भारत में होने वाली कोर्ट मैरिज स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत वैध करार दे दी जा चुकी हैं। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि हिंदुस्तान में रह रहे किसी धर्म,जाति संस्कृति का व्यक्ति किसी भी व्यक्ति से विवाह कर सकता है।
दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया भी इसी स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत ही कराई जाती हैं। इस लेख के ज़रिए आइये जानते हैं दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया क्या है?
दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया
दिल्ली राज्य में कोर्ट मैरिज कराई जाने के प्रक्रिया के लिए युगल को कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। ये नियम भी विशेष विवाह अधिनियम 1954 द्वारा लागू किये जाते हैं।
स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत दिल्ली में कोर्ट में विवाह करने के लिए युगल/जोड़े को संबंधित अधिकारी यानि कि मैरिज रजिस्ट्रार के कार्यालय जा कर विवाह के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना होता है। दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन की सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है जो इसे और भी ज़्यादा आसान बना देता है।
दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन के अतिरिक्त कुछ दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है। जो लड़के एवं लड़की दोनों के ही द्वारा प्रस्तुत किये जाने आवश्यक हैं आइये समझते हैं कि दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिये किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है:
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज:
- लड़का एवं लड़की के चार पासपोर्ट आकार के फोटो।
- लड़का एवं लड़की के आयु प्रमाण पत्र जिस से सिद्ध हो सके कि लड़की की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष से अधिक की हो।
- साक्ष्यों के पहचान पत्र एवं उन की भी पासपोर्ट आकार की फ़ोटो।
- शादी कर रहे युगल में से यदि कोई विधुर या विधवा है तो पूर्व में रही पत्नी/पति का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- शादी कर रहे युगल में से यदि कोई तलाकशुदा है तो न्यायालय द्वारा तलाक के मामले में प्राप्त अंतिम आदेश की प्रति।
दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया काफ़ी आसान है। और इसे आसान बनाने में दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिए किये जाने वाला ऑनलाइन पंजीकरण कहीं न कहीं बहुत योगदान रखता है। आइये समझते हैं दिल्ली में कोर्ट मैरिज करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- सर्वप्रथम वेबसाइट पर जा कर सभी पूछे गए विवरण को ध्यानपूर्वक भरें।
- आवेदन पूर्णतः भर जाने के पश्चात अपने आवेदन के की एक प्रति प्रिंट आउट भी लें जिसमे पावती यानि रसीद क्रमांक अंकित होगा।
- इस प्रिंट आउट को उस अधिकारी को पोस्ट करें जिसके द्वारा यह पंजीकृत डाक के माध्यम से देखा जाएगा।
- समय समय पर आवेदन स्थिति की जांच करने की भी सुविधा प्राप्त है।
- आवेदन के साथ लगाए गए सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आपको 10 अंकों की संख्या दी जाएगी। इस के बाद आप अपने विवाह के पंजीकरण के लिए सम्बंधित अधिकारी के कार्यालय एक निश्चित तिथि को जा कर अपना विवाह पंजीकृत कर सकते हैं।
दिल्ली में कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया किस प्रकार की जाएगी आइये इसे क्रम वार समझते हैं:
- विवाह की इच्छा रखने वाले लड़के या लड़की में कोई भी पहले से विवाहित न हो।
- लड़के की उम्र 21 और लड़की की उम्र 18 वर्ष पूरी हो।
- लड़का एवं लड़की मानसिक तथा जैविक तौर पर स्वस्थ्य हों।
- लड़का एवं लड़की निषिद्ध संबंध की डिक्री में न आते हों।
- लड़का एवं लड़की को कोर्ट मैरिज के बारे में मैरिज रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस के माध्यम से बताया जाएगा।
- इस नोटिस को मैरिज रजिस्ट्रार प्रकाशित करेगा ताकि किसी को आपत्ति होने पर वह इसे दर्ज करा सके।
- नोटिस प्रकाशन के 30 दिन बाद तक कोई आपत्ति न होने पर लड़के और लड़की की शादी करा दी जाएगी।
- इस विवाह को मैरिज रजिस्ट्रार के कार्यालय में ही सम्पन्न कराया जाएगा।
- विवाह के पंजीकरण के लिए जोड़े को विवाह की तारीख़ पर तीन साक्ष्यों यानि कि गवाहों के साथ प्रस्तुत होना अनिवार्य है।