान लिया जाता है, बस इसी अवधारणा को बदलने की जरूरत है।
अगर पुलिस द्वारा आपके साथ दुर्व्यवहार या गलत आरोप लगाया गया है, तो आपके पास उनके ख़िलाफ़ शिकायत/कम्प्लेन करने का पूरा अधिकार है। एक अच्छी पुलिस अपने नागरिकों को सुरक्षित, और खुश रखती है। हालाँकि, कई बार ऐसा भी होता है जब डिपार्टमेंट के कुछ मेंबर्स इस व्यवहार और ड्यूटी को अच्छे से निभाने में विफल रहते हैं।
जब ऐसा होता है, तो लोगों को खुद को गलत व्यवहार या लापरवाही से बचाने के लिए अपने अधिकारों को जानना जरूरी है। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि आप भारत में पुलिस के अगेंस्ट कम्प्लेन कैसे फाइल कर सकते हैं।
पुलिस के अगेंस्ट कम्प्लेन:
पुलिस के अगेंस्ट कम्प्लेन करने का मतलब पुलिस डिपार्टमेंट को उन्ही में से एक मेंबर के ख़िलाफ़ शिकायत करना है। पुलिस कम्प्लेन किसी भी कानूनी अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने का आम तरीका है। यह शिकायतें बहुत आम हैं और इसे कोई भी फाइल करा सकता है, चाहें वह एक आम नागरिक है या किसी अन्य सरकारी अधिकारी/ऑफिसर है। हलांकि, कम्प्लेन फाइल करने की प्रोसेस अलग-अलग क्षेत्राधिकारों/जूरिस्डिक्शन के हिसाब से अलग-अलग होती है।
कम्प्लेन करने के आधार:
यहां कुछ ऐसे सामान्य आधार बताये गए है जिनके आधार पर आप आसानी से अपनी कम्प्लेन फाइल करा सकते है –
गलत व्यवहार
अगर किसी भी पुलिस ऑफ़िसर ने बिना किसी वैलिड रीज़न के आपके साथ गलत व्यवहार किया है।
पॉवर का गलत फायदा उठाना
अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी करने के दौरान किसी ऑफ़िसर ने इतनी ताकत का इस्तेमाल किया है, जितने की जरूरत नहीं है। जैसे किसी व्यक्ति के गलती और सज़ा को स्वीकार करने पर भी उसे मारना, पीटना आदि।
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गुमराह करना
अगर किसी ऑफ़िसर ने किसी भी केस के सबूतों या आरोपियों को गलत दिशा में भटकाने या कोर्ट को केस के फैक्ट्स के बारे में गुमराह करने की कोशिश की है। इसके अलावा, अगर किसी केस को पुलिस द्वारा गलत तरीके से डील किया है।
नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन
अगर किसी पुलिस ऑफ़िसर ने देश के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन किया है या उनके अधिकारों से उन्हें वंचित रहने के लिए मजबूर किया है।
कम्प्लेन करने का प्रोसेस:
पुलिस कम्प्लेन निम्नलिखित तरीकों से की जा सकती है –
व्यक्तिगत रूप से
आप उस एरिया के पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत सकते हैं, जहां घटना हुई है। आपको पूरी घटना/इंसिडेंट की सभी डिटेल्स पुलिस को बतानी होगी।
फोन
आपको पुलिस स्टेशन में फोन करके ऑन-ड्यूटी ऑफिसर से बात करके पुलिस के खिलाफ अपनी शिकायत करनी होगी। आपको फोन पर ही उस अधिकारी को घटना के बारे में विस्तार से बताना होगा।
ईमेल या स्नेल मेल
आप ईमेल या स्नेल मेल द्वारा लिखित में भी अपनी कम्प्लेन भेज सकते हैं। आपको शामिल अधिकारियों के नाम और घटना की तारीख और समय के साथ घटना के बारे में सारी जानकारी लिखकर भेजनी होती है।
शिकायत का अनुवाद/ट्रांसलेशन
आपको उस पुलिस अधिकारी की भाषा में ही शिकायत को ट्रांसलेट करवाने की जरूरत हो सकती है, जिस ऑफिसर के खिलाफ आप शिकायत फाइल कर रहे हैं।
शिकायतों के प्रकार:
