शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य के साथ सम्बन्ध बनाने पर क्या सज़ा होती है?

शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य के साथ सम्बन्ध बनाने पर क्या सज़ा होती है?

शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य के साथ सम्बन्ध  से क्या मतलब है?

शादीशुदा होते हुए किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध बनाना, सामाजिक और मानसिक संबंधों की अवैध व्याप्ति को संकेत करता है। इसका मतलब होता है कि व्यक्ति अपने विवाहित साथी के बाहर संबंध बना रहा है, जिसका विवाहित संगति के साथ ताल्लुक होता है। यह वैध नहीं माना जाता है और सामाजिक, मानसिक और नैतिक उत्पीड़न और विश्वासघात का कारण बनता है।

व्यक्ति जब शादीशुदा होते हुए अपने पत्नी या पति के बाहर संबंध बनाता है, तो यह संबंध सामाजिक, पारिवारिक और कानूनी संदेह उठा सकता है। इसके अलावा, ऐसे संबंधों के बारे में सार्वजनिक चर्चाएं, उदासीनता, और पारिवारिक संघर्ष भी हो सकते हैं।

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यदि किसी व्यक्ति को शादीशुदा होते हुए अन्य व्यक्ति के साथ संबंध बनाने के आरोप में पकड़ा जाता है, तो इसे कानूनी रूप से गैर-दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता प्राप्त हो सकता है और उसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। 

शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य के साथ सम्बन्ध बनाने पर क्या सज़ा होती है?

भारतीय कानून में, शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाने पर निम्नलिखित संबंधित कानूनी प्रावधान हैं

धारा 497 और 498 आईपीसी (भारतीय दंड संहिता)

इन धाराओं के तहत, यदि एक पुरुष शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाता है, तो यह अपराध माना जाता है। यह अपराध शारीरिक संबंध, सहवास या सेक्सुअल आपराध के रूप में परिभाषित होता है। धारा 497 और 498 आईपीसी अधिनियम के तहत यह अपराध गैर-दंडनीय है और सजा के रूप में दो साल की कारावास प्रावधानित की जा सकती है।

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वैवाहिक अपराध

वैवाहिक अपराध कानूनी उपायों के तहत गिनाए जाते हैं और उन्हें शादीशुदा व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसमें शामिल हो सकते हैं वैवाहिक विश्राम, वैवाहिक अवमानना, वैवाहिक हिंसा, विश्वासघात और शादीशुदा व्यक्ति के लिए मानसिक या आर्थिक हानि के कारणों से होने वाली कार्रवाई। ये अपराध विभिन्न सजा प्रावधानों के अनुसार दण्डित किए जा सकते हैं।

शादीशुदा होते हुए भी किसी अन्य के साथ सम्बन्ध होने पर सजा

भारतीय कानून में, शादीशुदा होते हुए किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध बनाने पर निम्नलिखित अपराध और सजाएं प्रावधानित हो सकती हैं

धारा 497 आईपीसी

इस धारा के अनुसार, जब शादीशुदा पुरुष किसी और महिला के साथ संबंध बनाता है, तो उसे गैर-दंडनीय अपराध के रूप में मान्यता प्राप्त हो सकता है। यह अपराध के लिए जुर्माना के रूप में दो साल की कारावास और जुर्माना की सजा प्रावधानित हो सकती है।

धारा 498 आईपीसी

धारा 498 इंडियन पेनल कोड (IPC) के तहत अपराध के प्रावधान करती है जब शादीशुदा पुरुष किसी अन्य महिला के साथ वैवाहिक संबंध बनाता है और विवाहित स्त्री को धोखा देता है। इस अपराध के लिए सात वर्ष की कारावास और जुर्माना की सजा प्रावधानित हो सकती है।

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