आजकल ज्यातर सभी के पास गाडी होती है। ऐसे में जब भी गाडी चलाने वाले लोगों से ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन होता है और ट्रैफिक पुलिस उन्हें रोकती है, तो वह उससे बचने के लिए अनगिनत बहाने बनाते है। ट्रैफिक पुलिस के स्टाफ से बहस करते है और कई बार तो बिना जुर्माना दिए ही भाग जाते है। इन परेशनियों के लिए ई-चालान के रूप में एक हल निकाला है।
इस चालान के आने से अब इस तरह की सिचुएशन्स कम दिखती है। अब उल्लंघन करते समय लोगों की फोटो या वीडियो कैमरे में कैद हो जाते हैं। जिस वजह से वे अपनी गलती को मानने से इंकार नहीं कर सकते है। आगे विस्तार में समझते है कि ट्रैफ़िक उल्लंघन कर्ताओं को कैमरे के द्वारा कैसे पकड़ा जाता हैं। ई-चालान प्रोसेस क्या है और कैसे काम करती है।
ई-चालान क्या है –
ई-चालान एक ऐसा चालान होता है, जो उल्लंघन करने वालों के कांटेक्ट में आये बिना किया जाता है। मतलब ऐसा चालान जो उल्लंघनकर्ता को रोके बिना या उनसे बात किये बिना, सिर्फ दूर से ही फोटो या वीडियो के माध्यम से किया जाता है।
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इस चालान के दो तरीके –
(1) यह चालान करने के लिए कई स्थानों पर कैमरे लगाए गए है। ये कैमरे उस घटना की फोटो क्लीक करते है, जिनमें साफ़ दिख रहा हो की उल्लंघन कर्ता ने ट्रैफिक रूल्स को तोडा है।
(2) दूसरा चालान, ऐप पर आधारित होता है। ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के फोन में इस ऐप को डाउनलोड किया जाता है। और जब भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी कोई ट्रैफिक उल्लंघन नोटिस करता हैं, तो वह उसकी फोटो क्लिक करके ऐप पर अपलोड कर सकते हैं। फोटो अपलोड होने के बाद चालान जारी किया जाता है।
यह दोनों चालान उल्लंघनकर्ता और ट्रैफिक पुलिस कर्मीयों के बीच बातचीत के बिना किये जाते हैं। साथ ही, इससे समय की बचत होती है।
जुर्माना भरने का प्रोसेस:-
(1) जब एक व्यक्ति ट्रैफिक रूल्स तोड़ता है, तो उसके रजिस्टर्ड नंबर पर चालान से रिलेटेड एक टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है।
(2) उस मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करके वेबसाइट का पेज खुल जायेगा।
(3) उस पेज पर उल्लंघनकर्ता तोड़े गए ट्रैफिक रूल के जुर्माने का भुगतान कर सकता है।
(4) अगर व्यक्ति ने उल्लंघन नहीं किया है या चालान भेजने में कोई गलती हुई है। तो वह व्यक्ति इसकी शिकायत कोर्ट में कर सकता हैं।
कैमरे कैसे चालान जारी करते हैं।
‘निगरानी समाधान कंपनी, वेहंत टेक्नोलॉजीज के सीईओ और सह-संस्थापक कपिल बर्देजा’ के अनुसार, चालान जारी करने का ये प्रोसेस होता है।
(1) जब कोई गाडी ट्रेफिक रूल्स तोड़ती है, तो रेड लाइट्स पर लगे ये कैमरे उस गाड़ी की फोटो और शॉर्ट वीडियो कैप्चर करते है।
(2) फिर चालान से सम्बन्धित डेटा कंट्रोल रूम भेजा जाता है।
(3) इस डेटा में गाडी का नंबर और किस प्रकार का उल्लंघन हुआ है और तारीख, समय, कैमरा नंबर का एन्क्रिप्टेड फोटो होता है।
(4) इसके बाद, यह डेटा VAHAN नामक ‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय’ के ”राष्ट्रीय वाहन रजिस्ट्री डेटाबेस” में भेजा जाता है।
(5) फिर उल्लंघनकर्ता के रजिस्टरड फोन नंबर पर टेक्स्ट मैसेज भेजा जाता है।