शादी के बाद सरनेम बदलने से क्या फायदे होते हैं?

शादी के बाद सरनेम बदलने से क्या फायदे होते हैं?

हमारे देश भारत में शादी के बाद अक्सर महिलाएं अपना सरनेम अपने पति के अनुसार रख लेती हैं। लेकिन कई बार अक्सर हम लोगों के मन में कुछ सवाल उठते हैं जैसे क्या यह अनिवार्य है कि भारतीय महिलाएं शादी के बाद अपना सरनेम अपने पति के अनुसार ही रखें ? शादी के बाद सरनेम बदलना जरूरी है ? अथवा शादी के बाद सरनेम बदलने के फायदे क्या हैं ? यदि आप भी यह जानना चाहते हैं तो बने रहिए हमारे साथ जहां हम बात करने वाले हैं कि शादी के बाद सरनेम बदलने के फायदे क्या हैं?

शादी के बाद सरनेम बदलने के फ़ायदे क्या हैं?

शादी के बाद सरनेम बदलने के बाद निम्नलिखित फायदे होते हैं –

  1. भविष्य में संपत्ति संबंधी मामलों में कागज से संबंधित चीजें आसान हो जाती हैं।
  2. बैंक में संयुक्त रूप से खाता खुलवाने के लिए एक ही सरनेम की जरूरत होती है।
  3. यदि कोई महिला शादी के बाद अपना सरनेम पति के अनुसार रख लेती है अथवा कोई पुरुष शादी के बाद अपना सरनेम पत्नी के नाम पर रख लेता है तो भविष्य में बच्चों का नाम भी उसी के अनुसार हो जाएगा । बच्चों के सरनेम पर पति और पत्नी में बहस बाजी नहीं होगी।

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शादी के बाद क्या लड़का भी सरनेम बदल सकता है?

भारत का संविधान किसी भी व्यक्ति को अपने विवेक से कोई भी नाम रखने की स्वतंत्रता देता है । अक्सर महिलाएं अपना सरनेम अपने पति के अनुसार चेंज कर लेती हैं । लेकिन वर्तमान समय में लड़के भी शादी के बाद अपना सरनेम अपनी पत्नी के अनुसार बदल रहे हैं । इसलिए यदि लड़का स्वयं की इच्छा से अपने सरनेम को अपनी पत्नी के अनुसार बदलना चाहता है तो वह पूरी तरह स्वतंत्र है और बदल सकता है। हालांकि कानूनी तौर पर किसी को भी चाहे वह लड़की हो अथवा लड़का उसे शादी के बाद सरनेम बदलने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है लेकिन यदि कोई अपनी इच्छा से उपनाम परिवर्तित करना चाहता है तो वह एक निश्चित प्रक्रिया के तहत कानूनी तौर पर‌ अपना नाम परिवर्तित करा सकता है।

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शादी के बाद लड़के के सरनेम बदलने की प्रक्रिया क्या होगी?

यदि शादी के बाद कोई लड़का कानूनी तौर पर अपना सरनेम बदलना चाहता हैं तो उसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा-

  1. 10 रुपए के स्टांप पर एक एफिडेविट बनावाना होगा , जिसमें पूरा मैटर और शादी के पहले और परिवर्तित नाम का उल्लेख करना होगा।
  2. मैरिज सार्टीफिकेट स्टांप के साथ संलग्न करना होगा।
  3. उपरोक्त दस्तावेजों की नोटरी करवानी होगी।
  4. उपरोक्त प्रक्रिया के बाद मीडिया अथवा समाचार पत्र में विज्ञापन देना होगा।

इस प्रकार कोई भी महिला या पुरुष कानूनी तौर पर अपना सरनेम बदल सकता है। सरनेम बदलने के लिए उपरोक्त प्रक्रिया के अनुसार स्टांप और एफिडेविट, मैरिज सार्टीफिकेट आदि बनवाना पड़ेगा।

आपको अगर अपना सरनेम बदलने में कोई परेशानी आ रही है तो आप लीड इंडिया से सम्पर्क करें, हमारे अनुभवी वकील आपको उचित सलाह देकर आपका काम आसान कर देंगे।

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