शादी एक खूबसूरत रिश्ता है, अगर आपके पास कोई ऐसा पार्टनर है जो आपको पूरे दिल से प्यार करता है, सम्मान देता है और दुलार करता है। लेकिन कई शादियों में ऐसा नहीं होता है। कभी-कभी, यह शारीरिक हिंसा, गाली-गलौच वाली भाषा का उपयोग, अन्य समय में यौन हमला, आदि होता है। यह सब विक्टिम पर मानसिक बोझ डालता है, जिसके परिणामस्वरूप मानसिक उत्पीड़न या मेन्टल हैरेसमेंट होता है। लोग अक्सर मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में इतना ज़्यादा हो जाता है कि यह उन्हें खुद को ख़त्म करने या सुसाइड करने के लिए मजबूर कर देता है।
मानसिक हैरेसमेंट के अंतर्गत क्या आता है?
मानसिक उत्पीड़न को अपने आप में अपराध नहीं माना जाता है, इसलिए इसे कानून के तहत परिभाषित नहीं किया गया है। हालाँकि, इसके कुछ फैक्ट्स को अलग-अलग कानूनी प्रोविजन्स के तहत शामिल किया गया है। किसी को भावनात्मक या मानसिक तनाव देना एक अपराध नहीं हो सकता है जब तक कि यह कुछ नुकसान ना पहुंचाए। इस तरह का नुकसान अपमान, मानहानि या इससे भी ज़्यादा गंभीर हो सकता है।
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क्या मानसिक हैरेसमेंट के लिए कोई कानून है?
भारत के संविधान के तहत विवाहित महिलाओं के अधिकारों के लिए कानून बनाये गए हैं, जो ना केवल उनके शारीरिक और फाइनेंसियल राइट्स की रक्षा करते हैं बल्कि उनकी मानसिक स्वास्थ्य की भी सुरक्षा करते हैं। इस लेख में कुछ प्रोविजन्स के बारे में बताया गया है जो पूरी तरह से एक विवाहित महिला को समर्पित नहीं हैं, लेकिन ज्यादातर मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने के लिए बनाये गए हैं।
भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत प्रोविजन्स
सेक्शन 294 – पब्लिक प्लेस पर अश्लील हरकतें करना।
- अगर पति पब्लिक प्लेस में पत्नी के लिए अश्लील भाषा का प्रयोग करता है।
- अगर पति, पत्नी को पब्लिक प्लेस आदि पर अश्लील व्यवहार करने के लिए मजबूर करता है।
आईपीसी का सेक्शन 354 – किसी महिला की इज़्ज़त खराब करने के लिए हमला
- अगर पति अपनी पत्नी पर इस तरह का हमला करता है जिससे उसकी इज़्ज़त को चोट पहुंचती है।
- अगर पति अपनी पत्नी की गरिमा को चोट पहुंचाने के लिए शारीरिक ताकत का प्रयोग करता है, आदि।
सेक्शन 498ए – पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता किया जाना
- अगर पति अभद्र भाषा का यूज़ करता है और पत्नी या उसके परिवार से पैसे की मांग करता है।
- अगर पति पत्नी को सुसाइड के लिए उकसाने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है।
- अगर पति पत्नी से कोई प्रॉपर्टी या पैसे की मांग करता है, जिससे पत्नी या उसके प्रियजनों की जान को खतरा होता है, आदि।
सेक्शन 509 – किसी महिला की इज़्ज़त खराब करने वाले शब्द बोलना, इशारे या ऐसा काम करना
- अगर पति अपनी पत्नी का अपमान करने के लिए अभद्र भाषा का यूज़ करता है।
- अगर पति अपनी पत्नी के लिए शर्मनाक इशारे करता है, आदि।
पति द्वारा मानसिक हैरेसमेंट की पुलिस में शिकायत कैसे करें?
आमतौर पर, क्रिमिनल केसिस में कम्प्लेन उस जगह पर फाइल की जाती है, जहां वह अपराध हुआ होता है। अगर हस्बैंड भारतीय दंड संहिता या घरेलू हिंसा एक्ट के प्रोविजन्स के अनुसार अपनी पत्नी को मानसिक रूप से परेशान करता है, तो पत्नी को यह हक़ है कि वो पास के पुलिस स्टेशन में इसके खिलाफ कम्प्लेन फाइल कर सकती है। इनकी सुनवाई ना होने पर, सीधे मजिस्ट्रेट से भी कांटेक्ट कर सकते है।
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