विदेश में रह रहे रिश्तेदार के बच्चे को गोद कैसे ले सकते है?

विदेश में रह रहे रिश्तेदार के बच्चे को गोद कैसे ले सकते है?

एक कपल या पति-पत्नी के लिए अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने का सबसे पहला कदम, उनका माता-पिता बनना होता है।  हालाँकि, कई बार कुछ दिक्कतों या परेशानियों के चलते यह सभी कपल्स के लिए संभव नहीं होता है। बहुत कपल्स टेक्नोलॉजी और इलाज की मदद से अपनी परेशानी को दूर करने में सफल रहते है जिससे उन्हें माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हो जाता है।  लेकिन यह सभी के लिए संभव नहीं होता है। 

ऐसे कपल्स जो टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं है या जो लोग ऐसा ना करके सिर्फ बच्चे को गोद लेना चाहते है वह लोग देश की कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए बच्चे को गोद ले सकते है। 

इस प्रक्रिया में अलग-अलग कंडीशंस या स्थिति होने पर अलग-अलग प्रक्रिया है। हम इस लेख में ऐसे बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे, जिन्हे भारत के बाहर रहने वाले किसी रिश्तेदार से, भारत में रहने वाले कपल को गोद लिया जाना है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

दूसरे देश में बच्चे को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया क्या है? 

  1. गोद लेने वाले माता-पिता ‘बाल दत्तक ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शन प्रणाली’ में खुद को रजिस्टर करें और विनियम 55 में दी गई उचित कानूनी प्रोसेस का पालन करें।
  2. बॉयलोजिकल माता-पिता की सहमति या बाल कल्याण समिति की अनुमति होनी चाहिए। इसे अनुसूची XIX या अनुसूची XXII में बताई गयी जरूरतों के अनुसार भरना होता है।
  3. अगर बच्चे की उम्र पांच सा या उससे ज्यादा है, तो उस बच्चे की सहमति ली जाएगी।
  4. अनुसूची XXIV के अनुसार उनकी फाइनेंसियल और सामाजिक स्थिति भी देखी जाती है। 
  5. गोद लेने के केसिस में माता-पिता का शपथ पत्र जरूरी होता है।
  6. माता-पिता अनुसूची XXX में दिए गए अनुसार सक्षम कोर्ट में एक एप्लीकेशन फाइल करें।
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कानूनी प्रक्रिया

  1. माता-पिता, जो एक्ट के सेक्शन 2 की सब-सेक्शन (52) में परिभाषित किये गए किसी रिश्तेदार के बच्चे को गोद लेने का इरादा रखते हैं। सेक्शन 56 की सब-सेक्शन 2 या सब-सेक्शन के तहत सक्षम कोर्ट में एक एप्लीकेशन फाइल करें। 
  2. एक्ट के सेक्शन 60 के केस में देश के एडॉप्शन या अंतर-देश संबंधी एडॉप्शन, बायोलॉजिकल माता-पिता के एक सहमति पत्र या कंसेंट लेटर के साथ जैसा कि अनुसूची XIX में बताया गया है। 
  3. अन्य सभी डाक्यूमेंट्स अनुसूची VI में दिए गए हैं।
  4. बायोलॉजिकल माता-पिता और सौतेले माता-पिता अपने जिले में सहमति पत्र के साथ अनुसूची XXXII को फाइल करें। 
  5. बायोलॉजिकल माता-पिता और बच्चे को गोद लेने वाले सौतेले माता-पिता को अनुसूची XX में बताये गए सभी दस्तावेज अनुसूची VI में देने होंगे।
  6. सौतेले माता-पिता, दूसरे देश में हो रहे एडॉप्शन के केस में उस जिले के संबंधित कोर्ट में बच्चे को गोद लेने का आवेदन फाइल करेंगे।
  7. सौतेले माता-पिता फॅमिली कोर्ट, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, या सिविल कोर्ट में एक एप्लीकेशन लेटर फाइल करेंगे। 
  8. गोद लेने का आदेश जारी करने से पहले, कोर्ट एक्ट के सेक्शन 61 और नियम 51 से 56 के तहत तय अलग अलग शर्तों से खुद को संतुष्ट करेगी। 
  9. माता-पिता कोर्ट से दत्तक ग्रहण आदेश या एडॉप्शन आर्डर की प्रमाणित प्रति या कॉपी लेंगे। 
  10. इसके बाद उन्हें इसकी एक कॉपी प्राधिकरण को ऑनलाइन जमा करानी है। 

अगर आप विदेश में है और आपको अपने किसी रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने में कोई क़ानूनी अड़चन आ रही हो तो आप कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है। यहां आपको पूरी सुविधा दी जाती है और सभी काम कानूनी रूप से किया जाता है। लीड इंडिया के एक्सपर्ट वकील आपकी हर तरह से सहायता करेंगे। हमसे संपर्क करने के लिए आप ऊपर Talk to a Lawyer पर अपना नाम और फ़ोन नंबर दर्ज कर सकते है।

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