इंटरकास्ट शादी करने पर सरकार की तरफ से कितने पैसे मिलते है।

कपल कोर्ट मैरिज करके रुपए प्राप्त कर सकते हैं।

भारतीय संविधान के अनुसार, सभी बालिग़ नागरिकों अधिकार है कि वह अपनी मर्जी से अपना लाइफ पार्टनर चुन सकते है। बशर्ते सभी कपल को कानून में बनाये गए शादी के सभी नियमों का पालन करना होगा। लेकिन ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों की शादी अपनी ही जाती या धर्म में करना चाहते है। जिससे युवाओं का अपनी पसंद से शादी करने के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

भारत सरकार द्वारा योजना की शुरुवात:-

भारत सरकार ने 2013 में इस समस्या को खत्म करने के लिए एक योजना की शुरुवात की थी। इस योजना का नाम “डॉ अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज” था। इस योजना के तहत इंटरकास्ट मैरिज करने वाले कपल को सरकार आर्थिक मदद देती है। उन्हें प्रोत्साहन के रूप में ₹2.5 लाख रुपय तक दिए जाते है।

योजना का लाभ किसे मिलेगा:-

(1) एक पार्टनर दलित:-

दोनों पार्टनर्स में से किसी भी एक पार्टनर का दलित होना जरूरी है। और दूसरे पार्टनर का दलित के अलावा किसी अन्य जाती वर्ग से होना जरूरी है।

(2) हिंदू मैरिज एक्ट:-

कपल की कोर्ट मैरिज होनी चाहिए और उनकी शादी हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत रजिस्टर होनी चाहिए।

(3) न्यूली मैरिड कपल:-

यह योजना केवल न्यूली मैरिड कपल के लिए ही बनाई गयी है। दूसरी शादी करने पर इसका लाभ नहीं मिलेगा।

(4) आवेदन भेजना:-

कपल को उनकी शादी के एक साल के अंदर ही “डॉ आंबेडकर फाउंडेशन” को अपना आवेदन भेजना होता है। आवेदन भेजने के बाद कपल को सूचना दे दी जाती है कि उन्हें इस योजना का फायदा मिलेगा या नहीं।

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(5) सिगनेचर:-

आवेदन को भेजने वाले कपल के आवेदन पत्र में सांसद, विधायक या फिर जिला अधिकारी के साइन होना जरुरी होता है। तभी वो आवेदन वैलिड माना जाता है।

(6) बैंक अकाऊंट:-

दोनों में से किसी भी एक पार्टनर का बैंक अकॉउंट होना चाहिए। दोनों पार्टनर्स का जॉइंट अकाऊंट होना जरूरी नहीं है। बैंक अकॉउंट यूज़र के आधार नंबर से लिंक होना चाहिए।

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आवेदन कैसे करें:-

इस योजना से सरकार द्वारा कपल को दी जा रही इस आर्थिक मदद को दो तरीकों से प्राप्त किया जा सकता हैं।

(1) डायरेक्ट आवेदन:-

कपल अपने एरिया के विधायक या सांसद की सिफारिश पर अपना आवेदन डायरेक्ट “डॉक्टर अंबेडकर फाउंडेशन” को भेज सकते हैं।

(2) जिला प्रशासन द्वारा आवेदन:-

कपल अपना आवेदन भरकर अपने जिला प्रशासन को या राज्य सरकार को भेज दें। इसके बाद वह खुद डॉ आंबेडकर फाउंडेशन में कपल का आवेदन भेज देते है।

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