क़ानून और धाराएं

शादी के कितने समय बाद तलाक लिया जा सकता है? जानें पूरी कानूनी प्रक्रिया

How long after marriage can a divorce be taken Know the entire legal process

भारत में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि यह एक कानूनी अनुबंध भी है। यह एक ऐसी संस्था है, जो पति-पत्नी के बीच कई अधिकारों और जिम्मेदारियों का निर्धारण करती है।  जब यह संबंध बिगड़ते हैं और एक साथ रहना संभव नहीं होता, तो तलाक एक कानूनी उपाय बन जाता है। लेकिन, क्या शादी …

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महिलाओं के टॉप 10 अधिकार

महिलाओं के टॉप 10 अधिकार।

भारत में महिलाओं को हमेशा ही पुरुषों से कम आँका गया है। महिलाओं के मान-सम्मान की रक्षा करने के लिए कई सारे कानून और प्रावधान भी बनाये गए है। लेकिन इनके बावजूद भी भारत की महिलाओं की स्थिति में कोई ख़ास सुधार नहीं आया है। महिलाओं की इस स्तिथि की एक वजह ये भी है …

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शादी का वादा तोड़ना अब अपराध नहीं होगा: कर्नाटक उच्च न्यायालय

शादी का वादा तोड़ना अब अपराध नहीं होगा: कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति (वेंकटेश) और अन्य (उसके परिवार) के खिलाफ दर्ज हुयी एक FIR को रद्द करते हुए कहा कि शादी के वादे का पालन नहीं करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का अपराध नहीं माना जाएगा। केस क्या है:- 3 मई, 2020 को एक महिला ने …

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हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 इतिहास, अधिकार और कानूनी प्रावधान

Hindu Widow Remarriage Act 1856 History, Rights and Legal Provisions

भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति हमेशा से चर्चा का विषय रही है, विशेषकर विधवाओं की। इतिहास में एक विधवा को समाज से लगभग बहिष्कृत माना जाता था। न उन्हें पुनर्विवाह की अनुमति थी, न स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार। वर्तमान समय में जबकि संविधान सभी नागरिकों को समानता और गरिमा से जीने का अधिकार …

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जानिए कैसे ट्रैफिक कैमरे ई-चालान जारी करते हैं?

जानिए कैसे ट्रैफिक कैमरे ई-चालान जारी करते हैं?

आजकल ज्यातर सभी के पास गाडी होती है। ऐसे में जब भी गाडी चलाने वाले लोगों से ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन होता है और ट्रैफिक पुलिस उन्हें रोकती है, तो वह उससे बचने के लिए अनगिनत बहाने बनाते है। ट्रैफिक पुलिस के स्टाफ से बहस करते है और कई बार तो बिना जुर्माना दिए ही …

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भारत में दहेज प्रथा का इतिहास, सामाजिक प्रभाव और कानूनी प्रावधान?

History, social impact and legal provisions of dowry system in India

भारत जैसे विविधतापूर्ण और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में विवाह सिर्फ दो व्यक्तियों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन माना जाता है। लेकिन इसी विवाह को जब दहेज की मांग से जोड़ा जाता है, तब यह एक पवित्र बंधन के बजाय एक व्यावसायिक सौदे जैसा बन जाता है। दहेज प्रथा को समझना इसलिए …

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मुस्‍ल‍िम पर्सनल लॉ और शरीयत क्‍या है?

मुस्‍ल‍िम पर्सनल लॉ और शरीयत क्‍या है?

भारत में पर्सनल मैटर्स जैसे शादी, डाइवोर्स, मेंटेनेन्स, चाइल्ड कस्टडी आदि के फैसले पर्सनल लॉ के तहत होते है। इसके साथ ही, मुसलमानों की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ(शरीयत) 1937 के तहत होती है। मुस्लिम पर्सनल लॉ पूरी तरह शरीयत पर आधारित है। शरीयत, कुरान के प्रावधानों और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं से बना है। मुस्लिम …

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भारत में मुस्लिम कपल तलाक कैसे ले सकते है?

भारत में मुस्लिम कपल तलाक कैसे ले सकते है

मुस्लिम लॉ के तहत, पार्टनर की मृत्यु या फिर डाइवोर्स के द्वारा शादी ख़त्म होती है। वाइफ की मृत्यु के बाद, हस्बैंड तुरंत दूसरी शादी कर सकता है। लेकिन विधवा को “इद्दत” नाम का फिक्स टाइम पीरियड पूरा होने के बाद ही दूसरी शादी करने की अनुमति दी गयी है। मुस्लिम लोगों का डाइवोर्स स्वयं …

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जानिए क्या है हिन्दू मैरिज एक्ट 1955

जानिए क्या है हिन्दू मैरिज एक्ट 1955

हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत भारत में रहने वाले हिन्दू लोग शादी कर सकते है और उस शादी को रजिस्टर भी करा सकते है। आईये इस एक्ट के बारे में जानते है। किन लोगों पर लागू होता है:- (1) जो लोग हिन्दू धर्म का पालन करते है।(2) जो बौद्ध, जैन या सिख के अंतरगर्त …

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नीट पीजी कि काउंसलिंग क्यों रुकी -बड़ा अपडेट।

नीट पीजी कि काउंसलिंग क्यों रुकी -बड़ा अपडेट

केंद्र सरकार ने सोमवार दिनांक 3 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट से नीट पीजी कि काउंसलिंग से जुड़े सभी मामलों पर जल्दी सुनवाई करने की सिफारिश की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने, जज डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने अनुरोध किया कि “समस्याओं” पर ध्यान देते हुए कल या परसों में ही सुनवाई …

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