कानून और रिश्ते

हस्बैंड जो पैसे कमाने में सक्षम है अपनी वाइफ से पर्मनेंट मेंटेनेंस नहीं मांग सकता।

हस्बैंड जो पैसे कमाने में सक्षम है अपनी वाइफ से पर्मनेंट मेंटेनेंस नहीं मांग सकता।

केस टी. सदानंद पाई v सुजाता एस पाई के फैसले में, कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि रोजगार करने में सक्षम व्यक्ति अपनी वाइफ से पर्मनेंट एलिमनी नहीं मांग सकता है। हस्बैंड ने हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 25 के तहत मेंटेनेंस लेने के लिए एप्लीकेशन फाइल की थी, जिसे जस्टिस आलोक अराधे और जेएम …

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भारत में डाइवोर्स पेंडिंग होने पर हस्बैंड को कनाडा में मैट्रिमोनियल केस में आगे बढ़ने से रोका

भारत में डाइवोर्स पेंडिंग होने पर हस्बैंड को कनाडा में मैट्रिमोनियल केस में आगे बढ़ने से रोका

मैट्रिमोनियल इश्यूज में कई बार ऐसी सिचुऎशन्स देखी जाती हैं, जिसमें डाइवोर्स लेने की कार्यवाही का, कपल का कोर्ट केस पहले से ही चल रहा है लेकिन दूसरा पार्टनर डाइवोर्स डिक्री आने का इंतज़ार नहीं करता और किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने के लिए जल्दबाज़ी करता है। जैसा कि लॉ कहता है, एक मैरिड …

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वाइफ अपने हस्बैंड के साथ ना रहने का वैलिड रीज़न नहीं दे पाई: सुप्रीम कोर्ट नेदिया डाइवोर्स

जब वाइफ हस्बैंड के साथ न रहने के लिए वैलिड रीज़न नहीं दे पाई, तो सुप्रीम कोर्ट ने डाइवोर्स क्यों पास कर दिया?

हाल ही में देबनादा तमुली v श्रीमती काकुमोनी (2022) के केस में जस्टिस अजय रस्तोगी और अभय एस ओका की सुप्रीम कोर्ट बेंच ने डिज़रशन के बेस पर डाइवोर्स ग्रांट कर दिया। ऐसा इसीलिए क्योंकि वाइफ अपने ससुराल मर नहीं रह रही थी और ना ही कोई वैलिड रीज़न बता रही थी।  केस के फैक्ट्स: …

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क्या हस्बैंड सीआरपीसी के सेक्शन 125 से मेंटेनेंस देने से बच सकता है?

जब वाइफ हस्बैंड के साथ न रहने के लिए वैलिड रीज़न नहीं दे पाई, तो सुप्रीम कोर्ट ने डाइवोर्स क्यों पास कर दिया?

जब भी एक कपल किसी भी वजह से डाइवोर्स लेना चाहता है और इसकी मांग करता है, तो डाइवोर्स के बाद भी कपल के बीच बहुत सारे इशूज़ पैदा होते है। इसी वजह से मेंटेनेंस एक बहुत जरूरी मैटर है जिसके लिए कपल आमतौर पर लीगल हेल्प लेना चाहते है। ऐसे बहुत सारे केसिस देखने …

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डाइवोर्स लेने के लिए, लंबे समय का सेपरेशन एफिडेविट काफी है।

डाइवोर्स लेने के लिए, लंबे समय का सेपरेशन एफिडेविट काफी है।

राजू सिंह v ट्विंकल कंवर के केस में, हस्बैंड द्वारा हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 13-बी के तहत फाइल की गयी जॉइंट पिटीशन को फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन, हस्बैंड ने फैमिली कोर्ट के इस फैसले को चुनौती राजस्थान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। राजस्थान हाई कोर्ट के जज विजय बिश्नोई ने …

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चंडीगढ़ से 3 घंटे में लव मैरिज कैसे करें।

चंडीगढ़ से 3 घंटे में लव मैरिज कैसे करें।

लोगों के इतिहास में प्यार, मोहोबत्त कोई नया कांसेप्ट नहीं है; लोग बहुत पुराने समय से अपने मनचाहे व्यक्ति के साथ प्यार के सम्बन्ध में बंधते रहे है। दो लोगों के बिच का इमोशनल कनेक्शन या रिलेशन या एक दूसरे को पसंद करना, कपल को शादी के बंधन में बन्धन के लिए प्रेरित करता है, …

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दूर रहने वाले रिश्तेदारों पर भी वाइफ को परेशान करने का केस फाइल: बॉम्बे हाई कोर्ट

दूर रहने वाले रिश्तेदारों पर भी वाइफ को परेशान करने का केस फाइल: बॉम्बे हाई कोर्ट

जस्टिस सुनील शुक्रे और गोविंद सनप की डिवीज़न बेंच ने, राजेश हिम्मत पुंडकर vs महाराष्ट्र राज्य के केस में फाइल की गयी एक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए हस्बैंड के रिश्तेदारों के अगेंस्ट सेक्शन 498 ए के तहत फाइल की हुई एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया। ऐसा यह देखते हुए किया गया …

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हस्बैंड-वाइफ के बीच के झगड़ों को सुलझाने के उपाय

हस्बैंड-वाइफ के बीच के झगड़ों को सुलझाने के उपाय

एक पार्टी का अधिकार, क्लेम या डिमांड तब पूरी होती यही जब दूसरी तरफ कोंट्ररी क्लेम्स या एलीगेशंस लगाए जाते है, जिसके परिणामस्वरूप एक कनफ्लिक्ट या कंट्रोवर्सी होता है, जिसे मेनली डिस्प्यूट के रूप में जाना जाता है। डिस्प्यूट कई प्रकार के, जैसे – जो दो पार्टियों के बीच या एक ग्रुप के बीच हो …

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ससुर किसी अन्य व्यक्ति के साथ अपनी बहू का रेप नहीं कर सकता- इलाहाबाद हाई कोर्ट

ससुर किसी अन्य व्यक्ति के साथ अपनी बहू का रेप नहीं कर सकता- इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपनी बहू के साथ रेप के एक आरोपी और सह-आरोपी को यह कहते हुए ऐंटिसिपेटरी बेल दे दी है कि “यह काफी अप्राकृतिक/अननेचूरल है कि एक ससुर हमारी भारतीय संस्कृति में किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर अपनी ही बहू के साथ बलात्कार/रेप करे। “ फैक्ट्स: बाबू खान(आरोपी), जिन पर उनकी …

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क्या वाइफ मेंटेनेंस अमाउंट के ना मिलने पर हस्बैंड द्वारा कमाई हुई प्रापर्टी पर दावा कर सकती है?

क्या वाइफ मेंटेनेंस अमाउंट के ना मिलने पर हस्बैंड द्वारा कमाई हुई प्रापर्टी पर दावा कर सकती है?

एक अपील पर सुनवाई करते हुए, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज सुब्बा रेड्डी सत्ती ने फैसला लिया कि क्योंकि इस बात का कोई एविडेंस पेश नहीं किया गया कि हस्बैंड ने अपनी वाइफ और बच्चों की बेसिक नीड्स पूरी नहीं की है, इसलिए वाइफ द्वारा हस्बैंड की खुद कमाई हुई प्रॉपर्टी पर किया गया …

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