मैट्रिमोनियल इश्यूज में कई बार ऐसी सिचुऎशन्स देखी जाती हैं, जिसमें डाइवोर्स लेने की कार्यवाही का, कपल का कोर्ट केस पहले से ही चल रहा है लेकिन दूसरा पार्टनर डाइवोर्स डिक्री आने का इंतज़ार नहीं करता और किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने के लिए जल्दबाज़ी करता है।
जैसा कि लॉ कहता है, एक मैरिड व्यक्ति को कानूनी रूप से किसी अन्य व्यक्ति से शादी करने की अनुमति नहीं है, जबकि आपका डाइवोर्स का केस अभी भी कोर्ट में पेंडिंग है, भले ही यह एक कंटेस्टेड डाइवोर्स हो या म्यूच्यूअल डाइवोर्स। वास्तव में, हिन्दुओं पर हिंदू मैरिज एक्ट लागू होता है और कहता है कि जब तक आपकी डाइवोर्स डिक्री को पास हुए छह महीने बीत नहीं जाते, तब तक आप दोबारा शादी नहीं कर सकते।
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दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला:
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले ने एक केस के बारे में सीरियस दृष्टिकोण व्यक्त किया जिसमें हस्बैंड ने भारत में अपनी वाइफ द्वारा फाइल किये गए डाइवोर्स की कार्यवाही पर ध्यान नहीं दिया और कोर्ट में पेश होने से भी मना कर दिया, और कनाडा कोर्ट में एक अन्य डाइवोर्स केस फाइल किया।
माननीय जज अमित बंसल ने हस्बैंड के अगेंस्ट एक इंटरिम इंजक्शन इशू किया, जिससे उन्हें कनाडा कोर्ट में फाइल डाइवोर्स पिटीशन पर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। कोर्ट वाइफ द्वारा फाइल एक एप्लीकेशन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रेस्पोंडेंट के हस्बैंड को कनाडा कोर्ट में फाइल डाइवोर्स केस में आगे बढ़ने से रोकने के लिए इंटरिम आर्डर की मांग की गई थी।
केस के फैक्ट्स:
कम्प्लेन फाइल करने वाले व्यक्ति ने 16 दिसंबर, 2020 को फैमिली कोर्ट, साकेत, नई दिल्ली में रेस्पोंडेंट के अगेंस्ट डाइवोर्स की पिटीशन फाइल की, जो एक साल से ज्यादा समय से पेंडिंग है, और रेस्पोंडेंट ने भी केस में कॉरपोरेट करने से मना कर दिया है। रेस्पोंडेंट ने कम्प्लेनेंट को परेशान करने के लिए 13 दिसंबर, 2021 को कनाडा में डाइवोर्स की कार्रवाई शुरू की।”
कम्प्लेनेनेंट क तरफ से लॉयर ने केस में अर्जेण्टली अंतरिम ऑर्डर पास करने की मांग की। दोनों पार्टीज़ हस्बैंड-वाइफ के रिश्ते में हैं। मैट्रिमोनियल िसुएज़ की वजह से, कम्प्लेनेनट ने 16 दिसंबर, 2020 को रेस्पोंडेंट के अगेंस्ट कम्प्लेन फाइल करके डाइवोर्स की कार्यवाही शुरू की, जो वर्तमान में साकेत, नई दिल्ली के फैमिली कोर्ट में पेंडिंग है। इस फैक्ट के बावजूद कि उस केस में 25 फरवरी, 2021 को एक समन जारी किया गया था, रेस्पोंडेंट अभी तक पर्स्नली या एक प्लीडर के द्वारा लर्नड फॅमिली कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ था।
आगे बताया गया कि रेस्पोंडेंट उस समय भारत में था और कम्प्लेनेंट द्वारा 10 फरवरी, 2021 को एक लॉयर के माध्यम से दिए गए लीगल नोटिस का जवाब दिया, जिसका ऑफिस भी नई दिल्ली में है। उस रीस्पॉन्स में रेपोंडेंट के एड्रेस को कन्फर्म किया गया था। हालांकि, यह दावा किया जाता है कि सितंबर 2021 में, रेस्पोंडेंट अपने बच्चों के साथ टोरंटो, कनाडा में शिफ्ट हो गया। उसके बाद, 13 दिसंबर, 2021 को उसने कम्प्लेनेंट के अगेंस्ट वहां की एक कोर्ट में डाइवोर्स की कार्रवाई फाइल की थी।
जजमेंट:
दिल्ली हाई कोर्ट ने हस्बैंड को कनाडा में मैट्रिमोनियल केस को आगे बढ़ाने से रोक दिया, जबकि उसकी वाइफ का डाइवोर्स केस भारत में पेंडिंग पड़ा है। परिणामस्वरूप, कनाडा के कोर्ट के सामने उसके द्वारा फाइल की गयी डाइवोर्स की कार्रवाई को जारी रखते हुए, कोर्ट भारत में डाइवोर्स की कार्यवाही में रेस्पोंडेंट के इग्नोरेंस को बहुत सीरियसली देखता है। नतीजतन, दिल्ली हाई कोर्ट ने रेस्पोंडेंट को डाइवोर्स के केस में आगे बढ़ने से रोक दिया, जिसे उसने सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस, ओंटारियो, टोरंटो, कनाडा में फाइल किया था।