अगर भारत में कोई विदेशी शादी करना चाहता है। जैसे – एक एनआरआई, जो भारत में पैदा हुए, लेकिन अन्य देशों में रह रहे हैं। एक पीआईओ, भारत में जन्मे भारतीय जो विदेश में बसे हुए है और जिनको भारत सरकार द्वारा पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजन (पीआईओ) कार्ड जारी किया गया हैं। या फिर एक विदेशी जो किसी और देश के नागरिक है। तो इनके पास यह ऑप्शन है।
धार्मिक विवाह समारोह
भारत में कई धर्म के लोग रहते है। इसीलिए धर्मों के हिसाब से अलग-अलग नियम और पर्सनल लॉ बनाये गए हैं। जैसे – हिन्दू मैरिज एक्ट, मुस्लिम मैरिज एक्ट आदि। भारत में अपने धर्म के रीती-रिवाज से शादी करने को धार्मिक विवाह समारोह कहते है। यह कानूनी मान्य है। और उस शादी को अपने धर्म के पर्सनल लॉ के अंडर रजिस्टर करा सकते है। एक विदेशी और भारतीय की शादी के लिए विदेशी को अपने देश की एम्बेसी से “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” लाना होता है। और अगर विदेशी डिवोर्सी है तो उसकी पिछली शादी की डाइवोर्स की डिक्री भी जरूरी है।
हिंदू मैरिज और रजिस्ट्रशन
पहले हिन्दू धर्म के रीती रिवाज़ो से शादी करनी होती है। बाद में हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत, हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध अपनी शादी रजिस्टर करा सकते है। अगर किसी अन्य धर्म के लोग भी इस एक्ट के अंडर शादी रजिस्टर कराना चाहता है तो वह धर्म परिवर्तन करके भी करा सकता है। इस एक्ट की कुछ शर्तें है। जैसे – लड़के की आयु कम से कम 21 और लड़की की आयु 18 साल होनी चाहिए। दोनों पार्टनर्स प्रोहिबिटेड या सपिण्डा रिलेशन में नहीं आने चाहिए।
रजिस्ट्रशन के लिए डाक्यूमेंट्स
- कपल की शादी के लिए उनका एप्लीकेशन लेटर।
- दोनों पार्टनर्स का बर्थ सर्टिफिकेट।
- दो पासपोर्ट साइज फोटो।
- एक शादी की फोटो।
- कपल की शादी का इनविटेशन कार्ड।
- अगर डिवोर्सी है तो डाइवोर्स की डिक्री की फोटोकॉपी।
- विधवा या विधुर है तो पार्टनर का डेथ सर्टिफिकेट।
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नागरिक विवाह समारोह
जो कपल धार्मिक रीती-रिवाजों से शादी करने की बजाय कोर्ट मैरिज करना चाहते है। वे स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत किसी भी नागरिक समारोह में शादी कर सकते हैं। स्पेशल मैरिज एक्ट के अंडर वो लोग भी शादी कर सकते है, जो अलग-अलग जाती,धर्म या देश से बिलोंग करते है। यह उन लोगो पर भी लागू होता है, जो दोनों पार्टनर्स भारतीय नागरिक हैं, लेकिन विदेश में रह रहे हैं। यहां की गयी शादी कानूनी मान्य है। एक भारतीय और एक विदेशी भी यहां शादी कर सकते है।
स्पेशल मैरिज एक्ट और रजिस्ट्रशन
सबसे पहले कपल को किसी भी मैरिज रजिस्ट्रार को नोटिस भेजना होता है कि वह शादी करना चाहते है। फिर उस नोटिस को 30 दिनों के लिए मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में प्रकाशित किया जाता है। अगर कपल के कोई रिश्तेदार इस नोटिस पर आपत्ति नहीं जताते, तो 30 दिन बाद कपल शादी कर सकते है। शादी पूरी होने के बाद कोर्ट में उस शादी को रजिस्टर करा सकते है। अब मैरिज रजिस्ट्रेशन इस वेबसाइट पर ऑनलाइन भी कर सकते है। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत, शादी करने वाले कपल को उनकी शादी कराने वाले रजिस्ट्रार और सभी गवाहों के साइन वाला मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
रजिस्ट्रेशन के लिए डाक्यूमेंट्स
- विदेशी पार्टनर का वैलिड पासपोर्ट।
- कपल का बर्थ सर्टिफिकेट।
- अगर कोई पार्टनर विधवा या विधुर है। तो उनके मृत हस्बैंड या वाइफ का डेथ सर्टिफिकेट।
- अगर कोई पार्टनर डाइवोर्सी है, तो डाइवोर्स की डिक्री।
- भारत में 30 दिनों से ज्यादा रहने का प्रूफ, जैसे – राशन कार्ड, आदि।
- विदेशी पार्टनर का अपने देश की एम्बेसी से “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट”।
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