कोर्ट द्वारा सबूतों की जांच की प्रक्रिया क्या है?
सबूतों की जांच की प्रक्रिया में, कोर्ट द्वारा साक्ष्य, दस्तावेजों, चित्रों, वीडियो या अन्य साक्ष्यों की जांच की जाती है। कोर्ट में सामान्यतः यह देखा जाता है कि क्या उन्हें साक्ष्य में प्रस्तुत दावे सही हैं अथवा नहीं ।
इसके अलावा, भारतीय न्याय व्यवस्था में, सबूतों की जांच के लिए संबंधित एक्ट और धाराओं में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न विधियों और नियमों का पालन करना होता है। ये विधियां विभिन्न होती हैं, जैसे कि
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भारतीय दण्ड संहिता, 1973
इस संहिता के अंतर्गत कोर्ट द्वारा सबूतों की मांग और उनकी जाँच के बारे में बताया गया है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
यह अधिनियम सबूतों के प्रयोग एवं उनकी मांग के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह एक ऐसा कानून हैं जिसके माध्यम से अदालतें गवाहों को साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश देती हैं।
कोर्ट में पेश किए जाने वाले सबूतों की जांच की जाने वाली विधियां क्या है?
कोर्ट द्वारा सबूतों की जांच न्यायिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सबूतों की जांच इसलिए की जाती है ताकि न्यायिक प्रक्रिया में सच्चाई को न्यायपूर्वक साबित किया जा सके और अनुचित प्रयोगों को रोका जा सके।
सबूतों की जांच न्यायिक प्रक्रिया के दौरान विभिन्न कानूनी एक्ट और धाराओं का पालन किया जाता है। न्यायिक प्रक्रिया संहिता के तहत, जज सबूतों की प्रामाणिकता, उनकी उपस्थिति, उनके मूल्यांकन और साक्ष्य के बारे में निर्णय लेते हैं।
इसके लिए, कोर्ट में सबूतों को प्रस्तुत करने के लिए निम्नलिखित कार्यविधि का पालन किया जाता है
प्रस्तुतीकरण (Presentation)
प्रत्येक पक्ष अपने सबूतों को उचित और संगठित ढंग से प्रस्तुत करता है। सबूतों को विशेष ध्यान से तैयार किया जाता है ताकि उनकी मान्यता और प्रामाणिकता की जांच की जा सके।
प्रमाणीकरण (Authentication)
सबूतों की प्रामाणिकता की जांच के लिए वे प्रमाणित किए जाते हैं। यह सबूतों के मूल्यांकन, सबूतों की सत्यता और उनके उत्पन्न होने के संदर्भ में होता है। इसमें सबूतों की शामिल तारीख, स्थान, व्यक्तिगत विवरण, गवाहों की उपस्थिति आदि शामिल होती है।
साक्ष्य (Testimony)
यदि सबूत किसी गवाह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, तो उस गवाह की साक्ष्य की जांच की जाती है। इसमें गवाह की रेगुलरिटी, इक्सप्लानेशन, दृढ़ता और विश्वसनीयता का मूल्यांकन किया जाता है।
कोर्ट में पेश किए जाने वाले सबूतों की जांच कौन करता है?
कोर्ट में सबूतों की जांच का कार्य जजों द्वारा किया जाता है। जज सबूतों की प्रामाणिकता, मान्यता, और प्रतिपुष्टि की जांच करते हैं ताकि उन्हें मामले के तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने में सहायता मिले। जज संगतता का मूल्यांकन करते हैं और सबूतों के साथ उनके प्रश्नों और विवरणों की जांच करते हैं। वे उचित विधियों और न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए सबूतों की मान्यता की जांच करते हैं और फिर निर्णय देते हैं।
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