इस प्रश्न का उत्तर हां और ना दोनों ही है, क्योंकि अपनी शादी को पंजीकृत तो दूसरे राज्य में करवा सकते है, लेकिन वो राज्य किसी प्रकार से लड़के या लड़की से संबंधित होना चाहिए, तो अगर राज्य कपल से समन्धित है तो इसका उत्तर हां है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो फिर ना है। कोई भी व्यक्ति जो अपनी शादी को रजिस्टर करना चाहता है वो अपने एरिया के सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट के ऑफिस में इसके लिए आवेदन कर सकता है। यह एप्लीकेशन का प्रोसेस ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। इस पूरे प्रोसेस के लिए कपल को सभी जरूरी डिटेल्स देनी होती है।
शादी का पंजीकरण कैसे करवाते है?
भारत में शादी का पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको नीचे बताये गए स्टेप्स को फॉलो करना होता है।
- रजिस्ट्रेशन कराने वाला व्यक्ति अपने गृह राज्य की सरकारी आधिकारिक वेबसाइट को खोलें
- सरकार की उस आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदक शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए फॉर्म को खोजें।
- फॉर्म में पूछी गयी कपल की सभी जरूरी डिटेल्स उस फॉर्म में स्पष्ट रूप से भरें।
- फॉर्म भर जाने के बाद उसे सबमिट कर दें।
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शादी का पंजीकरण किससे करवाए?
भारत में किसी भी शादी को रजिस्टर कराने के लिए कपल को उनके राज्य के उप पंजीयक के कार्यलय या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना होता है और अपनी सभी जरुई और समन्धित डिटेल्स उन्हें देनी होती है।
शादी का पंजीकरण कहाँ करवाना जरुरी है?
हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार, दोनों पार्टनर्स या कपल द्वारा अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उस राज्य के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में अप्लाई करना होगा जिस राज्य में कपल की शादी सम्पन्न हुई है या फिर उस राज्य के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में भी अप्प्प्ली किया जा सकता है जहाँ दोनों पार्टनर्स या दोनों में से कोई भी एक पार्टनर कम से कम 6 महीने तक रहा हो।
क्या भारत में कहीं भी शादी का पंजीकरण कराया जा सकता है?
दरअसल इस बात का भी जवाब ऊपर ही दे दिया गया है कि एक कपल की शादी का पंजीकरण उस राज्य के उप-कार्यालय में हो सकता है जिसके अधिकार क्षेत्र में शादी पूरी हुई है। इसके अलावा, उस उप-कार्यालय में भी शादी को पंजीकृत कराया जा सकता है जहां शादी से पहले दोनों पार्टनर्स में से एक छह महीने से ज्यादा समय तक रहा हो।
भारत में मैरिज रजिस्ट्रेशन से संबंधित एक्ट्स कौन-से हैं?
भारत में मुख्य रूप से दो मैरिज रजिस्ट्रेशन से संबंधित एक्ट्स हैं। इसके अलावा पर्सनल लॉ के तहत भी कई सारे मैरिज रजिस्ट्रेशन के एक्ट्स आते है।
- हिंदू मैरिज एक्ट, 1955
- स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954
- मुस्लिम पर्सनल लॉ
- क्रिस्चियन मैरिज एक्ट, आदि।
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