क्या पिछली शादी को छुपाना भारत में तलाक का आधार हो सकता है?

क्या पिछली शादी को छुपाना भारत में तलाक का आधार हो सकता है?

क्या दोबारा शादी करने से पहले किसी तरह का सत्यापन करवाना पड़ता है?

हाँ, दोबारा शादी करने से पहले कई देशों में विवाह अधिनियम के अनुसार कुछ सत्यापन की आवश्यकता हो सकती है। इसमें शामिल हो सकते हैं:

तलाक की पुष्टि

यदि पहली शादी तलाक के माध्यम से समाप्त हुई है, तो तलाक की पुष्टि के लिए संबंधित कानूनी दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है।

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

मृत्यु प्रमाणपत्र

यदि पहले के साथी की मृत्यु हो चुकी है, तो मृत्यु प्रमाणपत्र या निधन प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो सकती है।

विवाह पंजीकरण

पहले के विवाह की पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जा सकती है।

विवाह अधिनियम की धारा 5 क्या  कहती है?

विवाह अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत निम्नलिखित बातो एवं समस्याओं का जिक्र है। 

जैसे 

  • हिंदू विवाह अधिनियम की कौन-कौन सी धाराएं विवाह की शर्तों को संबंधित करती हैं?
  • धारा 17 और 18 के अंतर्गत हिंदू विवाह में किस प्रकार का दंड प्रावधान है?
  • हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के तहत कौन-कौन सी शर्तें हैं और उनके उल्लंघन पर क्या प्रावधान है?

हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार, धारा 5 के अंतर्गत कुछ विवाह शर्तें हैं, और इन शर्तों का उल्लंघन करने पर धारा 17 और 18 के तहत दंड लागू होता है। यदि किसी विवाह में उल्लंघन होता है, तो वह विवाह शून्य और अमान्य घोषित किया जाता है। ये शर्तें धारा 11, 12, 17 और 18 में स्पष्ट की गई हैं।

धारा 17 और 18 के अंतर्गत, हिंदू विवाह में कुछ कार्यों पर दंड की व्यवस्था है। यदि किसी व्यक्ति ने विवाह करने से पहले धारा 5 के तहत उल्लंघन किया है, तो उसे धारा 17 के तहत दंडित किया जा सकता है। इसके साथ ही, यदि कोई व्यक्ति धारा 5 के तहत किसी विवाह की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे धारा 18 के तहत दंडित किया जा सकता है।

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इसलिए, हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह के शर्तों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। धारा 11, 12, 17 और 18 द्वारा विवाह के अनुचित उल्लंघन के परिणाम स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किए गए हैं।

पहले विवाह के बिना सत्यापन दूसरा विवाह करने पर क्या हो सकता है

पहले विवाह की सत्यापन न करके दूसरे विवाह करने पर व्यक्ति कानूनी तौर पर दोषी माना जाएगा । भारत में हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत बिना तलाक दूसरी शादी को अवैध माना जाता है और इसके परिणामस्वरूप कानूनी कार्रवाई भी की जाती है । कानून पहले विवाह के सत्यापन की अनदेखी की जांच कर सकता है और अगर पता चलता है कि पहले विवाह अब भी वैध है, तो दूसरे विवाह को अवैध माना जा सकता है।  ऐसी स्थिति में दूसरी शादी गिरफ्तारी या दण्डनीय कार्रवाई का कारण बन सकती है।

विवाह से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए आज ही लीड इंडिया कंपनी से संपर्क करें।

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