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भारत में डाइवोर्स लेने के नियमों में आए ये बदलाव।

भारत में डाइवोर्स लेने के नियमों में आए ये बदलाव।

भारत के सभी डाइवोर्स लॉ का मेन मोटिव कपल के बीच सुलह कराना और उन्हें साथ लाने की कोशिश करना है। लेकिन, अगर कपल किसी भी सिचुएशन में अपनी शादी में एडजस्ट नहीं करना चाहते है, तो कोर्ट द्वारा डाइवोर्स दे दिया जाता है। डाइवोर्स के बाद कपल की शादी कानूनी तौर पर ख़त्म हो …

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कॉल डिटेल्स किस व्यक्ति को मिलती है।

काल डिटेल्स किस व्यक्ति को मिलती है।

सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने यूज़र्स की जानकारी रखनी होती है कि वह कब, कहां, कितनी और किस से बात कर रहे है। कंपनियों को पुराना डेटा डिलीट करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट से परमिशन लेनी होती है। इस डेटा के अंदर यूज़र का मोबाइल नंबर, कॉल्स की डिटेल्स और लोकेशन होती है। इनको कोर्ट …

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कॉल डिटेल्स की कोर्ट केस में क्या अहमियत होती है?

कॉल डिटेल्स की कोर्ट केस में क्या अहमियत होती है?

आजकल ज्यादातर सबके पास अपना पर्सनल मोबाइल होता है। मोबाइल में यूज़ होने वाली सभी सिम और लैंडलाइन फोन टेलीकॉम कंपनीयों द्वारा उपलब्ध कराये जाते है। सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने यूज़र्स का रिकॉर्ड रखती है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट का आर्डर है कि सभी टेलीकॉम कंपनियों को पिछले 2 साल तक का कॉल डिटेल्स का डेटा रखना …

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एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें?

एक दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें?

अगर आप भी लव मैरिज करने की सोंच रहे है। और चाहते है कि आपकी शादी कानूनी वैलिड तरीके से एक-दो दिन के अंदर हो जाये। तो इसके लिए आपके पास तीन तरीके है। पहला, हिन्दू मैरिज एक्ट से मैरिज और कोर्ट रजिस्ट्रेशन और दूसरा स्पेशल मैरिज एक्ट से कोर्ट मैरिज। यह दोनों तरीके अलग …

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घरेलू हिंसा के खिलाफ कैसे और कहाँ करे शिकायत?

घरेलू हिंसा के खिलाफ कैसे और कहाँ करे शिकायत?

घरेलू हिंसा एक बहुत ही दयनीय स्थिति है। जिसके तहत महिलाओं के साथ घर में ही बुरा बर्ताव और हिंसा की जाती है। ऐसा नहीं है कि इसे रोकने की कोशिश नहीं की गयी। बल्कि इसे रोकने के लिए “घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम (पीडब्ल्यूडीवीए) 2005” लागू किया गया था। इस अधिनियम के …

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सुप्रीम कोर्ट की 5 बड़ी जजमेंट्स के बारे में जानिए।

सुप्रीम कोर्ट की 5 बड़ी जजमेंट्स के बारे में जानिए।

भारत के संविधान के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ी जुडिशियल कोर्ट है। यह अपील करने के लिए आखिरी कोर्ट है। यह न्याय की सबसे बड़ी शक्ति है। सुप्रीम कोर्ट में भारत के चीफ़ जज और अधिकतम 34 जज शामिल हैं। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर कई ऐतिहासिक फैसले दिए है। कुछ केसिस ने …

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कंटेस्टेड डाइवोर्स लेने के सामान्य आधार क्या है?

कॉन्टेस्ट डाइवोर्स लेने के सामान्य आधार क्या है?

कंटेस्टेड डाइवोर्स का मतलब एक तरफ़ा तलाक होता है। यह डाइवोर्स तब लिया जाता है, जब एक पार्टनर दूसरे पार्टनर से डाइवोर्स लेने के लिए तैयार नहीं होता है, लेकिन दूसरे पार्टनर के पास डाइवोर्स लेने का वैलिड रीज़न है। कंटेस्टेड डाइवोर्स लेने के आधार:- यह डाइवोर्स लेने के वैलिड रीज़न या आधार यह हो …

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बॉलीवुड के 10 बेहतरीन कोर्ट रूम ड्रामा।

बॉलीवुड के 10 बेहतरीन कोर्ट रूम ड्रामा।

सभी ने फिल्मे तो देखी होती है। आज हम इस लेख में कोर्ट से सम्बंधित कुछ मूवीज़ के बारे में बताएंगे। जिन्हे देख कर कोई भी व्यक्ति कानून की अच्छाई और बुराई से रूबरू हो सकता है। (1) कोर्ट चैतन्य तम्हाने की बेहतरीन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मूवी ”कोर्ट” की कहानी एक सामाजिक कार्यकर्ता ”जीतन मरांडी” …

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शादी का वादा तोड़ना अब अपराध नहीं होगा: कर्नाटक उच्च न्यायालय

शादी का वादा तोड़ना अब अपराध नहीं होगा: कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति (वेंकटेश) और अन्य (उसके परिवार) के खिलाफ दर्ज हुयी एक FIR को रद्द करते हुए कहा कि शादी के वादे का पालन नहीं करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का अपराध नहीं माना जाएगा। केस क्या है:- 3 मई, 2020 को एक महिला ने …

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लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के यह अधिकार है: भारतीय कोर्ट

बिना शादी किये साथ रहने वाले लोगों के ये अधिकार है? उससे जुड़े पांच एहम फैसले।

लिव-इन रिलेशनशिप का मतलब “शादी जैसा रिश्ता” होता है। जब एक अनमैरिड लड़का और लड़की मैरिड कपल की तरह एक ही छत्त के नीचे रहते है, तो उसे लिव इन रिलेशनशिप माना जाता है। लेकिन भारत के कानून में लिव इन रिलेशनशिप को ढंग से परिभाषित नहीं किया गया है। यहाँ लिव इन रिलेशनशिप को …

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