जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी को पैसे उधार देती है या किसी से पैसे उधार लेती है, तो एक सीमित समय के बाद लेने वाले को वो पैसे वापस करने होते हैं। यदि कोई व्यक्ति या संस्था उधार लिए हुए पैसों को वापस नहीं दे पाती या नहीं तो देने वाला व्यक्ति या संस्था कानूनी कार्यवाही कर सकती है।
उधारी के पैसों को वापस लेने के लिए कानूनी कार्यवाई कई तरीकों से की जा सकती है, जो देश और क्षेत्र के कानूनों पर निर्भर करेगी। यहां कुछ सामान्य चरणों को उल्लेख किया गया है जो आपको संदर्भ के रूप में मदद कर सकते हैं:
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
समझौता करें पहले, आपको उधारी व्यक्ति के साथ मुद्दे पर समझौता करने की कोशिश करनी चाहिए। दोनों पक्षों के बीच समझौता करके समस्या को समाधान करने का प्रयास करें।
कानूनी पत्र भेजें यदि समझौता करने के बावजूद उधारी राशि वापस नहीं देता है, तो आपको उधार लेने वाले व्यक्ति को लीगल नोटिस भेजकर उधारी को वापस लेने के लिए कहना होगा।इस पत्र में आपको उधारी के बकाया राशि, उधारी के नाम, पता, संपर्क विवरण के साथ साथ यह भी बताना उचित रहेगा कि उधारी की सहायता करने के लिए कानूनी धारा जैसे 420, 138 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
कानूनी कार्यवाई यदि उधारी व्यक्ति कानूनी पत्र के जवाब में भी उधारी को वापस नहीं देता है, तो आपको कानूनी कार्यवाई की जरूरत हो सकती है। आप एक वकील से सलाह ले सकते हैं और उधारी के खिलाफ कानूनी मामला दायर कर सकते हैं।
मदद लें कई देशों में, आप उधारी के पैसों को वापस लेने के लिए अदालत की मदद ले सकते हैं। आपको अदालत में याचिका दायर करने और अपने मामले को प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। इसके बाद, अदालत उधारी के वापस लेने के लिए अपने निर्णय देगी।
उधारी के पैसों को वापस लेने के लिए क्या कानून हैं?
उधारी के पैसे वसूलने में कुछ सामान्य आपातकालीन कानूनी प्रक्रियाएं हैं जिन्हें लागू किया जा सकता हैं। किसी को उधार दिए हुए पैसों को वापस लेने के लिए निम्नलिखित स्थानों में प्रक्रिया को किया जा सकता है: –
ग्राहक संरक्षण कानून
उधारी को वापस लेने के लिए ग्राहक संरक्षण कानून होते हैं। ये कानून उधारी के लिए विशेष नियमों और प्रक्रियाओं को स्थापित करते हैं, जिनके माध्यम से उधारी पैसों की वापसी की मांग कर सकता है।
नियमित अदालती प्रक्रिया
उधारी के पैसों को वापस लेने के लिए नियमित अदालती प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है। इसमें आपको अदालत में याचिका दायर करनी पड़ती है और उधारी के साथ संबंधित प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ता है। अदालत मामले की विचारधारा के आधार पर निर्णय देती है।
दिवालियापन या बैंकरप्सी
यदि उधारी व्यक्ति दिवालियापन या बैंकरप्सी के तहत होता है, तो आप उधारी के रूप में बकाया राशि के लिए दिवालियापन कोर्ट में दावा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में अदालत दिवालियापन के मामले में विशेषज्ञ समितियों द्वारा उधारी के दावेदारों के मदद करती है।
यदि कोई व्यक्ति आपसे उधार लिए पैसे नहीं दे रहा और आप कानूनी सहायता चाहते हैं तो आज ही हमारी कंपनी लीड इंडिया से संपर्क करें।