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लड़कियों के विवाह की उम्र हुई 21 साल, जानिए किस राज्य से हुई इसकी शुरुआत?

लड़कियों के विवाह की उम्र हुई 21 साल, जानिए किस राज्य से हुई इसकी शुरुआत?

भारत में बाल विवाह एक गंभीर समस्या रही है, लेकिन अब इसे खत्म करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। एक नया कदम हाल ही में हिमाचल प्रदेश ने उठाया है। पहले, भारत में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल थी। हिमाचल प्रदेश ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब वहां पर …

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किरायेदारों को बेदखल करने के आधार क्या हैं?

किरायेदारों को बेदखल करने के आधार क्या हैं?

किरायेदारी एक ऐसा समझौता है जिसमें किरायेदार, मालिक को किराया देता है ताकि वह उनकी संपत्ति का उपयोग कर सके। इस समझौते में किराए की राशि, भुगतान की तारीख, किरायेदारी की अवधि, और दोनों की जिम्मेदारियाँ शामिल होती हैं। किरायेदार को अच्छा और सुरक्षित जगह का हक होता है, जबकि मालिक को किराया और संपत्ति …

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सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: राज्य बार काउंसिल्स कानून स्नातकों के पंजीकरण के लिए अधिक शुल्क नहीं ले सकतीं

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: राज्य बार काउंसिल्स कानून स्नातकों के पंजीकरण के लिए अधिक शुल्क नहीं ले सकतीं

गौरव कुमार बनाम भारत संघ डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 352/2023 उच्च न्यायालय के इस मामले में, 30 जुलाई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य बार काउंसिलें वकीलों से बहुत ज्यादा पंजीकरण शुल्क नहीं ले सकतीं। कोर्ट ने यह फैसला किया क्योंकि बहुत ऊँचे शुल्क वकीलों के सम्मान और उनके पेशे को चुनने के अधिकार को …

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भारत में ऑनर किलिंग : एक सामाजिक मुद्दा

भारत में ऑनर किलिंग : एक सामाजिक मुद्दा

ऑनर किलिंग क्या है? ऑनर किलिंग तब होती है जब परिवार के लोग या समाज के लोग अपने बच्चो को उनके मर्ज़ी के खिलाफ कहीं और शादी कर लेने पे नाराज हो जाते है और जूठी मान मार्यादा के चलते अपने ही बच्चो को मौत के घाट उतार देते है जो की पूरी तरह से …

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चाइल्ड एडॉप्शन कैसे कर सकते है?

चाइल्ड एडॉप्शन कैसे कर सकते है?

अडॉप्शन (गोद लेना) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे बच्चे को अपने संतान के रूप में स्वीकार करता है। इसमें बच्चे को जन्म देने वाले माता-पिता के अधिकार और जिम्मेदारियाँ पूरी तरह से गोद लेने वाले माता-पिता को सौंप दी जाती हैं। अडॉप्शन से बच्चे की स्थिति में परमानेंट बदलाव आता है …

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इंटर रिलीजन मैरिज आसानी से कैसे करें?

इंटर रिलीजन मैरिज आसानी से कैसे करें?

इंटर रिलीजन मैरिज तब होती है जब दो अलग अलग धर्म के लोग शादी कर लेते है। इस तरह की शादी में दोनों को एक-दूसरे के धर्म को समझना और मानना होता है। कभी-कभी उन्हें अपने-अपने धर्म की परंपराओं को निभाने के लिए समझौते करने पड़ सकते हैं ताकि दोनों खुश रह सकें। भारत में …

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भारत में कानूनी सहायता किस प्रकार न्याय सुनिश्चित करती है?

भारत में कानूनी सहायता किस प्रकार न्याय सुनिश्चित करती है?

कानूनी सहायता की परिभाषा और उद्देश्य कानूनी सहायता गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त या कम लागत में कानूनी सेवाएँ प्रदान करती है। यह लोगों को न्याय पाने में मदद करती है, कोर्ट में प्रतिनिधित्व और सलाह देती है, ताकि सभी व्यक्ति अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और कानूनी प्रक्रिया को …

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गलत UPI ट्रांजैक्शन के मामले में कानून के अनुसार हमें क्या करना चाहिए?

गलत UPI ट्रांजैक्शन के मामले में कानून के अनुसार हमें क्या करना चाहिए?

डिजिटल पैसे का लेन-देन आजकल बहुत जरूरी हो गया है। इसके जरिए पैसे भेजना और संभालना आसान, सुरक्षित, और तेज हो गया है, लेकिन इससे साइबर सुरक्षा और प्राइवेसी के खतरे भी बढ़ जाते हैं। UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) डिजिटल लेन-देन की दुनिया में एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। UPI को NPCI (नेशनल  पेमेंट …

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बीएनएसएस की धारा 180 के तहत गवाहों की जांच और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का क्या महत्व है?

बीएनएसएस की धारा 180 के तहत गवाहों की जांच और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का क्या महत्व है?

बीएनएसएस की धारा 180 पुलिस द्वारा गवाहों की जांच के तरीके को बताती है,  जिसमे पुलिस को गवाहों से पूछताछ करते समय किस तरह की प्रक्रिया अपनानी चाहिए, । यह प्रक्रिया अपराध के मामलों में बहुत महत्वपूर्ण होती है। बीएनएसएस की धारा 180 क्या है? बीएनएसएस की धारा 180 का महत्व यदि बयान दर्ज करने …

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भारतीय संविधान के तहत ज्यूडिशियल रिव्यू क्या है?

भारतीय संविधान के तहत ज्यूडिशियल रिव्यू क्या है?

ज्यूडिशियल रिव्यू एक प्रक्रिया है जिसमें अदालतें जांचती हैं कि क्या कानून और सरकारी फैसले संविधान के अनुसार हैं। इसका मतलब है कि कोई भी कानून या सरकारी कार्रवाई संविधान की सीमाओं के बाहर नहीं होनी चाहिए और लोगों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अगर किसी को लगता है कि कोई कानून या …

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