नियम और कानून किसी भी देश या क्षेत्र को चलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के अंदर समय समय पर अलग-अलग कानून बनाए जाते हैं जो समाज के अंदर शान्ति व्यवस्था कायम रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी इन सारे नियमों को पढ़ते हैं उन्हें समझते हैं तथा आगे चलकर जनता को उसके अधिकारों के तहत न्याय दिलाने में मदद करते हैं।
जैसे-जैसे भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कारपोरेट तक डेवलप हो रहा है ऐसे में कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए सैकड़ो करियर ऑप्शन उभर कर सामने रहे हैं। सरकारी से लेकर प्राइवेट तक कानून की डिग्री और ज्ञान लिए विद्यार्थियों की डिमांड हर जगह है। देश के अंदर तेजी के साथ बढ़ते हुए कॉरपोरेट कल्चर में लॉ को जानने वाले स्टूडेंट्स के लिए अपनी पहचान बनाने का एक अलग ही मौका है यहां अच्छे पैसे के साथ नाम और फेम भी मिलता। अगर हम सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों पर नजर डालें तो कानून के विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित करियर ऑप्शन हो सकते हैं।
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सरकारी विभाग में
लॉ की डिग्री लेने के बाद कोई भी विद्यार्थी सरकार द्वारा समय-समय पर चलाई जाने वाले जुडिशल एग्जाम के साथ-साथ सिविल एक्जाम की भी तैयारी कर सकता है। लॉ की डिग्री लेने के बाद जज के लिए भी आवेदन किया जा सकता है। परीक्षा पास करने के बाद डॉ की डिग्री से जज बना जा सकता है। जुडिशल क्लर्कशिप के लिए भी आवेदन किया जा सकता है जिसका काम जज के सहायक के तौर पर कानून संबंधी रिसर्च में जज की सहायता करना होता है। इसके अतिरिक्त देशभर के अलग-अलग हाईकोर्ट में समय-समय पर कानून के विद्यार्थियों के लिए वैकेंसी आती रहती हैं जिसमें अच्छी सैलरी के साथ- साथ और ढेरों सुविधाओं की भी व्यवस्था होती है।
प्राइवेट सेक्टर में करियर
कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी के लिए प्राइवेट सेक्टर भी आज किसी वरदान से कम नहीं है। लीगल एडवाइजर की जरूरत हर किसी सेक्टर में है चाहे वह रियल स्टेट का बिजनेस हो कोई स्टार्टअप हो अथवा को सोशल ऑर्गेनाइजेशन हो या फिर कोई इंडस्ट्रियल एरिया हो। प्रॉपर्टी से लेकर किसी बड़े डील की एग्रीमेंट तक हर जगह लीगल एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है । थोड़ा सा ट्रेंड होकर कोई भी कानून का विद्यार्थी जिसके पास लॉ की डिग्री है वह इस क्षेत्र में अपना हाथ आजमा सकता है । लीगल एनालिस्ट प्राइवेट सेक्टर में एक बहुत ही पॉपुलर पोजीशन है जिसका सालाना पैकेज ₹6 लाख रुपए से शुरू होता है। समय बढ़ाने के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में पैसा भी बढ़ता है। लेकिन प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने के लिए आपके पास नॉलेज होना अत्यंत आवश्यक होता है।
कानून की पढ़ाई करने के लिए प्रवेश कैसे पा सकते हैं ?
देश के अंदर बढ़ती हुई आबादी के साथ विकास भी अपनी रफ्तार पकड़े हुए है। ऐसे में जहां सैकड़ो स्टार्टअप और कंपनी प्रतिदिन खुल रही हैं वहीं अलग-अलग तरीके के क्राइम भी देखने को मिल रहे हैं। कई बार नियमों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इन सारी समस्याओं के बीच लॉ कानून के विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा अवसर बन कर आ रहा है।
आज कानून की अच्छी जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल की डिमांड हर सेक्टर में है। रियल एस्टेट से लेकर कॉरपोरेट सेक्टर में एग्रीमेंट बनाने तक हर जगह लीगल एडवाइजर की जरूरत पड़ती है। आज हम अपने इस आर्टिकल में इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि कैसे कोई विद्यार्थी कानून की पढ़ाई कर सकता है और उसके लिए कौन सा कोर्स आवश्यक होता है।
कानून की पढ़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण कोर्स होता है एल एल बी। इस कोर्स का पूरा नाम होता है बैचलर आफ लॉ। वैसे तो यह है ग्रेजुएशन के समक्ष कोर्स होता है लेकिन इसकी अवधिअन्य कोर्सों की अपेक्षा अधिक होती है। जहां इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई में ग्रेजुएशन करने के लिए विद्यार्थी को 4 साल का समय देना होता है वहीं कानून की जानकारी के लिए 12वीं पास विद्यार्थी को 5 वर्ष का समय देना होता है। लेकिन अगर किसी विद्यार्थी ने पहले से अपना ग्रेजुएशन कर रखा है अर्थात उसने बीए बीएससी अथवा कोई और डिग्री ले रखी है और उसके बाद वह कानून की पढ़ाई करना चाहता है तथा कानून के सेक्टर में अपना कैरियर बनाना चाहता है तो उसे सिर्फ 3 साल का एलएलबी कोर्स करना होता है।
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