क़ानून और धाराएं

अलग-अलग धर्मों के अनुसार आपसी तलाक लेने के लिए क्या कानून है?

अलग-अलग धर्मों के अनुसार आपसी तलाक लेने के लिए क्या कानून है?

सभी लोगों की ज़िंदगी में शादी एक बहुत मह्त्वपूर्ण फैसला होता है। और अगर यही शादी डाइवोर्स लेने की कगार पर पहुंच जाये तो किसी भी व्यक्ति को मनोस्थिति क्या होगी यह कह पाना मुश्किल है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रश्नाई तब आती है जब यह काम लीगल तरीके से ना किया जाये। अगर आप लीगल …

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भारत में रिश्तेदार के बच्चे को गोद लेने के लिए क्या कानून है?

भारत में रिश्तेदार के बच्चे को गोद लेने के लिए क्या कानून है?

गोद लेना बहुत लोगों के लिए आशा की किरण है। यह कई लोगों की ज़िंदगी में प्यार जोड़ती है। एक बच्चे और माता-पिता के बीच का रिश्ता और प्यार इतना शक्तिशाली और पवित्र होता है। यह एक सच्चा उदाहरण है कि आपको एक परिवार होने के लिए बायोलॉजिकल रूप से संबंधित होने की जरूरत नहीं …

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वाइफ द्वारा पुलिस में झूठी शिकायत करने पर पति के अधिकार क्या है?

वाइफ द्वारा पुलिस में झूठी शिकायत करने पर पति के अधिकार क्या है

भारत के समाज में एक लड़के और एक लड़की की शादी को अपने फायदे के लिए किया जाने वाला कोई सौदा समझा जाता है, और इसीलिए आजकल शादियां जल्दी टूट जाती है। यह बहुत दुख की बात है कि बस इसे एक सौदा समझा जा रहा है। और बस अपना फायदा ख़त्म होते ही यह …

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क्या भारत में अपने धर्म के अनुसार शिक्षा लेने का अधिकार है?

क्या भारत में अपने धर्म के अनुसार शिक्षा लेने का अधिकार है?

भारत एक ऐसा देश है जहां कई अलग-अलग धर्म और जातियों के लोग एक साथ रहते है और मिलकर एक समाज बनाते है। हमारा भारत देश धार्मिक विविधता को गले लगाता है। देश में कई सारे धर्मों का एक साथ रहना इस बात को साबित करता है कि भारत एक पंथनिरपेक्ष (Secular) देश है। हमारे …

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हिन्दू एडॉप्शन एक्ट के तहत बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया क्या है?

हिन्दू लोगों के लिए भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया क्या है

हिन्दू अडोप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट, 1956 क्या है? हिंदू एडॉप्शन और मेन्टेन्स एक्ट बच्चों, पत्नी और ससुराल वालों के रखरखाव और अन्य कानूनी दायित्वों द्वारा बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया से संबंधित है। इस लेख के पहले भाग में, हम हिंदुओं के लिए गोद लेने के बारे में बात करेंगे और दूसरा भाग …

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सीआरपीसी के सेक्शन 161 के तहत कौन-से बयान होते है?

सीआरपीसी के सेक्शन 161 के तहत कौन-से बयान होते है?

कोर्ट में किसी भी केस की सुनवाई को शुरू करने से पहले उस केस की प्री-ट्रायल प्रोसीडिंग्स शुरू की जाती है। प्री-ट्रायल प्रोसेस के अंदर पुलिस इन्वेस्टीगेशन शामिल होती है जो की केस के पूरे मैटर को सुलझाने के लिए सबूत के रूप में इकट्ठा की जाती है। पुलिस इन्वेस्टीगेशन के अंदर दो जरूरी पहलू …

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क्या नाजायज़ बच्चे पुश्तैनी प्रॉपर्टी के हक़दार है?

क्या नाजायज़ बच्चे पुश्तैनी प्रॉपर्टी के हक़दार है?

सभी कहते है कि बच्चे भगवान् का रूप होते है। अगर वही वो एक नाजायज़ बच्चा हो तो सभी की सोंच और नजरिया बदल जाता है। हालाँकि, कानून की नज़र में ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एक केस के चलते फैसला सुनाया कि नाजायज बच्चे भी अपने पेरेंट्स की प्रॉपर्टी के हकदार है। हांलांकि, …

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भारत में किरायेदार के क्या अधिकार है?

भारत में किरायेदार के क्या अधिकार है?

बहुत अधिकार हैं जो किरायेदार और मकान मालिक के बीच परस्पर जुड़े हुए होते हैं। जब भी एक मकान मालिक किसी किरायदार को अपनी प्रॉपर्टी किराय पर देता है तब उनके बीच यह रिश्ता एक कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से बनाया जाता हैं। आइए इस लेख के माध्यम से किरायेदार के अधिकारों को समझते हैं। एक …

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पॉक्सो चार्ज के केस में दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

पॉक्सो चार्ज के केस में दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

पॉक्सो चार्ज 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अर्थात नाबालिगों के लिए यौन सुरक्षा प्रदान करता है । यह अधिनियम बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों यौन उत्पीड़न को कम करने के उद्देश्य तथा इसको बिल्कुल भी खत्म करने के उद्देश्य से बनाया गया है इस अपराध के तहत अपराधी को अन्य महिला …

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क्या नाबालिग पत्नी से मैरिटल रेप में POSCO लगेगी?

नाबालिग लड़की से जबरदस्ती शादी करके रेप करने पर पॉक्सो के तहत सज़ा के क्या प्रावधान है।

भारत के संविधान के अनुसार किसी भी 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नाबालिग माना जाता है । यदि किसी नाबालिग बच्चे के साथ किसी भी तरह का सेक्सुअल क्राइम होता है तो उसका निस्तारण पाक्सो कानून के अंतर्गत होता है । इस तरह के मुकदमों की स्पेशल कोर्ट सुनवाई करता है । …

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