पुलिस के खिलाफ कई तरह की शिकायतें आती हैं। उनमें से कुछ नीचे बताई गयी हैं –
शक्ति का दुरुपयोग
कई बार पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ यह शिकायत आती है कि उन्होंने अपनी पावर्स का गलत इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों से बदतमीजी या गलत व्यवहार किया है। इसमें मौखिक दुर्व्यवहार, मारपीट या किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न/हैरेसमेंट भी शामिल है।
गैरकानूनी गिरफ्तारी
जब पुलिस आपको बिना किसी कानूनी वजह या वैलिड रीज़न के गिरफ्तार कर लेती है, तो वह गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करना माना जाता है।
झूठे आरोप
जब पुलिस आप पर ऐसे अपराध का आरोप लगाए, जो आपने किया ही नहीं है।
लापरवाही
जब पुलिस किसी को गिरफ्तार करने या सबूत इकट्ठा करने के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं करती है।
गलत मौत
जब पुलिस लापरवाही से काम करती है जिसकी वजह से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है।
कम्प्लेन फाइल करने के स्टेप्स:
भारत में पुलिस के खिलाफ कम्प्लेन फाइल करने के स्टेप्स इस प्रकार हैं –
ऑफ़िसर की पहचान करें
आपको सबसे पहले उस पुलिस ऑफ़िसर की पहचान करनी होगी जिन्होंने आपके साथ दुर्व्यवहार किया है। अगर आप ऑफ़िसर की पहचान के बारे में सुनिश्चित रूप से नहीं बता पा रहे हैं, तो आप उस ऑफ़िसर के पुलिस डिपार्टमेंट के खिलाफ भी कम्प्लेन कर सकते हैं।
घटना को लिखें
वास्तव में क्या हुआ, कब हुआ और कैसे हुआ यह सभी बातें स्पष्टता से लिख लें। किसी भी गवाह या किसी ऐसे व्यक्ति का नाम लिखें, जिनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया है।
सबूत इकट्ठा करें
कोई भी सबूत इकट्ठा करें जो आपके द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने में मदद कर सकता है, जैसे आपकी चोटों की तस्वीरें, उस इंसिडेंट की रिकॉर्डिंग या मेडिकल रिकॉर्ड, आदि।
कम्प्लेन फाइल करें
एक बार आपके पास यह सारी जानकारी इकट्ठी हो जाने के बाद, आप पुलिस के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। आप इसे व्यक्तिगत रूप से, फोन पर, या लिखित रूप में ईमेल या स्नेल मेल के माध्यम से भी कर सकते हैं।
अनुवर्ती कार्रवाई/फॉलो अप
शिकायत करने के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कम्प्लेन पर कार्रवाई ठीक से हो रही है या नहीं, आप फॉलो अप करते रहें। इसमें कुछ समय लगेगा लेकिन आप धैर्य रखें और हार ना मानें।
निष्कर्ष:
पुलिस डिपार्टमेंट में काम करने वाले लोग भी इंसान है जो गलतियां कर सकते है। हालाँकि, यह जरूरी है कि हम उन्हें उनके कामों के लिए जवाबदेह ठहराएँ। अगर पुलिस द्वारा आपके साथ गलत व्यवहार किया गया है या गलत आरोप लगाया गया है, तो आपको कपम्प्लेन फाइल करने का पूरा अधिकार है। आपको एक लंबी प्रोसेस से गुजरना पड़ सकता है, लेकिन बाद में आपकी मेहनत सफल रहेगी। यह ना केवल आपके लिए न्याय का एक रूप होगा, बल्कि यह अन्य लोगों को भी उसी दुर्व्यवहार का अनुभव करने से रोक सकता है।
लीड इंडिया कैसे मदद कर सकता है?
लीड इंडिया के कानूनी एक्सपर्ट्स कम्प्लेन का कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने में आपकी मदद कर सकते है और कम्प्लेन फाइल करने की प्रोसेस में आपका मार्गदर्शन कर सकते है। किसी भी कानूनी मदद लेने के लिए हमसे सम्पर्क करें।