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वेबसाइट पॉलिसीज़ का क्या महत्व है?

वेबसाइट पॉलिसीज़ का क्या महत्व हैं?

नीतियां (Policies) किसी भी बिज़नेस या किसी भी संगठन (organisation) के लिए सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक हैं। किसी भी कंपनी के काम करने की प्रक्रियाएं, तरीके, कानूनी नीतियां, व्यापार मॉडल, आदि की सभी डिटेल्स उस कंपनी की नीतियों में परिभाषित की जाती हैं। आम तौर पर गोपनीयता नीति (privacy policy) किसी भी वेबसाइट …

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चेक बाउंस का केस आसानी से कैसे लड़ें?

चेक बाउंस का केस आसानी से कैसे लड़ें?

गुज़रे कुछ वक्त से देश में चेक बाउंस के मामलों तीव्रता आई है। ऐसे में इन मामलों से निपटने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को कुछ निर्देश भी जारी किए हैं। निर्देश में चेक बाउंस की समस्या से जुड़े कानून के सुधार की बात कही गई है इसके साथ ही इन मामलों …

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कॉरपोरेट के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैसे तैयार किये जाते है?

कॉरपोरेट कानून के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैसे तैयार किये जाते है?

अनुबंधों (Contracts) और समझौतों (agreements) को कॉरपोरेट की दुनिया का दिल माना जाता है। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि सभी कॉन्ट्रैक्ट को बहुत ही सावधानीपूर्वक तैयार किया जाना चाहिए ताकि पार्टियों के बीच भविष्य में पैदा होने वाली किसी भी प्रकार की गलतफहमी को पहले ही ख़त्म किया जा सके। जैसा पहले भी कहा …

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एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स कितने प्रकार के होते है?

एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स कितने प्रकार के होते है?

आजकल लोग नौकरी करने से ज्यादा स्टार्टअप को पसंद कर रहे है। मार्किट में एक नए बिज़नेस की स्थापना करने को स्टार्टअप खोलना कहते है। ऐसा जरूरी नहीं है कि इसे एक बड़े स्तर/लेवल पर खोला जाये, छोटे स्तर पर एक नए बिज़नेस की शुरुवात करने की भी स्टार्टअप ही कहा जाता है। चाहें कोई …

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कॉन्ट्रैक्ट ड्राफ्टिंग क्या है?

कॉन्ट्रैक्ट ड्राफ्टिंग से आप क्या समझते है?

एक कॉन्ट्रैक्ट एक लिखित समझौता (written agreement) होता है जो दो या दो से ज्यादा पार्टियों के बीच अलग-अलग प्रकार का संबंध बनाता है और हर पार्टी के दायित्वों और अधिकारों के बारे में बताता है। इस प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स किसी भी कुशल लॉयर से ड्राफ्ट कराये जा सकते है। कॉन्ट्रैक्ट को ड्राफ्ट करने का …

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कंपनी समय पर सैलरी ना दे तो क्या करें।

कंपनी समय पर सैलरी ना दे तो क्या करें।

भारतीय कानून कर्मचारियों/एम्प्लॉईज़ को उनके अधिकारों के लिए बहुत सुरक्षा देता है। काम कराने के लिए एम्प्लॉईज़ को हायर करने वाले नियोक्ता आमतौर पर मानते हैं कि एम्प्लॉईज़, एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट के तहत अपने अधिकारों को पूरी तरह से नहीं समझते हैं, इसलिए वे उन्हें किसी भी समय कंपनी से टर्मिनेट कर सकते हैं या आसानी …

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जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1969 क्या है?

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1969 क्या है?

भारत में सभी नागरिकों के जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन, जन्म और मृत्यु एक्ट, 1969 के तहत किया जाता है। अब, यह सवाल उठता है कि किसी व्यक्ति के जन्म और मृत्यु को रजिस्टर करना क्यों जरूरी है। किसी व्यक्ति के जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखना या उनकी मृत्यु की वजह को जानना देश …

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वीमेन सेल में कम्प्लेन फाइल करने का प्रोसेस क्या है?

वीमेन सेल में कम्प्लेन फाइल करने का प्रोसेस क्या है?

एक व्यक्ति मौखिक, लिखित या ऑनलाइन किसी भी रूप में शिकायत/कम्प्लेन फाइल करा सकता है, जैसे भी वह उचित और आरामदायक समझता है। महिला आयोग या वीमेन कमीशन (Crime against Women Cell) महिलाओं के उन अधिकारों को दिलाने का काम करती है जिनसे वह वंचित रह गयी हैं या उनके साथ अन्याय हुआ है। वीमेन …

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कंपनी में कर्मचारी द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने पर क्या कानूनी कदम उठाये जा सकते है?

अगर एम्प्लोयी दुर्व्यवहार करता है, तो क्या करें?

आजकल वर्कप्लेस पर एम्प्लॉईज़ के मिसबिहेव को समझना ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और मैनेजर्स के लिए बहुत जरूरी है। यह एक आसान काम नहीं है, और साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि एम्प्लोयी का बेहेवियर क्लियर और कंपनी की एक्सपेक्टेशंस के अनुसार ही हो।  आइए समझते हैं कि एम्प्लॉईज़ के मिस्बेहेवियर का कंपनी …

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आम आदमी द्वारा मजिस्ट्रेट को शिकायत करने के लिए क्या कानूनी प्रक्रिया है?

सीआरपीसी के सेक्शन 200 का उद्देश्य क्या है?

एक मजिस्ट्रेट किसी व्यक्ति द्वारा की गयी मौखिक (मुँह से बोली हुई) कंप्लेंट और केस के गवाहों (अगर कोई है) पर गौर करके उनकी इन्वेस्टीगेशन करता है। इसके बाद यह पूरी कंप्लेंट लिखी जाती है और कम्प्लेनेंट द्वारा साइन कराई जाती है। हालाँकि, अगर कंप्लेंट लिखित रूप में मजिस्ट्रेट के सामने पेश की जाती है, …

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