क्या पुलिस आपके साथ दुर्व्यवहार कर सकती है?

क्या पुलिस आपके साथ दुर्व्यवहार कर सकती है

कई बार पुलिस अधिकारी या ऑफिसर्स अपनी शक्तियों का गलत फायदा उठाते है और आम नागरिकों को परेशान करते है। पुलिस द्वार किये जाने वाले इस तरह के दुराचार या दुर्व्यवहार के शिकार हुए लोगों के लिए कानून के तहत उपाय है।

पुलिस ऑफिसर्स द्वारा दुर्व्यवहार

पुलिस ऑफिसर्स के द्वारा किये गए ऐसे किसी भी दुर्व्यवहार का शिकार हुआ व्यक्ति, उस पुलिस अधिकारी के अगेंस्ट पुलिस स्टेशन में एफआईआर फाइल करा सकता है। यह एफआईआर पीड़ित के पास वाले पुलिस स्टेशन या जहां यह दुरवहवहार हुआ है उस जगह और फाइल की ज सकती है। 

अगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर फाइल करने से मना कर दिया जाता है या पीड़ित की कम्प्लेन एक्सेप्ट नहीं की जाती है तो वह पीड़ित व्यक्ति जहां रहता है उस जिले/डिस्ट्रिक्ट के पुलिस अधीक्षक/ऑफ़िसर को इस बारे कम्प्लेन की जा सकती है।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

अगर दोनों जगहों से ही पीड़ित को मदद नहीं मिलती है, तो वह उसके क्षेत्राधिकार/जूरिस्डिक्शन में आने वाले मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है और अपनी कम्प्लेन पर सुनवाई की जाने के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा संबंधित पुलिस ऑफ़िसर को एफआईआर फाइल करने का आर्डर दिया जाएगा।

पीड़ित के पास एक यह भी उपाय/सोल्युशन है कि वह एनएचआरसी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या फिर SHRC राज्य मानवाधिकार आयोग को अपनी कम्प्लेन डाक द्वारा भेज सकता है।

पुलिस अथॉरिटी को कम्प्लेन 

एक पीड़ित व्यक्ति पुलिस ऑफिसर्स द्वारा किए गए किसी भी दुर्व्यवहार के बारे में पुलिस अथॉरिटी के पास कम्प्लेन कर सकता है। यह अथॉरिटी इसीलिए बनाई गयी है कि अगर कभी किसी भी नागरिक को पोलिस ऑफिसर्स की तरफ से निराशा मिले तो यह अथॉरिटी उनकी मदद करे और पुलिस ऑफिसर्स को भी जनता के प्रति उनके कर्तव्य याद दिलाये। अगर किसी व्यक्ति को पुलिस ऑफ़िसर द्वारा इस तरह के गंभीर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है तो वह डायरेक्ट इस अथॉरिटी के पास कम्प्लेन रजिस्टर कर सकता है। 

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गंभीर दुर्व्यवहार

  1. पुलिस कस्टडी में मौत हो जाना 
  2. पुलिस कस्टडी में होने पर गंभीर चोट लगना 
  3. पुलिस कस्टडी में रेप होना (महिला या पुरुष किसी का भी)
  4. पुलिस ऑफ़िसर  द्वारा जबरदस्ती पैसे वसूले जाना।
  5. इललीगल तरीके से जमीन हड़पना
  6. गंभीर प्रकार से चोट पहुंचाना

कम्प्लेन के जरूरी फैक्टर्स 

पर्सनल डिटेल्स 

कम्प्लेन के अंदर कुछ जरूरी फैक्टर्स होते है जो पीड़ित को कम्प्लेन करते समय याद रखने चाहिए। सबसे पहली बात कि पीड़ित द्वारा दी जाने वाली कम्प्लेन लिखित रूप में होनी चाहिए और इसमें यह सभी निम्नलिखित डिटेल्स भी शामिल होनी चाहिए। 

  1. पीड़ित का नाम
  2. पीड़ित का पता/एड्रेस 
  3. पीड़ित से संपर्क करने की डिटेल्स जैसे फोन नंबर।

घटना की डिटेल्स 

  1. घटना क्या थी मतलब पुलिस ने नागरिक के साथ क्या गलत किया। 
  2. घटना कब हुई 
  3. किसके बारे में कम्प्लेन है मतलब जिस ऑफ़िसर ने दुर्व्यवहार किया है उसका नाम, कार्यस्थल आदि।
  4. घटना के गवाह की डिटेल्स, नाम, पता, अगर कोई गवाह है तो।  के समय कोई और था (गवाह) और उनसे कैसे संपर्क करें (यदि आप यह हैं)
  5. अगर कोई शारीरिक या सामान का नुक्सान हुआ है तो उसकी डिटेल्स और प्रूफ।
  6. कुछ जरूरी और प्रासंगिक दस्तावेज़, जिन्हें आप अपनी कम्प्लेन के साथ अटैच कर सकें, यह आपकी कम्प्लेन को और ज्यादा महत्व दिलाएगा।

लीड इंडिया कैसे मदद कर सकता है?

किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है। यहां आपको पूरी सुविधा दी जाती है और सभी काम कानूनी रूप से किया जाता है। लीड इंडिया के एक्सपर्ट वकील आपकी हर तरह से सहायता करेंगे। हमसे संपर्क करने के लिए आप ऊपर Talk to a Lawyer पर अपना नाम और फ़ोन नंबर दर्ज कर सकते है।

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