मर्जी से शादी ना होने पर कितने समय में डाइवोर्स लिया जा सकता है?

मर्जी से शादी ना होने पर कितने समय में डाइवोर्स लिया जा सकता है?

भारतीय विवाह अधिनियम के अनुसार, मर्जी से शादी न होने पर तलाक की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है:

1.तलाक लेने के लिए पहले तीन महीने का विचाराधीन काल लगता है। इस अवधि के बाद, तलाक प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

2.तलाक की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए, शादीशुदा व्यक्ति को अपने नजदीकी तलाक अदालत में एक तलाक आवेदन पत्र दाखिल करना होगा।

3.अदालत द्वारा, शादीशुदा व्यक्ति को उसकी पत्नी से विचार करने का मौका दिया जाता है। यदि दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं होता है तो अदालत तलाक देने के लिए फैसला देती है।

4.तलाक की प्रक्रिया का समय अधिकतम तीन महीने तक चलता है। तलाक का फैसला आने के बाद दोनों पक्षों को उसका पालना करना होता है।

कुल मिलाकर, तलाक की प्रक्रिया लगभग छह महीने से एक साल तक का समय ले सकती है, इसलिए इसकी समय सीमा निश्चित नहीं होती है।

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क्या तलाक के बिना दूसरी शादी कर सकता हूं 

भारतीय विवाह अधिनियम के अनुसार, जब तक आपका तलाक नहीं होता है, आप दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं। तलाक के बाद आप दूसरी शादी कर सकते हैं, लेकिन इसमें भी कुछ नियम होते हैं।

अगर आपकी पहली शादी हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत हुई है, तो आप तीन महीने के भीतर दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी पहली पत्नी से तलाक लेना होगा या उनकी मृत्यु होनी चाहिए। तलाक के बाद आप दूसरी शादी कर सकते हैं, लेकिन इसमें भी कुछ नियम होते हैं। जब तक आपका तलाक नहीं होता है, आप दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं।

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तलाक के बिना मैं दूसरी शादी कैसे कर सकता हूं 

तलाक के बिना दूसरी शादी करने के लिए, पहली शादी के सम्बन्ध में विवाह अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का पालन करना होता है। अगर आपकी पहली शादी धार्मिक विवाह थी, जो हिंदू विवाह अधिनियम के बाहर होती है, तो आप तुरंत दूसरी शादी कर सकते हैं, तलाक लेने की जरूरत नहीं होगी।

यदि आपकी पहली शादी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हुई है, तो आपको पहले अपनी पहली पत्नी से तलाक लेना होगा या उनकी मृत्यु होनी चाहिए। तलाक के बाद, तलाक प्रमाणपत्र जारी करने और उसे नोटरी द्वारा प्रमाणित करवाने के बाद आप दूसरी शादी कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपने दूसरे विवाह को विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत करवाना होगा ताकि आपकी दूसरी शादी कानूनी रूप से मान्य हो सके।

ध्यान दें कि, तलाक बिना दूसरी शादी करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। तलाक के बिना दूसरी शादी करना केवल धार्मिक तथा सामाजिक मान्यताओं के अनुसार हो सकता है। अगर पहली पत्नी से तलाक के बिना आप दूसरी शादी करते हैं तो आप को कानूनन सजा भी मिल सकती है।

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