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भारत की 10 सबसे अच्छी कोर्ट मैरिज करने की जगह

भारत की 10 सबसे अच्छी कोर्ट मैरिज की जगह

सभी की लाइफ में अपनी शादी एक बहुत इम्पोर्टेन्ट डिसीज़न होता है। भारतीय संविधान ने अपने सभी नागरिकों को यह अधिकार दिया है की वे अपनी पसंद से अपना जीवनसाथी चुन सकते है। कपल के जाति, धर्म या सम्प्रदाय अलग-अलग होने के बावजूद भी कोर्ट मैरिज का रास्ता उनके लिए खुला है। जो लोग अलग-अलग …

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शादी के बाद महिलाओं के अधिकार क्या है।

शादी के बाद महिलाओं के अधिकार क्या है।

शादी सामाजिक तौर पर नए परिवारों को जोड़ती है। बहुत लोग अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को सफल करने में कामयाब होते हैं। दूसरी तरफ,  कुछ लोगों खासतौर पर महिलाएं को अपनी शादी में अत्याचार सहने पड़ते है। उन्हें ‘इंडियन लीगल राइट्स’ को जानने की जरूरत है। जो उन्हें भारतीय संविधान द्वारा मिले है। शादी के बाद …

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दहेज प्रथा का इतिहास भारतीय समाज में क्या है।

दहेज प्रथा का इतिहास भारतीय समाज में क्या है।

भारतीय समाज में पुराने समय से बहुत सारी प्रथाएं चली आ रही हैं। ज्यादातर प्रथाएं किसी अच्छे उद्देश्य से बनाई थी। लेकिन समय बदलने के साथ इन प्रथाओं को भी बदल देना चाहिए था। क्योंकि इनमे बदलाव ना करने से ये प्रथाएं पुरानी और सड़ी-गली सोंच की हो गयी है। पारिवारिक और सामाजिक तौर पर …

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इंटरकास्ट मैरिज; जरूरत है लक्ष्मीबाई फैसले को सख्ती से लागू करने की

इंटरकास्ट मैरिज; जरूरत है लक्ष्मीबाई फैसले को सख्ती से लागू करने की

सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा की तरह साल 2021 में भी कुछ ऐतिहासिक फैसले दिए। इन सभी में से एक फैसला ऐसा भी है, जिसे अगर सही तरीके से लागू किया जाये तो उस फैसले के लम्बे समय तक चलने वाले बहुत से सकारात्मक नतीजे देखने को मिलेंगे। 8 फरवरी, 2021 को दिया गया ये फैसला …

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शादी में क्रूरता हो तो क्या है महिलाओं के अधिकार ?

शादी में क्रूरता हो तो क्या है महिलाओं के अधिकार?

शादी के बाद महिलाओं की जीवन शैली, पहचान सब कुछ बदल जाता है। इसके बावजूद अगर उन्हें अपने हस्बैंड और ससुराल वालों से इज़्ज़त, प्यार और सपोर्ट ना मिले, तो महिला कभी खुश नहीं रह पति है। लेकिन अगर शादी में क्रूरता हो, तो ऐसी शादी का अस्तित्व ही ख़त्म हो जाता है। कई तरीकों …

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मुस्‍ल‍िम पर्सनल लॉ और शरीयत क्‍या है?

मुस्‍ल‍िम पर्सनल लॉ और शरीयत क्‍या है?

भारत में पर्सनल मैटर्स जैसे शादी, डाइवोर्स, मेंटेनेन्स, चाइल्ड कस्टडी आदि के फैसले पर्सनल लॉ के तहत होते है। इसके साथ ही, मुसलमानों की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ(शरीयत) 1937 के तहत होती है। मुस्लिम पर्सनल लॉ पूरी तरह शरीयत पर आधारित है। शरीयत, कुरान के प्रावधानों और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं से बना है। मुस्लिम …

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भारत में मुस्लिम कपल तलाक कैसे ले सकते है?

भारत में मुस्लिम कपल तलाक कैसे ले सकते है

मुस्लिम लॉ के तहत, पार्टनर की मृत्यु या फिर डाइवोर्स के द्वारा शादी ख़त्म होती है। वाइफ की मृत्यु के बाद, हस्बैंड तुरंत दूसरी शादी कर सकता है। लेकिन विधवा को “इद्दत” नाम का फिक्स टाइम पीरियड पूरा होने के बाद ही दूसरी शादी करने की अनुमति दी गयी है। मुस्लिम लोगों का डाइवोर्स स्वयं …

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नीट पीजी कि काउंसलिंग क्यों रुकी -बड़ा अपडेट।

नीट पीजी कि काउंसलिंग क्यों रुकी -बड़ा अपडेट

केंद्र सरकार ने सोमवार दिनांक 3 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट से नीट पीजी कि काउंसलिंग से जुड़े सभी मामलों पर जल्दी सुनवाई करने की सिफारिश की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने, जज डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने अनुरोध किया कि “समस्याओं” पर ध्यान देते हुए कल या परसों में ही सुनवाई …

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क्या अन मैरिड या डिवोर्स महिला भी बच्चे गोद ले सकती है?

सिंगल-वीमेन-के-लिए-एडॉप्शन-के-क्या-है-नियम

एडॉप्शन एक कठिन और लम्बा प्रोसेस है। खासतौर पर सिंगल वीमेन के लिए, पहले समय में जब एक सिंगल वीमेन एडॉप्शन के लिए आगे बढ़ती थी। तो उनसे कुछ इस तरह के सवाल किये जाते थे। जैसे – आपकी शादी क्यों नहीं हुई, आप किनके साथ रहती है, आप बच्चे को अकेले कैसे पालेंगी, आप …

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क्या गे कपल भी ले सकते है डाइवोर्स या मेंटेनेंस ?

क्या-गे-कपल-भी-ले-सकते-है-डाइवोर्स-या-मेंटेनेंस

भारत में, सामान्य रूप से गे कपल को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता। कभी इन्हे इनका अधिकार भी नहीं मिला है। लेकिन अपने अधिकारों के लिए गे कम्युनिटी के लोगों ने बहुत सारे आंदोलन किये। इसके बाद धारा 377 के दंड के प्रावधान से इनको बहार कर दिया गया। अब LGBT कम्युनिटी आपस …

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