अंतरजातीय विवाह योजना के लाभ क्या हैं? जानिए पात्रता, प्रक्रिया और सरकारी सहायता

What are the benefits of Intercaste Marriage Scheme Know eligibility, process and government assistance

भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में जाति व्यवस्था एक लंबे समय से सामाजिक भेदभाव और असमानता का कारण रही है। इस भेदभाव को तोड़ने के लिए सरकार ने अंतरजातीय विवाह योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और जातिवाद की जड़ें कमजोर करना है।

इस ब्लॉग में आप जानेंगे: अंतरजातीय विवाह योजना क्या है? इसके सामाजिक और आर्थिक लाभ क्या हैं? पात्रता और आवेदन प्रक्रिया क्या है? कौन-कौन सी सरकारें क्या प्रोत्साहन देती हैं?

अंतरजातीय विवाह का अर्थ

अंतरजातीय विवाह वह विवाह है, जिसमें विवाह करने वाले दो व्यक्तियों की जातियाँ अलग होती हैं। भारतीय समाज में परंपरागत रूप से विवाह जाति और गोत्र के आधार पर ही होते रहे हैं, लेकिन जब कोई युवा इस सीमारेखा को पार करता है तो यह समाज में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे की दिशा में बड़ा कदम होता है।

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इस योजना के प्रमुख उद्देश्य

  • जातिवाद को कम करना: विवाह को सामाजिक समरसता का माध्यम बनाना
  • समान अवसर देना: सभी जातियों को एक जैसे अधिकार और सम्मान मिल सके
  • आर्थिक मदद द्वारा सशक्तिकरण: विवाह करने वाले जोड़ों को आत्मनिर्भर बनाना
  • सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देना: समाज में व्याप्त ऊंच-नीच की मानसिकता को चुनौती देना

अंतरजातीय विवाह योजना के मुख्य लाभ

 1. आर्थिक सहायता

  • विवाह करने वाले पात्र जोड़े को सरकार द्वारा एकमुश्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
  • यह राशि शादी के बाद जीवन की शुरुआत के लिए सहयोगी होती है।

 2. सामाजिक समरसता

  • यह विवाह समाज में जाति आधारित भेदभाव को चुनौती देते हैं।
  • विभिन्न समुदायों के बीच समझ और एकता को बढ़ावा मिलता है।
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 3. सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता

  • कई बार ऐसे जोड़ों को अन्य सामाजिक योजनाओं में प्राथमिकता मिलती है, जैसे सरकारी नौकरी, हाउसिंग, छात्रवृत्ति आदि में।

पात्रता शर्तें (Eligibility Criteria)

  • विवाह एक हिंदू और एक अनुसूचित जाति सदस्य के बीच होना चाहिए। (यह केंद्र सरकार की डॉ. अंबेडकर योजना की प्राथमिक शर्त है)
  • दोनों पक्षों की आय कुछ निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए (यह राज्य-वार भिन्न हो सकता है; सामान्यतः ₹5 लाख सालाना से कम)
  • विवाह कानूनन रजिस्टर्ड होना चाहिए (विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य है)
  • आवेदन शादी के एक वर्ष के भीतर करना जरूरी है

राज्यवार प्रोत्साहन राशि (Inter-caste Marriage Benefits by State)

राज्यप्रोत्साहन राशियोजना का नाम
राजस्थान₹10,00,000अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना
मध्य प्रदेश₹2,00,000अंतर्जातीय विवाह योजना
बिहार₹2,50,000मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह योजना
उत्तर प्रदेश₹50,000  + ₹2,50,000अंबेडकर फाउंडेशन योजना
केंद्र सरकार₹2,50,000डॉ. अंबेडकर अंतर्जातीय विवाह योजना

नोट: राशि में संशोधन संभव है; आवेदन से पहले राज्य की वेबसाइट या SDM कार्यालय से जानकारी अवश्य लें।

आवेदन प्रक्रिया कैसे करें?

  • शादी रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन करें
  • संबंधित राज्य की आधिकारिक सामाजिक कल्याण विभाग की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करें या कार्यालय में जाकर प्राप्त करें

जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करें:

  • विवाह प्रमाणपत्र
  • आधार कार्ड/पहचान पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जाति प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण

फॉर्म को सही तरीके से भरकर संबंधित अधिकारी को जमा करें

निष्कर्ष

अंतरजातीय विवाह योजना न केवल जातिवाद के विरुद्ध एक साहसी कदम है, बल्कि यह विवाह करने वाले जोड़ों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त भी बनाता है। यदि आप या आपका कोई जानकार ऐसे विवाह के माध्यम से समाज में बदलाव लाना चाहता है, तो यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है।

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सरकार की इस पहल को मजबूत बनाने के लिए, जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें और इसका लाभ उठाएं।

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FAQs 

1. क्या अंतरजातीय विवाह के लिए कोई प्रमाणपत्र अनिवार्य है?

हाँ, कानूनी रूप से रजिस्टर्ड विवाह प्रमाणपत्र इस योजना का मुख्य दस्तावेज़ है।

2. क्या प्रेम विवाह भी इस योजना में मान्य हैं?

हाँ, यदि विवाह कानूनन रजिस्टर्ड हो और एक पक्ष अनुसूचित जाति से हो।

3. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कब करना होता है?

विवाह के एक वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।

4. क्या सामान्य जाति के व्यक्ति को यह लाभ मिल सकता है?

हाँ, यदि उसका जीवनसाथी अनुसूचित जाति से है, और अन्य शर्तें पूरी होती हैं।

5. आवेदन कहां करें?

आप अपने जिले के सामाजिक न्याय विभाग / सामाजिक कल्याण विभाग में आवेदन कर सकते हैं या राज्य की वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं।

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