जब दो अलग जाती के लोग शादी करने का फैसला करते हैं तो उसे इंटरकास्ट मैरिज कहते हैं। लेकिन जब कपल में से कोइ एक सामान्य जाती और दूसरा दलित या पिछड़े वर्ग से सम्बंधित हो तो सरकार उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए कुछ राशि सहायतार्थ देती। लेकिन इस राशि को लेने के लिए कुछ नियम हैं। आइये जान लेते क्या हैं वो नियम।
शादी होनी चाहिए रजिस्टर
अगर आपको किसी दलित या पिछड़े वर्ग के अपने पार्टनर से शादी करनी है तो आपको कानून इसके लिए कभी नहीं रोकता। अपनी शादी को कानूनी रूप से मजबूत करने के लिए बेहतर होगा कि आप सबसे पहले आर्य समाज में शादी करें और बाद में उसे कोर्ट में रजिस्टर करवा लें। या फिर आप सीधे-सीधे कोर्ट से शादी कर सकते हैं ।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
शादी के लिए जरूरी दस्तावेज
शादी के लिए आपको अपना आधारकार्ड, पैनकार्ड, और बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। बर्थ सर्टिफिकेट में दसवी की मार्कशीट सबसे विश्वसनीय डोक्युमेंट होती है।
कितनी मिलती है सहायता राशि
जाती भेद ख़त्म करने और प्रोत्साहन के लिए सरकार इंटर कास्ट मैरिज करने वाले कपल को 2.5 लाख रूपये की राशि सहायतार्थ देती है।
जरूरी दस्तावेज
अलग- अलग राज्यों में अलग- अलग डोक्युमेन्ट्स मांगे जाते हैं लेकिन फिर भी कुछ बेसिक डाक्यूमेंट्स इस प्रकार हैं।
- शादी का फोटो
- जॉइंट अकाउंट की कॉपी
- मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- जाती प्रमाण पत्र
- कपल का आधार
- आयु प्रमाण पत्र (बर्थ प्रूफ)
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
कैसे करें आवेदन
हरा राज्य में अपना सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग होता है। इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इस राशि के लिए आवेदन किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए हम यहाँ कुछ प्रदेशों की वेबसाइट के लिंक दे रहे हैं।
अंतरजातीय विवाह लाभ योजना मध्य प्रदेश
अंतरजातीय विवाह लाभ योजना राजस्थान
अंतरजातीय विवाह लाभ योजना महाराष्ट्र
इस फॉर्म को भरने के बाद इसकी हार्ड कॉपी डीएम के पास जमा करवाना होता है। इसके बाद वेरिफिकेशन में कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। इसके बाद ही सहायता राशि आपके खाते में ट्रांसफर होती है।