विवाह पंजीकरण के क्या लाभ हैं?

विवाह पंजीकरण के क्या लाभ हैं?

विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र एक कानूनी दस्तावेज है जो एक जोड़े की वैवाहिक स्थिति को सत्यापित करता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसका उपयोग यह सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है कि आप कानूनी रूप से किसी से विवाहित हैं। साथ ही कई अन्य चीजों के लिए भी। विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से विवाह के पंजीकरण का कानूनी प्रमाण है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिस पर कोई यह स्थापित करने के लिए भरोसा कर सकता है कि वे किसी के साथ कानूनी रूप से विवाहित है। 

आज इस आलेख के माध्यम से हम यही समझने का प्रयास करेंगे कि विवाह पंजीकरण के क्या लाभ होते हैं?

किसी विवाह के पंजीकरण से आप यह तो सत्यापित कर ही सकते हैं कि आपका विवाह रजिस्टर्ड है इसके अलावा भी आप कई जगहों पर इस की मदद ले सकते हैं आइये जानते हैं विवाह पंजीकरण के क्या लाभ होते हैं?

किसी का मायके का उपनाम बदलने के प्रयोजनों के लिए:

महिलाएं विवाह के पश्चात अपने मायके से प्रदत्त उपनाम को बदल लेती हैं। वे पति के उपनाम को अपना लेती हैं। आज कल अपने मायके के उपनाम और पति के उपनाम दोनों को ही रखने का चलन भी सामने आ गया है। इस स्थिति में विवाह पंजीकरण आपकी सहायता कर सकता है। विवाह के पंजीकृत होने से यह बात सिद्ध करने में आसानी होगी कि आप विवाहित हैं और अपना उपनाम बदल रहे हैं।

एक नया बैंक खाता खोलने के लिए:

विवाह के पश्चात यदि पति पत्नी एक नया बैंक खाता खोलना चाहते हैं तो इस स्थिति में विवाह का पंजीकरण लाभदायक सिद्ध होता है। विवाह पंजीकरण के माध्यम से प्राप्त प्रमाण पत्र इस बात की पुष्टि करता है कि युगल विवाहित है और इस के माध्यम से बैंक में संयुक्त खाते को खोलने में आसानी होती है।

इसे भी पढ़ें:  शादी का रजिस्ट्रेशन कराने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

पासपोर्ट या वीजा प्राप्त करने के लिए:

विवाह के पंजीकरण का एक फायदा यह भी है कि आप इस के माध्यम से पासपोर्ट या वीजा भी प्राप्त कर सकते हैं। इन के लिए आवेदन करते समय ही आपकी वैवाहिक स्थिति पूछी जाती है। विवाहित होने पर विवाह के पंजीकरण का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होता है। अतः यदि आपका विवाह पंजीकृत होगा तो आप आसानी से पास पोर्ट या वीजा प्राप्त कर सकेंगे।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए:

आय प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन के दौरान वैवाहिक स्थिति मायने रखती है। यदि आप विवाहित हैं तो ऐसे में अपने विवाह का पंजीकरण प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक हो जाता है। विवाह के पंजीकरण की पुष्टि कर देने के पश्चात आप आय प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।

बीमा भुगतान प्राप्त करने के लिए:

बीमा के भुगतान में भी विवाहित होने की स्थिति में विवाह के पंजीकरण को प्रस्तुत करना आवश्यक है। विवाहित होने पर विवाह के पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रस्तुत कर आप बीमा भुगतान कर सकते हैं।

संपत्ति का दावा करने के लिए:

यदि आपका नाम वसीयत में होता है तो आप को सम्पत्ति का दावा करने के लिए भी विवाह के पंजीकरण प्रमाण को पेश करने की आवश्यकता होगी। बिना विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये बग़ैर विवाहित होने की स्थिति में सम्पत्ति पर दावा करना मुश्किल होगा।

विवाह प्रमाण पत्र का सबसे बुनियादी उद्देश्य विवाह की स्थिति को साबित करना है। ताकि न तो पति और न ही पत्नी द्वि-विवाह कर सकें। विवाह प्रमाण पत्र यह सुनिश्चित करता है कि पति और पत्नी दोनों को विवाह के भीतर समान अधिकार प्राप्त हों। इसमें विरासत के अधिकारों का लाभ उठाने के मामलों में पत्नी भी शामिल है। 

इसे भी पढ़ें:  अपनी संपत्ति की वसीयत कैसे करें

जब से सर्वोच्च न्यायालय ने विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है द्वि-विवाह और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों की घटनाओं में कमी आई है। यह धोखाधड़ी विवाह के मामलों से भी बचाता है। जो एनआरआई विवाहों में एक बहुत ही सामान्य घटना है जहां पति या पत्नी किसी एक को फंसा हुआ छोड़ देते है और दहेज के रूप में प्राप्त सभी धन और संपत्ति के साथ विदेश भाग जाते हैं।

विवाह पंजीकरण कैसे हो?

भारत में एक हिंदू विवाह को 1955 के हिंदू विवाह अधिनियम या 1954 के विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत किया जा सकता है। हिंदू विवाह अधिनियम केवल हिंदुओं पर लागू होता है। जबकि विशेष विवाह अधिनियम सभी भारतीय नागरिकों को शामिल करता है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। हिंदू विवाह अधिनियम एक विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है जो पहले संपन्न हो चुका है, लेकिन विवाह रजिस्ट्रार द्वारा विवाह के अनुष्ठान के लिए नहीं। 

वहीं दूसरी ओर विशेष विवाह अधिनियम विवाह अधिकारी द्वारा अनुष्ठान और पंजीकरण दोनों की अनुमति देता है। प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ विवाह को ऑनलाइन पंजीकृत करना अब संभव हो गया है जिससे विवाह पंजीयक के कार्यालय में बार-बार जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। बस कुछ सरल चरणों का पालन करें और अपनी शादी का ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद एसडीएम कार्यालय में एक बार जाकर आपको अपना विवाह प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

लीड इंडिया में अनुभवी वकीलों की एक पूरी टीम है यदि आपको किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता चाहिए तो लीड इंडिया लॉ से सम्पर्क करें।

Social Media