सूचना का अधिकार अधिनियम लागू करने का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों को ज्यादा शक्ति देना है। ऐसा करने के लिए, राष्ट्र की सरकार को उनके द्वारा किए जाने वाले कामों के लिए जवाबदेह होना चाहिए, भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहिए, और वास्तव में लोकतंत्र के लिए काम करना चाहिए। जिन नागरिकों को अपने देश, सरकार, उनके काम करने के तरीके, आदि के बार में अच्छी तरह से इनफार्मेशन होती है, वह अपनी सरकार के प्रति ज़्यादा उत्तरदायी होते हैं। सरकार द्वारा किए गए कामों के बारे में जनता को शिक्षित करने की दिशा में यह एक्ट एक जरूरी कदम है।
सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य क्या है?
- देश के सभी नागरिकों की पहुंच सूचना तक सुनिश्चित करने के लिए।
- सूचना की पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए।
- प्रशासन या एडमिनिस्ट्रेशन में पारदर्शिता को बढ़ावा देना के लिए।
- प्रशासन की मनमानी से नागरिकों को बचाने के लिए।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोक प्रशासन भी नागरिकों के लिए जवाबदेह है।
- भ्रष्टाचार को रोकने के लिए।
- वोट देने वालों को सूचित किए बिना लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता है, इसीलिए शासन करने वालों और उसके नीचे काम कर रहे लोगों को नागरिकों के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए।
- सीधे शब्दों में कहें तो सरकार को अपने काम और नागरिकों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी या जिम्मेदार बनाने के लिए।
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आरटीआई कौन फाइल कर सकता है?
जो भी उम्मीदवार आरटीआई फाइल करना चाहते है उनके लिए निम्नलिखित शर्तें पूरा होना जरूरी है।
- उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- अनुरोध में सभी जरूरी फैक्ट्स और संख्याओं को पूरी तरह से शामिल किया जाना चाहिए।
- आवेदन करने की फीस की रसीद को साथ में अटैच किया जाना चाहिए।
- उम्मीदवार को उनके बताये हुए एड्रेस या पते पर जवाब भेजा जाना चाहिए।
- निजी या पर्सनल जानकारी जो आवेदक से संपर्क करने के लिए जरूरी नहीं है, उसे लिखने की कोई जरूरत नहीं है।
आरटीआई फाइल करने का प्रोसेस क्या है?
- यह एक्ट जानकारी इकट्ठी करने की एक सीधी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देता है। हालाँकि, कुछ सार्वजनिक स्थानों के अपने-अपने तरीके और फॉर्मेट होते है लेकिन आपको उन सभी सेटअप का पालन करने की जरूरत नहीं है।
- उम्मीदवार को उस हिस्से को वर्गीकृत करना होगा, जिसके बारे में उसे जानकारी चाहिए। ऐसा इसीलिए क्योंकि कुछ मैटर्स केंद्र सरकार के नियंत्रण में होते हैं, जबकि अन्य राज्य सरकारों, स्थानीय सरकारों या पंचायतों के नियंत्रण में होते हैं।
- आवेदन नियमों के अनुसार ही होना चाहिए।
- आवेदन अंग्रेजी, हिंदी या स्थानीय भाषा में भी फाइल किया जा सकता है।
- आवेदन पत्र लिखने के लिए जन सूचना अधिकारी की मदद भी ली जा सकती है।
- राज्य/केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी को उम्मीदवार का आवेदन जरूर मिल जाना चाहिए।
- जिस विभाग से उम्मीदवार जानकारी चाहता हैं, उसका पूरा नाम और सही पता लिखना होगा।
- अपनी रिक्वेस्ट को उस फॉर्म में भरें। साथ ही, जिस साल या समय की जानकारी आप चाहते है उसे भी स्पष्ट रूप से फॉर्म में भरें।
- अपना आवेदन जमा करने के लिए उम्मीदवार को 10 रुपये का भुगतान करना होगा। यह भुगतान बैंक ड्राफ्ट, मनी ऑर्डर या कोर्ट फी स्टाम्प के रूप में किया जा सकता है।
- बीपीएल कार्ड वाले आवेदकों को किसी भी प्रकार का भुगतान करने की जरूरत नहीं है, अगर वह अपने आवेदन के साथ अपने बीपीएल प्रमाण पत्र की एक फोटोकॉपी लगाते है।
- उम्मीदवार को आवेदन पर ठीक से साइन करना होता है और अपना पूरा नाम, पता, फोन नंबर और ईमेल पता भी लिखना होता है।
- अपना आवेदन को डाक के माध्यम से सही डिपार्टमेंट को भेजें या इसे व्यक्तिगत रूप से भी दिया जा सकता है।
अगर अभी भी आपको आरटीआई या किसी अन्य विषय से संबंधित जानकारी चाहिए तो आप लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है।