प्रस्तावना: क्या सरकार इंटर-कास्ट मैरिज करने पर पैसे देती है?
आज भी भारत में जातिगत व्यवस्था सामाजिक जीवन का गहरा हिस्सा है। जब दो व्यक्ति अलग-अलग जातियों से विवाह करते हैं, तो उन्हें सामाजिक अस्वीकार्यता, विरोध, यहां तक कि हिंसा का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ऐसे साहसी जोड़ों को आर्थिक मदद देकर सामाजिक एकता को बढ़ावा देना चाहती है।
डॉ. अम्बेडकर स्कीम क्या है?
- योजना नाम: अंतर्जातीय विवाह के माध्यम से सामाजिक एकता के लिए डॉ. अम्बेडकर योजना
- लॉन्च वर्ष: 2013
- प्रवर्तक: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार
- वित्तीय सहायता: ₹2.5 लाख प्रति पात्र विवाह
पात्रता शर्तें (Eligibility Criteria for ₹2.5 Lakh Inter-Caste Marriage Scheme)
सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता केवल उन्हीं जोड़ों को दी जाती है जो इन शर्तों को पूरा करें:
- पति या पत्नी में से एक अनुसूचित जाति (SC/ST) से हो और दूसरा गैर-SC/ST से हो
- विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत रजिस्टर्ड हो
- यह विवाह पहली बार हो
- एक वर्ष के अंदर योजना के लिए आवेदन किया गया हो
- संयुक्त बैंक खाता (Joint Bank Account) हो और आधार कार्ड से लिंक हो
नया नियम: पहले कुल वार्षिक आय की सीमा ₹5 लाख थी, लेकिन अब यह आय सीमा हटा दी गई है। यानी कोई भी पात्र दंपत्ति, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
प्रोत्साहन राशि का वितरण कैसे होता है?
- ₹1.5 लाख रुपये सीधे जॉइंट बैंक अकाउंट में जमा होते हैं
- ₹1 लाख रुपये को 3 वर्षों के लिए सावधि जमा (Fixed Deposit) में रखा जाता है
राज्य सरकारों द्वारा अलग से मिलने वाली राशि (State-wise Benefits)
राज्य | राशि (₹) | विशेष शर्तें |
राजस्थान | ₹5 लाख | देश में सबसे अधिक राशि देने वाला राज्य |
कर्नाटक | पत्नी SC: ₹3 लाख, पति SC: ₹2 लाख | पात्रता अनुसार राशि में अंतर |
ओडिशा | ₹1 लाख | सीधा DBT (Direct Benefit Transfer) |
बिहार | ₹1 लाख | केवल पहली शादी के लिए |
मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि | ₹25,000 से ₹50,000 तक | राज्य नीति के अनुसार भिन्न |
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for Inter-Caste Marriage Scheme)
- हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह का प्रमाणपत्र लें
- स्थानीय समाज कल्याण विभाग या जिला समाज न्याय कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें
- आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें:
- जाति प्रमाण पत्र (SC/ST के लिए)
- आधार कार्ड
- विवाह प्रमाण पत्र
- जॉइंट बैंक अकाउंट की पासबुक कॉपी
- एक वर्ष के भीतर आवेदन जमा करें
- जांच के बाद राशि बैंक अकाउंट में भेज दी जाती है
क्या कोर्ट मैरिज पर भी यह योजना लागू होती है?
हां, यदि कोर्ट मैरिज Hindu Marriage Act, 1955 के तहत की गई हो और सभी पात्रता शर्तें पूरी हो रही हों तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
व्यावहारिक अनुभव (First-Hand Insight)
हमारे लीड इंडिया टीम ने कई ऐसे मामलों को सफलतापूर्वक हैंडल किया है जहां अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को योजना के तहत सहायता दिलवाई गई। कई मामलों में अधिकारियों द्वारा अनावश्यक देरी की गई, लेकिन सही डॉक्यूमेंटेशन और कानूनी सलाह से हमने क्लाइंट का हक सुनिश्चित कराया।
निष्कर्ष:
जानिए अपने अधिकार और लीजिए योजना का लाभ
यदि आपने अंतर्जातीय विवाह किया है, तो यह योजना आपके लिए सिर्फ आर्थिक सहारा नहीं, बल्कि सामाजिक हिम्मत को सम्मानित करने का एक तरीका है। सही जानकारी और डॉक्यूमेंटेशन के साथ आप यह राशि आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
किसी भी कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से संपर्क करें। हमारे पास लीगल एक्सपर्ट की पूरी टीम है, जो आपकी हर संभव सहायता करेगी।
FAQs
1. क्या यह योजना हर अंतर्जातीय विवाह पर लागू होती है?
नहीं, केवल उन्हीं मामलों में जहां एक साथी अनुसूचित जाति/जनजाति से हो।
2. क्या मुस्लिम, ईसाई या अन्य धर्मों में यह योजना लागू है?
यह योजना केवल Hindu Marriage Act, 1955 के तहत पंजीकृत विवाहों पर लागू है।
3. क्या लिव-इन रिलेशन या अनरजिस्टर्ड विवाह इस योजना में मान्य हैं?
नहीं, केवल रजिस्टर्ड विवाह ही पात्र होते हैं।
4. अगर कोई आवेदन समय पर नहीं करे तो क्या बाद में लाभ मिल सकता है?
नहीं, आवेदन विवाह के 1 वर्ष के भीतर करना अनिवार्य है।
5. क्या सरकार की राशि पर टैक्स लगता है?
नहीं, यह राशि टैक्स-फ्री होती है।