क़ानून और धाराएं

क्या भारत में पोर्न देखना गैरकानूनी है?

क्या भारत में पोर्न देखना गैरकानूनी है

पोर्नोग्राफी या पोर्न एक सेक्सुअल फोटो या वीडियो होता है, जिसे कामुकता पैदा करने के लिए या यौन उत्तेजना के उद्देश्य से बनाया जाता है। भारत में अकेले या प्रायवेटली पोर्न देखना कानूनन अपराध नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एक अडल्ट को उसकी पर्सनल आज़ादी के मौलिक अधिकार से वंचित भी …

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किसी को क्रिमिनल लायबिलिटी के लिए, कंपनी का पार्टनर होने की वजह से दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

किसी को क्रिमिनल लायबिलिटी के लिए, कंपनी का पार्टनर होने की वजह से दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिलीप हरिरामनी v/s बैंक ऑफ बड़ौदा के केस के दौरान कहा कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के सेक्शन 138 के तहत चेक बाउंस होने पर किसी व्यक्ति पर क्रिमिनल लायबिलिटी, सिर्फ इसलिए नहीं लगाई जा सकती क्योंकि वह भी लोन लेने वाली कम्पनी का एक पार्टनर है या वह उस …

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भारत के महानगरीय शहरों में नशे में गाड़ी चलाने के परिणाम।

भारत के महानगरीय शहरों में नशे में गाड़ी चलाने के परिणाम।

सारे शहर में कुल मिलाकर 70,03,012 अलग-अलग क्रिमिनल केसिस फाइल हुए है। हादसों की अहम वजह गाडी चलाने की तेज रफ्तार मानी जा रही है। शराब पीकर गाड़ी चलाने के केस में से, 10,109 केस कोर्ट में चार्जशीट किए गए हैं और कोर्ट ने शराब के नशे में गाडी चलाने वाले ड्राइवर्स से 10,49,61,000 रुपये …

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हिंदू कानून के तहत बच्चे की मेंटेनेंस का अधिकार।

हिंदू कानून के तहत बच्चे की मेंटेनेंस का अधिकार।

बच्चों के पालन-पोषण में उनके बचपन की देखभाल एक बहुत जरूरी रोल निभाती है। दोनों पेरेंट्स इसका एक अविश्वसनीय रूप से जरूरी हिस्सा है। फ्यूचर में बच्चे की क्षमता और निपुणता उसके बचपन की देखभाल और सपोर्ट पर डिपेंड होती है। यह माता और पिता दोनों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे की उन्नति …

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किस रेप केस ने बदला भारत का क़ानून?

किस रेप केस ने बदला भारत का क़ानून?

एक ऐतिहासिक केस:- कई बार कुछ केसिस इतिहास का हिस्सा बन जाते है। और कुछ केसिस इतिहास बना देते है। ऐसा ही कुछ भंवरी देवी के केस में भी हुआ। 30 साल पहले 22 सितंबर, 1992 को राजस्थान की एक अनपढ़, पिछड़ी जाति की, राजस्थान सरकार के महिला विकास कार्यक्रम में काम करने वाली भंवरी …

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शादी के ख़ारिज होने और तलाक होने के बीच क्या अंतर है?

शादी के ख़ारिज होने और तलाक होने के बीच क्या अंतर है?

भारत में जैसे अलग-अलग पर्सनल लॉ के तहत शादी की प्रोसेस अलग-अलग होती है, वैसे ही डाइवोर्स की प्रोसेस भी अलग-अलग होती है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है, जहां नागरिकों को अपने धर्म के पर्सनल कानूनों के प्रावधानों के अनुसार शादी और डाइवोर्स का अधिकार है। हर शादी उतनी आनंदमय नहीं होती जितनी हम …

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दूरी और आर्थिक परेशानी के आधार पर मैरिज केसिस ट्रांसफर नहीं होंगे।

दूरी और आर्थिक परेशानी के आधार पर मैरिज केसिस ट्रांसफर नहीं होंगे।

हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बताया कि जब डाइवोर्स की पिटीशन फाइल की गई है और वाइफ को हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के सेक्शन 24 के तहत मुकदमेबाजी का खर्च मिल रहा है, तो ऐसे मैट्रीमोनिअल केसिस में दूरी और आर्थिक परेशानी के आधार पर केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया …

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हाईकोर्ट की एप्रोच से सुप्रीम कोर्ट निराश, दी जमानत।

हाईकोर्ट की एप्रोच से सुप्रीम कोर्ट निराश, दी जमानत।

एक विश्वसनीय प्रिंट मीडिया स्रोत के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथ-साथ अन्य बेंचों में अगस्त 2021 तक लगभग 1,83,000 आपराधिक अपीलें पेंडिंग हैं। उत्तर प्रदेश की कई जेलों में 7214 कैदी हैं, जो अपनी सज़ा के आर्डर के तहत 10 साल से ज्यादा जेल की सजा काट चुके हैं। इन दोषियों की आपराधिक अपीलें हाई …

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क्या आर्य समाज मंदिर ‘स्पेशल मैरिज एक्ट’ से जुड़ा है?

क्या आर्य समाज मंदिर 'स्पेशल मैरिज एक्ट' से जुड़े है, जबकि शादी से जुड़े सभी फैसले सुप्रीम कोर्ट करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में 4 अप्रैल 2022 को एक आर्य समाज संगठन के विचार को स्वीकार कर लिया। विचार यह था कि आर्य समाज परंपरा के तहत होने वाली किसी भी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्टर कराने की जरूरत नहीं है। आर्य समाज की शादियां हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 …

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झूठे 498 ए केस के खिलाफ काउंटर केस कैसे फाइल करें?

झूठे 498 ए केस के खिलाफ काउंटर केस कैसे फाइल करें?

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498 ए का प्रावधान उन महिलाओं की रक्षा करने के इरादे से बनाया गया था, जो अपने हस्बैंड या ससुराल वालों के दुर्व्यवहार और क्रूरता की शिकार हैं। हालांकि, इस सहायता का महिलाओं द्वारा दुरुपयोग किया गया है और यह दुरूपयोग हस्बैंड और ससुराल वालों के खिलाफ झूठे केसिस …

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