क्या मानहानि होने पर लीगल नोटिस भेजा जा सकता है?

क्या मानहानि होने पर लीगल नोटिस भेजा जा सकता है?

मुख्य रूप से से यदि भाव-भंगिमा या इशारों के माध्यम से या अन्य रूपों के माध्यम से किसी को को कुछ अपशब्द आदि कहे जाएं तो यह मानहानि की श्रेणी में आता है। यदि किसी के लिए कुछ लिखा गया है जिस से उसकी छवि खराब हो रही हो तो यह भी मानहानि की श्रेणी में आता है। भारत में इन दोनों ही स्थितियों में मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा जा सकता है।

मानहानि का कानूनी नोटस भेजने के लिए मानहानि की इस अनिवार्यता का होना आवश्यक होता है। यदि ऐसा नहीं होता है तो मानहानि का कानूनी नोटिस नहीं भेजा जा सकेगा। मानहानि को भारतीय दंड संहिता द्वारा धारा 499 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है तो ऐसी स्थिति में आप उस व्यक्ति पर मानहानि का मुकदमा कर सकते हैं। और मानहानि का कानूनी नोटिस भेज सकते हैं।

आइये आज इस लेख के माध्यम से समझते हैं क्या मानहानि होने पर लीगल नोटिस भेज सकते हैं?

मानहानि का नोटिस कौन देता है?

मानहानि होने पर लीगल नोटिस भेजने का अधिकार उसी व्यक्ति के पास होता है जिसे संबोधित कर के कुछ कहा या लिखा गया हो। यानि यदि आपके ख़िलाफ़ किसी ने कोई ऐसा बयान कहा ,लिखा या प्रकाशित किया है जो आप की मानहानि करता हो ऐसे में आप मानहानि का लीगल नोटिस भेज सकते हैं न कि आपका कोई परिजन या मित्र।

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मानहानि का कानूनी नोटिस भेजने के लिए क्या आवश्यक है

मानहानि का कानूनी नोटिस भेजने के लिए हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए  कि बिन मानहानि का कानूनी नोटिस नहीं भेजा जा सकता है। आइये समझते है कि वे कौन से तत्व हैं जिन की आवश्यकता मानहानि के कानूनी नोटिस भेजने के लिए आवश्यक है।

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मानहानि का कानूनी नोटिस भेजने के लिए मानहानि कारक कथन का झूठा होना आवश्यक है। यदि कही बात सत्य है तो मानहानि का नोटिस नहीं भेजा जा सकता है।

विशेष अधिकार प्राप्त बयान जिन्हें मानहानि की श्रेणी में नहीं रखा गया है। जैसे कि संसदीय कार्यवाही। तो इनके लिए भी मानहानि का कानूनी नोटिस नहीं भेजा जा सकेगा।

मानहानि कारक कथन यदि राय है तो इस के लिए भी मानहानि का लीगल नोटिस नहीं भेजा सकता।

प्रकाशित बयान कर मामले में मानहानि कारक कथन संबोधित किये गए व्यक्ति के अलावा किसी और ने भी पढ़ा हो। ऐसी स्थिति में ही मानहानि का लीगल नोटिस भेजा जा सकता है।

मानहानि कारक कथन असल में मानहानि करने वाला होना चाहिए ऐसा किसी व्यक्ति को कही गई बात जो पहले से ही कुख्यात हो मानहानि का लीगल नोटिस नहीं भेज सकता है।

बयान वास्तव में प्रतिष्ठा की क्षति का कारण होना चाहिए: मानहानि का मुकदमा खड़ा नहीं होगा यदि आरोपी व्यक्ति खराब चरित्र का है और स्वभाव से कुख्यात है।

मानहानि का लीगल नोटिस

मानहानि का नोटिस भेजने के लिए अच्छे अधिवक्ता की मदद के साथ जो आपके लिए मानहानि का कानूनी नोटिस तैयार कर सकते हैं। मानहानि का लीगल नोटिस में हमें कुछ बातें ध्यान रखनी होंगी आइये समझते हैं मानहानि का लीगल नोटिस में क्या होना ज़रूरी है:

  1. जो लीगल नोटिस प्राप्त करने वाला है उस के नाम का विवरण और निवास।
  2. जिस जे द्वारा मानहानि का लीगल नोटिस भेजा गया उन का नाम और अन्य जानकारी।
  3. नोटिस के कारण का विवरण।
  4. लीगल नोटिस भेजने वाले व्यक्ति के द्वारा मांगी गई राहत का विवरण।
  5. सम्पूर्ण घटना का विवरण जिस की वजह से कार्यवाई की जा रही है।
  6. समय सीमा का उल्लेख।
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आरोपी व्यक्ति द्वारा मानहानि के लीगल नोटिस का जवाब या तो दिया जक सकता है या फिर वाद के माध्यम से अपने आप को निर्दोष सिद्ध करने के लिए केस लड़ सकता है। यदि इस प्रकार की स्थिति हो तो इस स्थिति में आप उस के लीगल नोटिस का जवाब दिए बिना ही उस के विरुद्ध सीधा मुकदमा दायर कर सकते हैं।

मुकदमा दायर करने के पश्चात आई पी सी की धारक 499 के तहत मानहानि का केस दायर किया जा सकेगा और फिर अदालत में इस पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। धारा 500 के तहत मानहानि की सज़ा का प्रावधान है।

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