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पिटीशन वापस लेने पर हाईकोर्ट द्वारा 1 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया।

पिटीशन वापस लेने पर हाईकोर्ट द्वारा 1 लाख रूपए का जुर्माना

झारखण्ड में एक रास्ते पर चल रहे विवाद की सुनवाई करते समय झारखण्ड हाई कोर्ट ने पिटीशन फाइल करने वाली महिला पर 1 लाख रूपये का जुर्माना लगा दिया। अब आप सोच रहे होंगे की भला पिटीशन फाइल करने पर जुर्माना क्यों लगाया गया है। दरअसल, यह जुर्मना इसलिए लगाया गया था क्योंकि बसंती कच्छप …

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इनकम टैक्स पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

इनकम टैक्स पोर्टल पर खुद को कैसे रजिस्टर करें?

टैक्स वह अमाउंट होता है जिसे कानूनी रूप से सरकार द्वारा सभी सामानों और सेवाओं के खरीदने या बेचने पर लगाया जाता है। यह टैक्स आम जनता द्वारा सरकार को डायरेक्टली और इनडायरेक्टली दिया जाता है। उदाहरण के लिए, जब भी एक आम आदमी कोई चीज खरीदता है जैसे – बिस्कुट, फिनायल, झाड़ू, आदि, तब …

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कंपनी एक्ट 2013 के तहत जरूरी नियम क्या है?

कंपनी एक्ट 2013 के तहत जरूरी नियम क्या है?

भारत में बहुत तेज़ी से एंटरप्रन्योर बढ रहे है। एंटरप्रन्योर वह होते है जो पैसा लगा कर एक नए बिज़नेस की शुरुवात करते है। जैसे-जैसे एंटरप्रन्योर की संख्या बढ़ रही है, वैसे ही नई कंपनियों के पंजीकरण या रजिस्ट्रेशन की संख्या भी भारत में तेजी से बढ़ती हुई देखी गयी है। ज़्यादातर सभी एंटरप्रन्योर के …

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नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के जरूरी प्रावधान कौन-से है?

नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के विशेष प्रावधान क्या है?

परक्राम्य लिखत अधिनियम या नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट वर्ष 1881 में लाया गया था। जिसे बैंकिंग और वाणिज्यिक लेनदेन के विकास को आसान बनाने के लिए पेश किया गया था। यह अधिनियम ब्रिटिश शासन के दौरान लागू किया गया था और आज तक, अधिकांश प्रावधान अभी भी अपरिवर्तित हैं। अधिनियम का उद्देश्य परक्राम्य लिखत प्रणाली के …

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क्या पति अपनी पत्नी से भरण-पोषण का दावा कर सकता है?

पति पत्नी से भरण पोषण का दावा कैसे कर सकता है?

भरण-पोषण कानून हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक लैंगिक-समानता वाला कानून है क्योंकि यह पति और पत्नी दोनों को भरण-पोषण का अधिकार प्रदान करता है। हालाँकि, अन्य कानून केवल पत्नियों को यह अधिकार देते हैं, और इसलिए, अन्य कानूनों के खिलाफ याचिकाएँ दायर की गई हैं, जैसे कि सुप्रीम कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 125, …

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क्या हॉस्पिटल कैशलेस सुविधा देने से इंकार कर सकता है?

क्या हॉस्पिटल कैशलेस सुविधा देने से इंकार कर सकता है?

भारत की इंश्योरेंस रेगुलेरिटी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने ऑब्ज़र्व किया कि हाल ही में कई हॉस्पिटल अपने पॉलिसी-होल्डर्स को बिना पैसों के ट्रीटमेंट करने या कैशलेस सुविधा देने से मना कर रहे हैं। आईआरडीएआई के सेक्शन 31 (डी) के अनुसार बीमा/इंश्योरेंस कंपनियों का प्राइवेट और पब्लिक हेल्थकेयर इंस्टीटूशन्स के साथ समझौता होता है। नेटवर्क …

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दिल्ली में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जा सकता है?

दिल्ली में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन किस प्रकार किया जा सकता है?

आजकल भारत में कई अन्य आवश्यक सेवाओं की तरह ही कुछ राज्यों में विवाह पंजीकरण भी ऑनलाइन किया जा सकता है। ऑनलाइन पंजीकरण बेहतर है क्योंकि इससे समय और परेशानी की बचत होती है, और यह लंबी लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जो सामाजिक दूरी के विकल्प के रूप में …

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एग्रीमेंट कितने प्रकार के होते है?

एग्रीमेंट कितने प्रकार के होते है?

एग्रीमेंट या समझौता सामान्य रूप से बिज़नेस का एक मह्त्वपूर्ण हिस्सा होता हैं। यह एक बिज़नेस को अलग अलग कानूनी स्थितियों में फंसने से बचाने के लिए बनाये जाते हैं। कुछ सामान्य एग्रीमेंट जो ज्यादातर हर बिज़नेस में बनवाये जाते है वह है – साझेदारी (partnership) एग्रीमेंट, क्षतिपूर्ति (indemnity) समझौते, गैर-प्रकटीकरण (non-disclosure) समझौते, पट्टा (lease) …

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चेक पर केवल साइन कर देना एनआई एक्ट के तहत अपराध नहीं है।

चेक पर केवल साइन कर देना एनआई एक्ट के तहत अपराध नहीं है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट और उसकी धारा 138 के तहत एक अहम फैसला सुनाया है। मन मोहन पटनायक बनाम सिस्को सिस्टम्स कैपिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का यह फैसला सामने आया है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते …

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पैसों की ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत ऑनलाइन कैसे की जा सकती है?

पैसों की ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत ऑनलाइन कैसे की जा सकती है?

प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, दुनिया ई-गवर्नेंस के डिजिटल रूपों की ओर बढ़ रही है। इंटरनेट ने जनता को तकनीक की अपार शक्ति दी है। साइबरस्पेस के विकास के माध्यम से पूरी दुनिया को जोड़ने के अलावा, इंटरनेट हर क्षेत्र में एक वरदान साबित हुआ है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इस माध्यम …

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