भारत में शादी जन्मों का रिश्ता माना जाता है। लेकिन कई बार किसी एक पार्टनर की वजह से शादी निभाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर तलाक लेना हो तो बड़ी समस्या हो जाती है। खासतौर से एकतरफा तलाक बड़ी मुश्किल बात लगती है।
कई बार आम लोगों को इतनी भी जानकारी नही होती कि तलाक के लिए अर्जी कैसे डालें। वो ये भी नहीं जानते कि तलाक लेने के लिए क्या ग्राउंड हैं।
लेकिन आगे बढ़ने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि तलाक दो तरह के होते हैं- म्युचुअल डिवोर्स यानी कि आपसी सहमति से तलाक लेना। दूसरा होता है एक तरफा तलाक।
दोनों ही तरह के तलाक के लिए कुछ लीगल ग्राउंड होते हैं जिनके आधार पर आसानी से तलाक मिलता है। आइये जानते हैं कि एक तरफा तलाक लेने के लिए क़ानून में क्या आधार बताये हैं।
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एकतरफा तलाक की प्रोसेस और उसके आधार इस प्रकार हैं-
विवाहेतर यौन सम्बन्ध
शादीशुदा होने के बाद भी अगर पति या पत्नी में से कोइ किसी अन्य महिला या पुरुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध में है तो ये एकतरफा तलाक की सबसे बड़ी वजह होती है।
पति या पत्नी कर ले धर्म परिवर्तन
यदि एक पार्टनर अपने दूसरे पार्टनर को विश्वास में लिए बिना या उसकी मर्जी के खिलाफ अपना धर्म परिवर्तन कर लेता है तो ये एकतरफा तलाक का मजबूत आधार बनता है।
पति या पत्नी में से किसी को हो लाइलाज बीमारी
यदि किसी एक पार्टनर को कोई लाइलाज बीमारी हो जाए जिससे कि दूसरे पार्टनर को भी इन्फेक्शन होता हो तो ये एकतरफ़ा तलाक का आधार बनता है।
पति या पत्नी में से कोइ संन्यास ले ले
अगर पति या पत्नी में से कोइ सन्यास ले ले तो ये एक तरफा तलाक की वजह बनती है।
पार्टनर छोड़ कर चला जाए
अगर आपका पार्टनर घर छोड़कर चला गया है और आपको उसके बारे में कोई इन्फोर्मेशन नहीं है की वो कहा गया है. तो ये एक तरफा तलाक के लीगल ग्राउंड बनते है।
एकतरफा तलाक की अर्जी कैसे डालें
यदि आपके पास भी इनमे से कोइ आधार है तो आप भी एकतरफा तलाक के लिए अदालत में अर्जी डाल सकते हैं।
- सबसे पहले किसी अच्छे वकील को हायर करें। यानी वो वकील मैट्रिमोनियल मामलो के एस्क्पर्ट हो तो ज्यादा अच्छा।
- वकील के चुनाव करने के बाद अच्छे से तलाक की अर्जी लिखवायें जिसमे उन वजहों या आधारों को मजबूती और स्पष्ट रूप से लिखवायें जो एकतरफा तलाक के लिए बताये गए हैं।
- इसके अलावा आप अपने वकील से डिस्कस करें कि क्या केवल तलाक के लिए अर्जी देनी चाहिए या विवाह संबंधी और किसी तरह के संबंधिति केस करना भी आपके केस के लिए जरूरी है या नहीं।
- इस तरह सही तरीके से ड्राफ्ट किया गया केस अदालत में दाखिल करते हैं तो आसानी से एकतरफा तलाक लिया जा सकता है।