लिव-इन रिलेशनशिप का मतलब होता है “शादी जैसा रिश्ता”। जब एक बालिग़(18+) लड़का और लड़की अपनी मर्जी से बिना शादी किये एक साथ शादीशुदा कपल की तरह एक ही छत्त के नीचे रहते है, तो उसे लिव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है।
लेकिन भारत में लंबे समय से लिव-इन को वर्जित माना जाता था। इस रिश्ते में रहने वाले कपल को असम्मान की नज़र से देखा जाता है। भारत में इसके लिए कोई कानून भी नहीं है। कानून के तहत “लिव-इन रिलेशनशिप” शब्द को कहीं समझाया नहीं गया है।
कोर्ट के कदम
हालाँकि 2013 में, लिव-इन रिलेशनशिप का फैसला करने के लिए एक बेंच बनाई गयी थी। बेंच ने अपने आर्डर में कहा, “लिव-इन रिलेशनशिप में रहना अपराध नहीं है। लेकिन संसद को इस तरह के रिश्तों के इशूज़ पर विचार करना होगा, सही कानून लाना होगा या पुराने कानूनों में बदलाव करना होगा। ताकि महिलाओं और इस रिश्ते से होने वाले उनके बच्चों की रक्षा की जा सके। लेकिन फिर भी इस रिश्ते को पूरी तरह से शादी का रिश्ता नहीं माना जा सकता हैं।” इसीलिए इस तरह के रिश्ते को शादी के जैसा बनाने के लिए कोर्ट द्वारा कुछ इंस्ट्रक्शंस दिए गए है। ताकि महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाया जा सके।
अभी तक लिव-इन रिलेशनशिप की कोई कानूनी परिभाषा स्पष्ट नहीं की गयी है। अभी ऐसा कोई कानून नहीं है, जो दोनों पार्टनर्स के दायित्वों, अधिकारों और ऐसे कपल से पैदा हुए बच्चों की सिचुएशन को परिभाषित कर सके। इसलिए, ऐसे रिलेशन्स के कुछ हद्द तक स्पष्टीकरण के लिए कोर्ट्स आगे आई हैं।
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लिव-इन रिलेशनशिप के लिए कोर्ट द्वारा तैयार इंस्ट्रक्शंस
रिश्ते की अवधि
डोमेस्टिक वोइलेंस एक्ट के सेक्शन 2(एफ) में “किसी भी समय” अभिव्यक्ति का यूज़ किया गया है। मतलब, एक रिश्ते को बनाए रखने के लिए टाइम पीरियड, जो हर केस में अलग-अलग हो सकता है।
शेयर फैमिली
इस अभिव्यक्ति को डोमेस्टिक वोइलेंस एक्ट के सेक्शन 2(एफ) के तहत इस तरह परिभाषित किया है। “डोमेस्टिक हाउसहोल्ड” का मतलब ऐसा घर, जहां पीड़ित किसी घरेलू संबंध में अकेले या प्रतिवादी के साथ रहता है। यह घर पीड़ित, प्रतिवादी या दोनों के नाम पर या किराए पर लिया हुआ या जॉइंट फैमिली का हो सकता है।
संसाधनों और फाइनेंसियल रिसोर्सेस की पूलिंग करना
यह बात साफ़ है कि दोनों लिव-इन पार्टनर्स या किसी एक को फाइनेंसियली सपोर्ट करना लम्बे समय के मजबूत रिश्ते रखने के लिए ही किया गया है। यह मदद किसी भी रूप में हो सकती है। जैसे बैंक अकाउंट शेयर करना, लड़की या दोनों पार्टनर्स के नाम पर इममूवेबल प्रॉपर्टी बनाना, पैसे इन्वेस्ट करना, अलग-अलग या जॉइंट तरीके से शेयर्स खरीदना, आदि।
घरेलू व्यवस्था
घर की ज़िम्मेदारी सौंपना, स्पेशली महिला को घर के घर चलाने के लिए, घर की साफ-सफाई, खाना बनाना, घर मेंटेनेंस आदि करने के लिए जिम्मेदारी देना। यह इस बात का इशारा करता है कि वह रिश्ता शादी की प्रकृति के जैसा है।
शादी जैसा रिश्ता (सेक्सुअल रिलेशन्स)
लिव-इन रिलेशनशिप केवल आनंद लेने के लिए नहीं है। बल्कि ऐसे कपल के बीच इमोशनल और फ्रेंडली रिलेशन्स, जो की बच्चों के प्रजनन के लिए भी जरुरी है। यह लिव-इन रिलेशनशिप के नियमों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बच्चे पैदा करना
बच्चे पैदा करना एक अच्छे रिश्ते की मजबूत पहचान है, जो शादी की प्रकृति के लिए जरूरी है। इसका मतलब है कि कपल एक अच्छा और लम्बे समय का रिश्ता बनाना चाहते हैं। बच्चों को पैदा करना और उन्हें पालने के कर्तव्यों को आपस में पूरा करना भी एक अच्छे रिश्ते का संकेत है।
लोगों से घुलना-मिलना और मेलजोल बढ़ाना
एक कपल की शादी के रिश्ते में मजबूती कई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ आती है। शादी के रिश्ते के साथ-साथ सामाजिक दायरे और समाज में लोगों के साथ भी स्वस्थ संबंध बनाए रखना जरूरी है।
दोनों पार्टनर्स का व्यवहार और इरादा
नॉर्मली बीहेव करना, रिलेशन को अच्छे से चलाना, अपने-अपने कर्तव्यों को पूरा करना, अपनी भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभाना आदि। यह सभी फैक्टर्स दोनों पार्टनर्स के रिलेशन को तय करते हैं।
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