क्या वाइफ की पिछली शादी से जन्मे बच्चे को गोद लिए जा सकता है?

क्या वाइफ की पिछली शादी से जन्मे बच्चे को गोद लिए जा सकता है?

एक कपल या पति-पत्नी के लिए अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने का सबसे पहला कदम, उनका माता-पिता बनना होता है। हालाँकि, कई बार कुछ दिक्कतों या परेशानियों के चलते यह सभी कपल्स के लिए संभव नहीं होता है। बहुत कपल्स टेक्नोलॉजी और इलाज की मदद से अपनी परेशानी को दूर करने में सफल रहते है, जिससे उन्हें माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हो जाता है। लेकिन यह सभी के लिए संभव नहीं होता है। 

इस प्रक्रिया में अलग-अलग कंडीशंस या स्थिति होने पर अलग-अलग प्रक्रिया है। हम इस लेख में ऐसे बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे, जिन्हे भारत के बाहर रहने वाले किसी रिश्तेदार से, भारत में रहने वाले कपल को गोद लिया जाना है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

वाइफ की पहली शादी से हुए बच्चे को कैसे गोद लें?

भारत में एडॉप्शन यानि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया तभी सुचारू सूप से की जा सकती है जब उस बच्चे के जैविक/बायोलॉजिकल पिता और माता की सहमति उस एडॉप्शन में शामिल हो। जहां तक की वाइफ की पिछली शादी से पैदा हुए बच्चे को गोद लेने की बात है तो यहाँ दो सिचुएशन बनती है। 

  1. पहली वह जब महिला के पहले पति यानि बच्चे के बायोलॉजिकल पिता की मृत्यु हो गयी हो। 
  2. और दूसरी जब महिला का उसके पहले पति यानि बच्चे के बायोलॉजिकल पिता से तलाक हो चुका हो।

तो पहले फर्स्ट सिचुएशन की बात करते है जिसमे बायोलॉजिकल पिता की मृत्यु हो चुकि है तो बायोलॉजिकल माता अपनेआप बच्चे की गार्डियन बन जाती है। और वह अपनी मर्जी से उसका एडॉप्शन प्रोसेस पूरा करा सकती है। 

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दूसरी सिचुएशन जहाँ बच्चे के माता-पिता किसी भी वजह से अलग हुए है या डाइवोर्स ले चुके है तो एडॉप्शन का प्रोसेस पूरा करने के लिए बच्चे के पिता को एक एफिडेविट पर अपनी सहमति देनी होगी। या फिर तलाक के समय लीगल तौर पर तय हुए अधिकारों के आधार पर इस एडॉप्शन के प्रोसेस को पूरा किया जा सकता है। 

क्या हम रिश्तेदारों से बच्चा गोद ले सकते हैं?

एक कपल या एक सिंगल व्यक्ति भी अपने रिश्तेदार के बच्चे को गोद ले सकता है। बशर्ते गोद लेने की सभी जरूरी नियमों को पूरा किया गया हो जैसे – 

  1. बच्चे के बायोलॉजिकल माता-पिता की सहमति। 
  2. गोद लेने वाला कपल सक्षम हो। 
  3. बच्चा लेने में कपल या दोनों पार्टनर्स की सहमति हो। 
  4. मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक हो, आदि।

बच्चा गोद लेने में कितना खर्च आता है?

एडॉप्शन एजेंसी बच्चा गोद लेने वाले व्यक्ति या कपल के जरूयर डॉक्युमेंट्स तैयार करेगी और कोर्ट की तारीख तय करेगी ताकि आप बच्चे को अपने साथ ले जाने की परमिशन कोर्ट से ले सकें। इस प्रोसेस में आपको 40,000 रूपये की फीस का भुगतान करना होता है। यह फीस गोद लेने की प्रक्रिया को पूरा करने की सभी प्रशासनिक और कानूनी लागतों में जाता है।

किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है। यहां आपको पूरी सुविधा दी जाती है और सभी काम कानूनी रूप से किया जाता है। लीड इंडिया के एक्सपर्ट वकील आपकी हर तरह से सहायता करेंगे। हमसे संपर्क करने के लिए आप ऊपर Talk to a Lawyer पर अपना नाम और फ़ोन नंबर दर्ज कर सकते है।

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