लोगों के इतिहास में प्यार, मोहोबत्त कोई नया कांसेप्ट नहीं है; लोग बहुत पुराने समय से अपने मनचाहे व्यक्ति के साथ प्यार के सम्बन्ध में बंधते रहे है। दो लोगों के बिच का इमोशनल कनेक्शन या रिलेशन या एक दूसरे को पसंद करना, कपल को शादी के बंधन में बन्धन के लिए प्रेरित करता है, जिसे अक्सर प्रेम विवाह या लव मैरिज के रूप में जाना जाता है। यहां दोनों व्यक्ति एक दूसरे की देखभाल करने और पूरी ज़िंदगी एक दूसरे के साथ ख़ुशी-ख़ुशी अपनी शादी के बंधन को निभाने का वादा करते हैं। कभी-कभी यह हमेशा उतना आसान नहीं लगता जितना हम सोचते हैं। कई बार कपल्स को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है अगर वह एक मैरिटल कनेक्शन बनाना चाहते हैं, खासकर जब उनके पास अरेंज मैरिज के बजाय लव मैरिज का टैग हो। अरेंज मैरिज के कम्पेरिज़न में भारत में लव मैरिज को ज़्यादा एक्सेप्ट नहीं किया जाता है।
प्यार में डूबे कपल जो शादी करके एक दूसरे के साथ रहना चाहते है, उन्हें आस पास के लोग, समुदाय और उनकी खुद की फैमिली के मेंबर्स उनकी शादी को एक्सेप्ट नहीं करते बल्कि होने ही नही देते है। वह लव मैरिज करने वाले या इसके बारे में सोंचने वाले कपल्स का कड़ा विरोध करते है। इसकी बहुत सी वजह जैसे – धर्म, संस्कृति या रीती-रिवाज का सेम ना होना आदि होती है। लेकिन फिर भी, अगर कोई कपल जो एक दूसरे से प्यार करते है और अपने रिश्ते को आगे बढ़ने के लिए एक कदम उठाना चाहता है और शादी के द्वारा एक पवित्र बंधन बनाने के लिए रेडी है।
यहां सवाल उठता है कि चंडीगढ़ शहर में कोई व्यक्ति लव मैरिज कैसे कर सकता है? तो इसके लिए आप और आपके पार्टनर को कुछ सिंपल से कोर्ट मैरिज के प्रोसिजर्स फॉलो करने होंगे। इनको फॉलो करके कपल सिर्फ तीन घंटे में कोर्ट में शादी कर सकते हैं।
अगर कोई कपल चंडीगढ़ या पंजाब के किसी भी शहर में रहता है और लव मैरिज करने की सोंच रहा है। तो वह दो तरीके से शादी कर सकते है, जो लोग पंजाबी या सिख धर्म का पालन करते हैं, उन्हें भी हिंदू माना जाता है। साथ ही, फैमिली लॉ के अनुसार जो भी हिंदू धर्म का पालन करते है। जिसमें वीरशैव, लिंगायत, ब्रह्मो, प्रार्थना और आर्य समाज के अनुयायी शामिल हैं। हालाँकि, इनके अलावा, यह उन लोगों पर भी लागू होता है जो बौद्ध, जैन या सिख धर्म का पालन करते हैं।
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इसलिए अगर आप शादी करना चाहते हैं तो आप आमतौर पर गुरुद्वारों के माध्यम से शादी के लिए आर्य समाज में जा सकते हैं। चंडीगढ़ में, शादी के बाद 90% कपल्स प्रोटेक्शन ऑर्डर्स के लिए हाई कोर्ट में जाते हैं, जिसका मतलब है कि शादी करने वाले कपल्स अपने लिए प्रोटेक्शन ऑर्डर्स को पास कराने के लिए हाई कोर्ट में अपील करते हैं, और जनरली एक हफ्ते के वर्किंग डेज के अंदर कपल को प्रोटेक्शन ऑर्डर्स पास हो जाते है। लेकिन ज्यादातर मैरिड कपल्स इस बड़ी गलतफहमी में रहते हैं कि उन्हें लगता है कि हाई कोर्ट से प्रोटेक्शन ऑर्डर्स प्राप्त करने का मतलब है कि उनकी शादी अब कोर्ट में रजिस्टर है, गुरुद्वारा या आर्य समाज में शादी करना यह स्पेसिफ़ाई नहीं करता है कि आपने रजिस्टरड कोर्ट मैरिज किया है या फिर आप अपनी लव मैरिज को कोर्ट मैरिज के प्रोसेस के हिसाब से रजिस्टर कराना चाहते हैं।
कुछ लीगल फोर्मलिटीज़ और रीती-रिवाज़ हैं जिनका हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार पालन करने की जरूरत है और उसके लिए, आपको अपने शादी के सफल रेजिस्ट्रशन के लिए एक मैट्रिमोनियल लॉयर हायर करने की जरूरत है। और यह खोजना मुश्किल है, जो आपके सामने आने वाली समस्याओं को समझ सकता है, लेकिन यहां आपकी खोज का अंत होता है- लीड इंडिया के पास आपके शहर में बहुत अचे लॉयर्स की एक टीम है, और हम आपकी सर्वोत्तम मदद करना चाहते हैं।