भारत में एनआरआई लड़के अथवा लड़की के विवाह के क्या नियम हैं?

भारत में एनआरआई लड़के अथवा लड़की के विवाह के क्या नियम हैं?

भारत में NRI शादी के क्या हैं नियम कानून?

आधुनिक युग में लोग दिन प्रतिदिन अलग अलग देशों में रहने के सपने देखते हैं। बढ़ती कनेक्टविटी के चलते आज विदेशों में नौकरी करना और वहां बसना आसान काम हो गया है। 

ऐसे में एक साथ रहते-रहते दो देश के कपल जब शादी करने का इरादा करते हैं तो उन्हें कुछ कानूनों का पालन करना होता है, क्योंकि हर देश में  विवाह से जुड़े अलग-अलग रिचुअल्स और कानून हैं, तो ऐसे में दो देशों के एक जोड़े को शादी के बंधन में बांधने के लिए कुछ कानूनी प्रक्रियाएं हैं| भारत में भी ऐसे जोड़ो के लिए एक अलग कानून है जिसे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रखा गया है।  

इस आर्टिकल में देखेंगे कि आखिर विदेशी पार्टनर के साथ शादी करने के लिए भारत में क्या नियम और कानून हैं और यह कैसे होती है ?

सबसे पहले जानते हैं भारत में कानून के अनुसार आखिर एनआरआई होते कौन हैं?

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एनआरआई क्या होता है?

एनआरआई का फ़ुल फ़ॉर्म, नॉन रेज़िडेंट इंडियन होता है। एनआरआई वे भारतीय नागरिक होते हैं जो किसी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से ज़्यादा समय तक भारत से बाहर रहते हैं। एनआरआई को प्रवासी भारतीय भी कहा जाता है। ये रोजगार, व्यवसाय या किसी अन्य वजह से भारत से बाहर रहते हैं। भारत का कानून एनआरआई को बुनियादी अधिकार प्रदान करता है और भारत सरकार उनकी सुरक्षा करती है।

एनआरआई होने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास भारतीय पासपोर्ट और नागरिकता होनी आवश्यक है। 

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एनआरआई विवाह से संबंधित कौन से कानून हैं ? 

एनआरआई विवाह एक ऐसा विवाह है जिसमें  पति या पत्नी दोनों में से कोई एक अथवा दोनों विदेश में बसे होते हैं। 

भारत में एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) लोगों की शादी के लिए, विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत पंजीकरण कराना होता है। इस अधिनियम के तहत, किसी भी जाति, धर्म, या राष्ट्र से जुड़े लोग आपस में शादी कर सकते हैं। इसके लिए किसी धर्म के निजी कानून की ज़रूरत नहीं होती है। 

इसके अतिरिक्त साल 2019 में अनिवासी भारतीय (प्रवासी) विवाह पंजीकरण विधेयक को मंजूरी दी गई अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019 के मुताबिक, कोई भी एनआरआई जो भारत के अंदर या बाहर किसी भारतीय नागरिक या किसी अन्य एनआरआई से शादी करता है, उसे 30 दिनों के भीतर अपनी शादी का पंजीकरण कराना होगा। अगर 30 दिनों के अंदर शादी पंजीकृत नहीं की जाती, तो एनआरआई का पासपोर्ट जब्त किया जा सकता है। इस विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक, अनिवासी भारतीयों द्वारा की जाने वाली शादियों का पंजीकरण भारत या विदेश में स्थित भारतीय दूतावास में कराना होता है।

 भारत में एनआरआई की शादी के लिए, दोनों पक्षों को मैरिज रजिस्ट्रार के सामने आवेदन करना होता है। शादी रजिस्ट्रार के सामने तीन गवाहों की मौजूदगी में होती है। कोर्ट मैरिज में किसी तरह की कोई धार्मिक पद्धति नहीं अपनाई जाती। 

विदेश मंत्रालय ने विधि आयोग से एनआरआई विवाहों के मुद्दे की जांच करने और अंतरराष्ट्रीय कानून व निजी कानूनों के संबंध में अपने नियमों  को मजबूत करने को कहा है। 

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एनआरआई के विवाह की शर्तें

भारत में एनआरआई विवाह के लिए, निम्नलिखित ज़रूरी शर्तें होती हैं: 

  • लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल पूरी होनी चाहिए।
  • दोनों पार्टनर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए।
  • भारत में 30 दिनों से ज़्यादा रहने का सबूत होना चाहिए।
  • विदेशी पार्टनर का वैलिड पासपोर्ट होना चाहिए।
  • कपल का बर्थ सर्टिफ़िकेट होना चाहिए।
  • अगर कोई पार्टनर विधवा या विधुर है, तो पार्टनर का डेथ सर्टिफिकेट होना चाहिए।
  • अगर कोई पार्टनर तलाकशुदा है, तो तलाक की डिक्री होनी चाहिए।
  • विदेशी पार्टनर का अपने देश की एम्बेसी से “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट” होना चाहिए।

भारत में एनआरआई विवाह के लिए कोई कठोर कानून नहीं है। हालांकि, सभी राज्यों ने राज्य के भीतर होने वाले विवाहों को पंजीकृत करना अनिवार्य बना दिया है। अगर विवाह पंजीकृत नहीं है, तो इसकी वैधता साबित करना मुश्किल हो सकता है। विवाहित व्यक्तियों को मैरिज रजिस्ट्रार द्वारा  विवाह को प्रदर्शित करने वाला एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है|

भारत में एनआरआई विवाह भी सामान्य विवाह के तरह ही किया जाता है। हालांकि सामाजिक तौर पर विदेशी और भारतीय संस्कृति के एक साथ मिलाप के कारण यह किसी भी पारंपरिक विवाह से कुछ अलग होता है । भारत का कानून मुख्य रूप से एनआरआई विवाह में यह जांच करने की कोशिश करता है कि उक्त विवाह से पूर्व लड़के अथवा लड़की शादीशुदा न हो, अथवा कोई ऐसे नियम का उलंघन न करता हो जिसकी वजह से भारत में विवाह का नियम का उलंघन होता है।

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