रिश्तेदार द्वारा कब्ज़े में ली गयी मृत पिता की प्रॉपर्टी को कैसे छुड़ाएं?

रिश्तेदार द्वारा कब्ज़े में ली गयी मृत पिता की प्रॉपर्टी को कैसे छुड़ाएं

दिवंगत/मृत पिता की संपत्ति यदि आपके चाचा के पास है तो ऐसी स्थिति में आपको कुछ कानूनी प्रक्रियाओं को करना पड़ेगा।

  • सबसे पहले अपने पिता की मृत्यु का सार्टीफिकेट बनवाना होगा। 
  • आपको एक वंशावली बनवानी होगी । जिसमें आपकी मां, आपका और आपके अन्य भाई बहनों का नाम शामिल होगा। 
  • वंशावली में आपके पूरे परिवार के सहमति हस्ताक्षर होंगे।
  • इसके बाद आपको एक आनलाइन दाखिल खारिज प्रासेस को करना होगा। दाखिल खारिज करवाने के कुछ दिनों बाद वेरीफिकेशन के लिए आपको बुलाया जाएगा। संबंधित अधिकारी द्वारा वेरीफिकेशन के बाद आपकी संपत्ति आपके नाम पर दर्ज करा दी जाएगी । 

क्या मेरे पिता की संपत्ति में मेरे चाचा का भी अधिकार है ?

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

भारतीय संविधान के अनुसार पिता की संपत्ति के अधिकार के संबंध में अलग अलग दो नियम हैं । लेकिन दोनों ही नियमों में अंतिम उत्तराधिकार पुत्र और पुत्रियों का ही होता है । यदि किसी व्यक्ति के पुत्र और पुत्रियां जीवित हैं तो उसकी जमीन और संपत्ति का पूरा अधिकार पुत्र और पुत्री का ही होगा। 

पहले नियम के अनुसार यदि जमीन पिता को विरासत में मिली अर्थात उनके भी पिता से मिली है तो ऐसी संस्था में पुत्र चाहें तो पिता अपनी संपत्ति को नष्ट भी नहीं कर सकता । न्यायालय इसकी इजाजत नहीं देता है । 

दूसरे नियम के अनुसार यदि पिता ने संपत्ति को खरीदा है अथवा अपनी व्यक्तिगत कमाई से संपत्ति को बनाया है तो ऐसे में पिता को जीवन पर्यन्त पूरा अधिकार है कि उस संपत्ति के साथ वो कुछ भी कर सकता है । वो उसे बेच सकता है , दान कर सकता है अथवा किसी संस्था को दे सकता है । ऐसी स्थिति में यदि पुत्र न्यायालय भी जाए तब भी न्यायालय का फैसला पिता के इधर ही आएगा।

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अतः पिता की संपत्ति में चाचा का कोई उत्तराधिकार नहीं होता है जब तक बच्चे जीवित हैं। यदि किसी व्यक्ति का बेटा , पत्नी आदि नहीं है तब ही उसकी संपत्ति का अधिकार उसके भाई को मिल सकता है।

बिना वसीयत संपत्ति का पहला अधिकार किसका होता है?

बिना वसीयत संपत्ति का पहला अधिकार पत्नी , पुत्र और पुत्री का होता है । यदि मृतक व्यक्ति के पत्नी, पुत्र और पुत्री कोई नहीं है तो ऐसी स्थिति में उत्तराधिकारी क्लास 2 की तरफ चला जाता है जिसमें उत्तराधिकारी व्यक्ति के भाई होते हैं । भाई न होने की स्थिति में रिश्तेदार अथवा सगे संबंधियों को संपत्ति में अधिकार दिया जाता है।

पिता की संपत्ति चाचा से वापस कैसे लें।

पिता की संपत्ति चाचा के पास जाने के दो कारण हो सकते हैं ।

  • पहला – हो सकता है पिता की मृत्यू हाल ही में हुई हो और अभी वसीयत बच्चों के नाम पर न आई हो ।

ऐसी स्थिति में – अपनी पैतृक संपत्ति को वसीयतनामा करवाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना होता है तथा उसके बाद तहसील के अधिकारी द्वारा मरने वाले व्यक्ति की संपत्ति को उसके उत्तराधिकारी के नाम पर कर दिया जाता है। 

  • दूसरा – हो सकता है मरने वाले व्यक्ति के उत्तराधिकार में पुत्र का नाम न होकर चाचा का नाम आ गया हो ।

ऐसी स्थिति में – यदि समझौते से आपकी संपत्ति आप तक नहीं पहुंचती तो आप न्यायालय की मदद से उक्त जमीन पर केस फाइल करा सकते हैं । यदि आपके द्वारा बताए गए सभी पहलू सही निकले तो आपकी संपत्ति आपको न्यायालय द्वारा मिल जाएगी।

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