वर्चुअल खेलों की आदत बच्चों पर काठी असर पड़ता है। यह उनकी शारीरिक गतिविधियों को कम कर सकता है और उन्हें एक बैठकर जीवनशैली का अनुभव कराता है। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है।
वर्चुअल खेलों के लिए समय देने से बच्चों का समय प्रबंधन अधिकतम सीमा तक हो सकता है जिससे वे अन्य गतिविधियों जैसे कि खेल खेलना, सामाजिक संवाददात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेना या अध्ययन करने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।
इसके अलावा, वर्चुअल खेलों में शामिल होने से बच्चों का सोशल लाइफ भी प्रभावित हो सकता है। वे वर्चुअल दुनिया में अधिक ज्यादा समय व्यतीत करने लगते हैं जिससे उनके रियल लाइफ में सोशल इंटरेक्शन अधिक से कम होने लगते हैं।
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वर्चुअल खेलों से बच्चों में क्या सामाजिक परिवर्तन भी आ सकते हैं ?
हाँ, वर्चुअल खेलों के खेलने से बच्चों में सामाजिक परिवर्तन आ सकते हैं। यहां कुछ मुख्य तत्व शामिल हैं:
साथी खिलाड़ियों के साथ संवाद:
वर्चुअल खेलों के माध्यम से बच्चे दूसरे खिलाड़ियों के साथ ऑनलाइन मिलते हैं और उनके साथ संवाद करते हैं। इससे उनके सामाजिक कौशलों में सुधार हो सकता है और वे नए मित्र बना सकते हैं।
टीम खेल
वर्चुअल खेलों में टीम खेलने का महत्वपूर्ण अंश होता है। बच्चे ग्रुप गतिविधियों के माध्यम से टीम बनाते हैं और सहयोग करते हैं। इससे उनकी सामरिकता, सहयोग और टीमवर्क कौशल विकसित हो सकते हैं।
विरासत
कुछ वर्चुअल खेल ऐसे होते हैं जिनमें बच्चे अपने खातिर अवतार बनाते हैं, वास्तविक विश्व में वास्तविक संपत्ति और सामग्री का विक्रय करते हैं या विरासत में प्राप्त करते हैं। यह उन्हें वित्तीय प्रबंधन, व्यापारिक कौशल और मूल्यांकन की समझ विकसित कर सकता है।
कला और सामरिक नटक
कुछ वर्चुअल खेल रंगमंच की भूमिका निभाते हैं, जहां बच्चे चरित्रों को विकसित करते हैं, कहानियाँ बनाते हैं और सामरिक नटक करते हैं। इससे उनकी कला, अभिनय कौशल और रचनात्मकता में सुधार हो सकता है।
सामाजिक समुदाय
वर्चुअल खेलों के माध्यम से बच्चे विभिन्न सामाजिक समुदायों के हिस्से बन सकते हैं जिनमें वे रुचि रखते हैं, जैसे कि खेल क्लब, शिक्षा समुदाय, विज्ञान या आवेशिकी समुदाय।
वर्चुअल खेलों की उम्र सीमा क्या है ?
अधिकांश देशों में, वर्चुअल खेलों के लिए आयु सीमा होती है जिससे उम्र से कम बच्चों को वर्चुअल खेलों में शामिल होने से रोका जाता है। कुछ देशों में इसकी आयु सीमा 12 से 18 वर्ष होती है।
वर्चुअल खेलों को नियंत्रित करने के नियम क्या हैं?
कुछ देशों में, वर्चुअल खेलों को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। उदाहरण के लिए, चीन में वर्चुअल खेलों को नियंत्रित करने के लिए बहुत सख्त कानून हैं। उनके अनुसार, बच्चों को वर्चुअल खेलों में समय सीमा लगाई जाती है जिससे वे उनमें समय सीमा के बाद से अधिक समय नहीं व्यतीत कर पाते हैं। भारत में भी, बच्चों के वर्चुअल खेलों में समय सीमा लगाने की मांग की जा रही है।
इसके अलावा, कुछ देशों में, बच्चों की सुरक्षा के लिए वर्चुअल खेलों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं।जैसे की
समय सीमा
बच्चों को वर्चुअल खेलों में समय सीमा लगाई जाती है जिससे वे उनमें समय सीमा के बाद से अधिक समय नहीं व्यतीत कर पाते हैं।
उम्र सीमा
बच्चों के लिए वर्चुअल खेलों के लिए आयु सीमा होती है जिससे उम्र से कम बच्चों को वर्चुअल खेलों में शामिल होने से रोका जाता है।
अनुपस्थिति के नियम
बच्चों के लिए वर्चुअल खेलों में अनुपस्थिति के नियम होते हैं जो उन्हें उनकी अन्य गतिविधियों से अलग रखने में मदद करते हैं।
वर्चुअल खेलों की रेटिंग
बच्चों के लिए वर्चुअल खेलों की रेटिंग होती है जो उन्हें उनकी उम्र के अनुसार सही वर्चुअल खेल चुनने में मदद करती है।
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