हिंदू मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट एक दूसरे से कैसे अलग है?

हिंदू मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट एक दूसरे से कैसे अलग है?

हिंदू मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट भारत के दो ऐसे जरूरी एक्ट्स हैं। यह मैरिज एक्ट्स भारत में होने वाली शादियों को पंजीकृत या रजिस्टर कराने के लिए बनाये गए है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि भारत के लोग अपने-अपने धर्मों के अनुसार अपनी शादी को कानूनी रूप से कैसे रजिस्टर करा सकते है। 

हिंदू मैरिज एक्ट क्या है?

हिंदू मैरिज एक्ट भारत में रहने वाले हिंदुओं, जैन, बौद्ध धर्म के लोगों पर लागू होता है। यह एक्ट हिन्दू धर्म के लोगों की शादी करने से संबंधित प्रोसेस, रीती-रिवाज़ और सभी जरूरतों के बारे में बने कानूनों के बारे में बताता है। यह शादी को सही मायने देता है जिसके तहत दूल्हा और दुल्हन को साथ रहने, सेक्सुअल रिलेशन्स बनाने और अपनी ज़िंदगी को आगे बढ़ाने के अधिकार देता है।

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स्पेशल मैरिज एक्ट क्या है?

स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 एक ऐसा मैरिज एक्ट है जो दो अलग-अलग धर्मों के लोगों को शादी करने, तलाक लेने, की अनुमत देता है। इस एक्ट के अनुसार दो ऐसे लोग जो ना ही एक धर्म से है और ना ही एक जाती से लेकिन फिर भी वे आपस में कानूनी रूप से शादी कर सकते है। इस एक्ट के तहत हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख धर्म के नागरिक अपनी शादी को कानूनी रूप से रजिस्टर करा सकते है। 

इस एक्ट के अनुसार, कपल्स को शादी करने में 30 दिन या उससे ज्यादा का समय लगता है।  इस समय में कपल के सभी जरूरी डाक्यूमेंट्स की जांच, नोटिस लगना, डॉक्युमनेट्स का सबमिशन, मैरिज रजिस्ट्रार से तारिख लेना आदि जैसे काम होते है। इस एक्ट के तहत शादी करने एक लिए पूरो प्रोसेस आप को इस ब्लॉग में मिल जाएगी। 

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हिंदू मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट के बीच क्या अंतर् है?

हिंदू मैरिज एक्ट केवल भारत में रहने वाले हिन्दू नागरिकों पर ही लागू होता है। स्पेशल मैरिज एक्ट भारत में रहने वाले किसी भी जाती, धर्म या पहचान के लोगों पर लागू होता है।
हिन्दू मैरिज एक्ट में शादी पूरे रीती-रिवाज़ों के साथ की जाती है। स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में परफॉर्म की जाती है। 
हिन्दू मैरिज एक्ट में शादी हिन्दू धर्म के अनुसार की जाती है।स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी किसी भी धर्म के अनुसार नहीं की जाती है।
हिन्दू मैरिज एक्ट की शादी अपनी पसंद की जगह पर होती है, इसी किसी पर्टिकुलर ऑफिस में करने की कोई जरूरत नहीं है।यहां शादी बिना किसी भी धर्म, जाती या रीती-रिवाज़ के ही की जाती है। 
हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार शादी करने वाले दोनों व्यक्ति हिन्दू होने चाहिए।स्पेशल मैरिज एक्ट के अनुसार दो अलग-अलग धर्म और जाती के व्यक्ति भी शादी कर सकते है। 
इस एक्ट के अनुसार शादी करने में समय कम और लागत अपनी इच्छानुसार लगती है।इस एक्ट के अनुसार शादी करने में समय ज्यादा और लागत कम लगती है
यह शादी 1 दिन में की जा सकती है।इस मैरिज एक्ट के हिसाब से शादी करने के लिए कम से कम तीस दिनों का समय लगता है। 
इस शादी के लिए किसी प्रूफ की जरूरत नहीं होती है, बजाय इसके की दोनों व्यक्ति हिन्दू हो। इस एक्ट में शादी रजिस्टर कराने के लिए दोनों व्यक्तियों के प्रूफ्स या डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है।
इस शादी में किसी हवन की अग्नि को ही गवाह माना जाता है। इस शादी में 3 गवाहों का होना जरूरी है।
इस शादी का रजिस्ट्रेशन कराने में 1 से 2 दिन का समय लगता है।इस शादी का रजिस्ट्रेशन कराने में कम से कम 30 दिन या उससे ज्यादा समय लगता है।

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