साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?

साइबर क्राइम एक क्रिमिनल एक्टिविटी जिसमे लोग कंप्यूटर या इंटरनेट का उपयोग करते हैं। इसमें व्यक्तिगत जानकारी जैसे पासवर्ड चुराना, हानिकारक सॉफ़्टवेयर फैलाना, या लोगों को पैसे देने के लिए धोखा देना शामिल हो सकता है। साइबर अपराधी अकाउंट हैक कर सकते हैं या कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उनका उद्देश्य अक्सर पैसे या महत्वपूर्ण जानकारी चुराना होता है।  साइबर क्राइम, से बचने के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें, और ऑनलाइन व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने में सावधानी बरतें।

भारत में कई कानून हैं जैसे इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000, नेशनल साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी 2013, आईटी एक्ट 2023  जो कंप्यूटर और इंटरनेट से जुड़े  साइबर क्राइम को रोकते हैं। ये कानून यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा चोरी, या अन्य गलत काम न करे।

श्रेया सिंगल केस के ऐतिहासिक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि आईटी एक्ट की धारा 66A, जो ऑनलाइन गलत जानकारी फैलाने पर सजा देती थी, असंवैधानिक है। यह कानून बहुत अस्पष्ट था और इससे सही तरीके से बोलने की आज़ादी पर रोक लगाती थी ।

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साइबर फ्रॉड कैसे होता है 

साइबर फ्रॉड तब होता  है जब लोग इंटरनेट या कंप्यूटर का उपयोग करके दूसरों को पैसे, व्यक्तिगत जानकारी, या अन्य महत्वपूर्ण डेटा देने के लिए बहकाते हैं। इसमें नकली वेबसाइट बनाना या वायरस का उपयोग करके आपकी जानकारी चुराना भी शामिल हो सकता है। साइबर फ्रॉड का उद्देश्य लोगों को ठगना और उनकी जानकारी चुराना होता है। लिंक भेजना या कंपनी का सेल रिप्रेजेन्टेटिव बन के बात करना या लिंक के जरिये हैक कर लेना और आपकी सारी फोटो कांटेक्ट लेलेना 

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साइबर फ्रॉड कितने  प्रकार के हो सकते है:

फिशिंग: फिशिंग एक चाल है जिसमें कोई भरोसेमंद व्यक्ति या संस्था बनकर आपकी निजी जानकारी चुराने की कोशिश करता है। वे आपके साथ झूठी बातें करके आपके पासवर्ड या अन्य जानकारी मांग सकते हैं।

मैलवेयर: मैलवेयर एक तरह का हानिकारक सॉफ़्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर या डिवाइस को नुकसान पहुंचाने या जानकारी चुराने के लिए बनाया जाता है। इसमें वायरस, वर्म्स, और स्पाइवेयर शामिल होते हैं।

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?

साइबर फ्रॉड से कानूनी तरीके से कैसे बचें:

  • सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें: अपने पासवर्ड को मजबूत और अद्वितीय बनाएं, और उन्हें नियमित रूप से बदलें। पासवर्ड में अक्षर, अंक और विशेष चिह्न शामिल करें।
  • दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें: जहां भी संभव हो, दो-चरणीय प्रमाणीकरण का उपयोग करें। इससे आपकी जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
  • सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें: केवल प्रमाणित और सुरक्षित वेबसाइटों पर ही व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करें। सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL “https://” से शुरू हो और एक लॉक चिह्न दिखाता हो।
  • ईमेल और संदेशों पर ध्यान दें: किसी भी संदिग्ध ईमेल या संदेश पर क्लिक करने से पहले सावधान रहें। महत्वपूर्ण जानकारी कभी भी अनचाहे ईमेल या संदेशों के माध्यम से साझा न करें।
  • एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: अपने कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों पर अद्यतित एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर स्थापित करें।
  • सामाजिक मीडिया पर सतर्क रहें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक रूप से साझा करने से बचें और अपनी गोपनीयता सेटिंग्स को नियमित रूप से जांचें।
  • सार्वजनिक Wi-Fi का सावधानीपूर्वक उपयोग करें: सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग करते समय संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें। यदि आवश्यक हो, तो वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग करें।
  • नियमित रूप से खाते की निगरानी करें: अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड खातों की नियमित जांच करें ताकि आप किसी भी संदिग्ध गतिविधि को जल्दी पकड़ सकें।
  • शिकायत दर्ज करें: यदि आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत संबंधित प्राधिकृत संस्थाओं और पुलिस को रिपोर्ट करें या अपने वकील से संपर्क करे।
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