गाड़ी पुलिस द्वारा जब्त कर लिए जाने पर उसे कैसे छुड़ाएं?

गाड़ी पुलिस द्वारा जब्त कर लिए जाने पर उसे कैसे छुड़ाएं

लगभग हर इंसान के साथ कभी ना कभी ऐसा हुआ होगा कि आपकी पुलिस द्वारा उठाई गयी होगी। आईये इस ब्लॉग में जानते है कि ऐसा क्यों होता है ऐसा होने पर एक व्यक्ति अपनी गाडी कैसे छुड़ाए, इसका कानूनी प्रोसेस क्या है आदि।

पुलिस द्वारा वाहन जब्त क्यों किया जाता है?

कई बार किसी केस की जांच के दौरान कई गाड़ियों की जांच भी करनी पड़ती है। या कई बार जब लोग सड़क के किनारे या नो पार्किंग वाली जगहों में अपनी गाडी खड़ी कर देते है तब भी पुलिस लोगों की गाड़ियों को उठा कर ले जाती है और जब्त कर लेती है। यह गाड़ियां पुलिस द्वारा ले जाकर एक मालखाने में खड़ी कर दी जाती है। आगे पढ़ते है कि पुलिस द्वारा इस मालखाने में ऐसे जब्त हुई गाड़ियों को कैसे छुड़ाया जाता है। 

पुलिस वाहन जब्त कर ले तो क्या करे?

ऐसी किसी भी गाडी को पुलिस की कस्टडी से रिहा करवाने के लिए गाडी के मालिक को कोर्ट में एप्लीकेशन देनी होती है। कोर्ट के प्रोसीजर के अनुसार मालिक को सभी शर्तों का पालन करते हुए अपनी जब्त हुई गाडी की रिहाई के लिए एप्लीकेशन फाइल करनी होती है। इस एप्लीकेशन को कनूनी भाषा में सुपरदारी कहा जाता है। 

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इसके बाद अगर कोर्ट को सही लगता है तो गाडी की इन्वेस्टीगेशन के लिए ऑर्डर्स दिए जाते है और गाडी को उचित कस्टडी के लिए आदेश मिल जाते है। यह पूरा प्रोसीजर सीआरपीसी के सेक्शन 451 के तहत किया जाता है। 

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पुलिस द्वारा जब्त वाहन कहाँ से प्राप्त करें

अगर जांच में यह पाया जाता है कि गाडी किसी क्रिमिनल केस से संबंधित है या ऐसे किसी केस में शामिल है, तो कोर्ट और पुलिस अपने अनुसार इन्वेस्टीगेशन करके फैसला करती है।  

इसके बाद गाडी के मालिक को गाडी दे दी जाती है। और ट्रायल की सभी फॉर्मलिटीज शुरू कर दी जाती है। हालाँकि गाडी अभी पूरी तरह सेरेलसे नहीं हुई है। कोर्ट द्वारा गाड़ी के मालिक से एक शपथ पत्र पर साइन कराया जाता है कि इस केस के दौरान जब भी इस गाडी जरूरत पड़ेगी तो वह गाडी कोर्ट द्वारा हिरासत में ले ली जाएगी। यह गाडी सिर्फ अस्थायी रूप से मालिक को दे दी जाती है। 

इस रिहाई के होने के साथ कोर्ट के आर्डर के अनुसार कुछ नियम और शर्तें गाडी को रिलीज़ करने से पहले लागू की जाती हैं। अस्थायी रिहाई होने के केस में, कोर्ट को एक सुपरदारी बॉन्ड देने की जरूरत हो सकती है। सुपरदारी का मतलब होता है अगले आर्डर तक किसी व्यक्ति को किसी चीज की कस्टडी सौंपना।  इस बॉन्ड के माध्यम से, गाडी लेने वाला व्यक्ति अपनी तरफ से यह वचन देता है कि जब भी जरूरत होगी तो पुलिस या कोर्ट के सामने यह गाडी उसके द्वारा पेश की जाएगी। 

कानूनी प्रोसेस 

एक व्यक्ति जिसकी गाडी पुलिस द्वारा जब्त कर ली गयी है उसे एक लॉयर करना होता है फिर उस व्यक्ति के बिहल्फ़ पर कोर्ट की सभी कानूनी प्रक्रिया करता है। 

  1. वकील सुपरदारी द्वारा गाडी को छुड़वाने के लिए सभी जरूरी डॉक्युमनेट्स अटैच करके एक एप्लीकेशन फाइल की जानी चाहिए। 
  2. कोर्ट गाडी की रिहाई के लिए आदेश दे सकती है या फिर एक शर्त भी लगाई जा सकती है कि व्यक्ति को गाडी छुड़ाने के लिए एक 100 रूपये का सुपरदारी बॉन्ड जमा करना जरूरी है। 
  3. कोर्ट के अंदर ही स्टाम्प वेंडरों के पास स्टाम्प पेपर मिल जाते हैं।
  4. कोर्ट द्वारा सुपरदारी बॉन्ड स्वीकार किये जाने के बाद आपकी गाडी को छोड़ने का आर्डर कोर्ट द्वारा पास कर दिया जाता है।
  5. आर्डर मिलने के बाद आर्डर की एक कॉपी लेकर उस पुलिस स्टेशन के मालखाना इंचार्ज को दें, जहां आपकी गाडी जब्त की गयी है। 
  6. इसके बाद गाडी को रिलीज़ कर दिया जायेगा। 
  7. आपको सभी ऑर्डर्स और शर्तों का पालन करना होता है और जब तक केस खत्म ना हो ए तब तक, उस गाडी में कोई बदलाव या छेड़छाड़ नहीं करनी होती है। 
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जरूरी डाक्यूमेंट्स 

गाडी को छुड़वाने में जिन जरूरी डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है वे इस प्रकार है।  

  1. वकालतनामा
  2. गाडी के सभी डाक्यूमेंट्स 
  3. मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस 
  4. मालिक का एक अन्य पहचान पत्र 
  5. सुपरदारी बॉन्ड 

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