अन्य

हम जमानत के लिए वकील कैसे रख सकते हैं?

हम जमानत के लिए वकील कैसे रख सकते हैं?

जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे जमानत पाने का कानूनी अधिकार होता है। जमानत पुलिस की हिरासत से एक व्यक्ति की कानूनी रिहाई है जिस पर कुछ अपराधों का आरोप लगाया गया है। किसी भी व्यक्ति को अपनी जमानत के लिए वकील की ज़रूरत होती है।  आइये आज के इस लेख …

हम जमानत के लिए वकील कैसे रख सकते हैं? Read More »

शादी के बाद सरनेम बदलने से क्या फायदे होते हैं?

शादी के बाद सरनेम बदलने से क्या फायदे होते हैं?

हमारे देश भारत में शादी के बाद अक्सर महिलाएं अपना सरनेम अपने पति के अनुसार रख लेती हैं। लेकिन कई बार अक्सर हम लोगों के मन में कुछ सवाल उठते हैं जैसे क्या यह अनिवार्य है कि भारतीय महिलाएं शादी के बाद अपना सरनेम अपने पति के अनुसार ही रखें ? शादी के बाद सरनेम …

शादी के बाद सरनेम बदलने से क्या फायदे होते हैं? Read More »

क्या शादी के बाद अपना सरनेम बदलना जरूरी है?

क्या शादी के बाद अपना सरनेम बदलना जरूरी है?

भारत परंपरा प्रधान देश है। इसलिए यहां आज भी महिलाएं शादी के बाद अपना सरनेम अपने पति के सरनेम के अनुसार रख लेती हैं, और ये बड़े बड़े सेलिब्रिटी भी करते है । नई शादी हुई लड़कियों को सरनेम बदलने के पीछे कई सामाजिक तर्क सुनने को मिलते हैं जैसे महिला को पति की जायदाद …

क्या शादी के बाद अपना सरनेम बदलना जरूरी है? Read More »

पॉक्सो चार्ज के केस में दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

पॉक्सो चार्ज के केस में दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

पॉक्सो चार्ज 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अर्थात नाबालिगों के लिए यौन सुरक्षा प्रदान करता है । यह अधिनियम बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों यौन उत्पीड़न को कम करने के उद्देश्य तथा इसको बिल्कुल भी खत्म करने के उद्देश्य से बनाया गया है इस अपराध के तहत अपराधी को अन्य महिला …

पॉक्सो चार्ज के केस में दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय Read More »

क्या केस में देरी होना आर्टिकल 21 का उल्लंघन है?

केस में देरी होना आर्टिकल 21 का उल्लंघन है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक टिप्पणी के माध्यम से उच्च न्यायालयों से कहा है कि शीघ्रता से फैसला न आना अथवा निर्णय देने में देरी वास्तव में संविधान के आर्टिकल 21 का उल्लंघन है । इसलिए सभी न्यायालयों को चाहिए कि वे इससे बचें। सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी के अनुसार  “न्याय …

क्या केस में देरी होना आर्टिकल 21 का उल्लंघन है? Read More »

आरोपी को कौन से दस्तावेज कोर्ट द्वारा फ्री मिल सकते है?

आरोपी को कौन से दस्तावेज कोर्ट द्वारा फ्री मिल सकते है?

भारत में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) में ऐसे प्रावधान हैं जो आपराधिक मामलों में पालन की जाने वाली प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं। सीआरपीसी की एक महत्वपूर्ण धारा हैं जो धारा 207 है, जो मुकदमे के लिए मजिस्ट्रेट को मामला भेजने की प्रक्रिया से संबंधित है। एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक आपराधिक मामले की जांच …

आरोपी को कौन से दस्तावेज कोर्ट द्वारा फ्री मिल सकते है? Read More »

बीमा कंपनी को चेक बाउंस नोटिस भेजने की क्या प्रक्रिया है?

बीमा कंपनी को चेक बाउंस नोटिस भेजने की क्या प्रक्रिया है?

भारत में, चेक बाउंस एक गंभीर मामला हो सकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है कि मामले को कुशलतापूर्वक और निष्पक्ष रूप से हल किया जाए। चेक बाउंस नोटिस एक बीमा कंपनी को एक औपचारिक पत्र है जो उस स्थिति में भेजा जाता है जब उनके …

बीमा कंपनी को चेक बाउंस नोटिस भेजने की क्या प्रक्रिया है? Read More »

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत कार्यवाई करने में किन शर्तों को पूरा करना होता है?

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत कार्यवाई करने में किन शर्तों को पूरा करना होता है?

भारत में चेक के अनादर या चेक बाउंस से जुड़े मामलों के लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत कानूनी कार्यवाहियाँ की जाती हैं। यह बात समझने वाली है कि चेक बाउंस के लिए इस धारा का उपयोग होता आया है।  भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पांच-न्यायाधीशों की …

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत कार्यवाई करने में किन शर्तों को पूरा करना होता है? Read More »

क्या दूसरी पत्नी के बच्चे भी मृत् पिता की नौकरी के हकदार है?

क्या दूसरी पत्नी के बच्चे भी मृत् पिता की नौकरी के हकदार है?

राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर बेंच के अनुसार एक मृतक कर्मचारी की दूसरी पत्नी से पैदा हुआ बच्चा भी अनुकंपा/कंपनसेशन पाने का हकदार है। इस केस में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए, जज संदीप मेहता और जज कुलदीप माथुर की बेंच ने मुकेश कुमार व् भारत संघ के केस में सुप्रीम कोर्ट के हाल ही …

क्या दूसरी पत्नी के बच्चे भी मृत् पिता की नौकरी के हकदार है? Read More »

जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस क्या है?

जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस क्या है?

भारत सरकार के नियमों के अनुसार, हर साल 40 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यवसायों और व्यवपारियों को सामान्य टैक्स योग्य संस्थाओं के रूप में पंजीकृत होना और अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं के अनुरूप टैक्स (जीएसटी) भरना जरूरी है। हालाँकि, 40 लाख रुपये तक के कारोबार की सीमा अलग-अलग राज्यों के हिसाब से …

जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस क्या है? Read More »