आजकल सोशल मीडिया की दुनिया में एक बहुत ही ट्रेंडिंग टॉपिक ‘सेक्सटिंग’ सामने आ रहा है। अपने पार्टनर या किसी अन्य व्यक्ति को सेक्सुअली एक्सप्लीसिट मीडिया जैसे अश्लील मैसेज, वीडियो या फोटोज़ भेजना, सेक्सटिंग के रूप में जाना जाता है। सेक्सटिंग का सबसे बड़ा रिस्क, एक सेक्स्ट मीडिया का बिना अनुमति के पब्लिक मे लीक होना या लीक किया जाना होता है।
मूल रूप से, सेक्सटिंग दूसरों को उत्तेजक या नग्न/नेक्ड मैसेज भेजना होता है। यह मैसेज टेक्स्ट मैसेज, फोटो या वीडियो, किसी भी प्रकार का हो सकता हैं, अक्सर यह मैसेज स्मार्टफोन, पर्सनल कंप्यूटर या सेल फोन जैसे उपकरणों/डिवाइस के माध्यम से भेजे जाते हैं। हालांकि, फोटोज़ या वीडियोज़ के रूप में लोगों को अधूरी या पूरी तरह बिना कपड़ों के पब्लिक्ली दिखाना, उत्तेजित ढंग से दिखाना, जिनमें अक्सर नाबालिग शामिल होते हैं, इन सभी कामों का नतीजा इललीगल निकलने की पूरी संभावना होती है।
हालाँकि, सेक्सटिंग ज्यादातर टीनेजर्स द्वारा की जाती है, जहाँ एक लड़का और लड़की एक दूसरे से चैट/बात करते हैं और एक दूसरे को नेक्ड फोटोज़-वीडियोज़ के रूप में यह अश्लील मीडिया भेजते हैं। हालांकि, बाद में यह उनके लिए नकारात्मक/नेगेटिव परिणाम में बदल सकता है। उन फोटोज़ का इस्तेमाल हैरेसमेंट, ब्लैकमेलिंग आदि के लिए किया जा सकता है।
जब आप अपने बच्चे को सेक्सटिंग करते हुए पकड़ें, तो क्या करें?
- पेरेंट्स या गार्डियन के रूप में सबसे पहला कदम शांत रहना है और अपने बच्चे में घबराहट पैदा नहीं करनी है।
- फिर उनके साथ इस मैटर पर खुल कर बात करने और ऐसा करने की वजह जानने के लिए उनसे शांत और अच्छे से बात करें।
- फिर उनसे सेक्सटिंग से होने वाले प्रभावों के बारे में बात करें और इसके सही और गलत परिणामों/रिजल्ट्स के बारे में बताएं।
- फिर, कुछ नियम/रूल्स बनाएं और उन्हें वार्निंग दें कि यह एक कानूनी मैटर में बदल सकता है, जिससे वह सीरियस प्रॉब्लम में पड़ सकते हैं।
- हमेशा अपने बच्चों के साथ मिल-जुल कर रहें, उन्हें इमोशनली अकेला ना होने दें
- उन्हें समझाएं कि इस तरह की एक्टिविटी में दोबारा शामिल ना हों क्योंकि ये एक्टिविटीज़ कानून के तहत ओफ्फेंसिव या पनिशेबल भी हो सकती हैं और उनकी ज़िंदगी ख़राब भी हो सकती है।
हालांकि, भारतीय इंटरनेट यूज़र्स भी सेक्सटिंग, साइबर-बुलिंग, आतंकवाद में भर्ती, रिवेंज पोर्न और सेक्सटॉर्शन के बारे में चिंतित होते जा रहे हैं क्योंकि रोजमर्रा के जीवन में इंटरनेट का यूज़ बढ़ता जा रहा है और आजकल इंटरनेट द्वारा हर तरह की मीडिया तक पहुंचना आसान हो गया है, भले ही वो सभी हो या गलत। लेकिन लोग खासकर टीनेजर्स इसका गलत यूज़ करके मुश्किल में फंस जाते है। सर्वे के अनुसार, 77% भारतीयों ने सेक्सटिंग, ट्रोलिंग, साइबर-बुलिंग, ऑनलाइन हैरेसमेंट, सेक्सुअल उत्पीड़न, सेक्सटॉर्शन जैसे गलत व्यवहार की सूचना दी है।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
सेक्सटिंग के खिलाफ कानून –
इनफार्मेशन कमीशन एक्ट, 2000 और सेक्सुअल ओफ्फेंसिस से बच्चों की प्रोटेक्शन एक्ट, 2012 इन्ही मैटर्स के इश्यूज को सॉल्व करने के लिए लेजिस्लेचर द्वारा पास किये गए है। यह एक्ट इशू के हिसाब से सज़ा और कानूनी कार्रवाइयां करने में मदद करते है।
हालांकि, इनफार्मेशन कमीशन एक्ट का सेक्शन 66 (ई) “किसी भी व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट्स की फोटो वीडियो या अन्य मीडिया को उसकी मर्जी के बिना शेयर करने पर रोक लगाता है। ऐसा करने पर तीन साल की सजा, दो लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। इस प्रोविज़न का होना भी बहुत जरूरी है।
भारतीय संविधान के पार्ट III में बताया गया ‘जीवन का अधिकार’ एक मौलिक अधिकार है, जो सभी नागरिकों के प्राइवेसी के अधिकार की सुरक्षा करता है। इसीलिए, किसी भी ऐसे मटीरियल या मीडिया को शेयर करना जो किसी व्यक्ति की प्राइवेसी को चोट पहुंचाता है, यह भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ/अगेंस्ट है।
जबकि सेक्शन 67 (ए) और 67 (बी) के तहत सेक्सुअली एक्सप्लीसिट करने वाले कामों या इस तरह के आचरण वाले मटीरियल को पब्लिश या शेयर करना दंडनीय अपराध है। कोई भी डिजिटल टेक्स्ट या फोटोज को बनाना या शेयर करना जिसमे बच्चों को अश्लील या सेक्सुअली एक्सप्लिसिट रूप से दिखाया गया हो, यह अपराध है। पहली बार अपराध करने पर पांच साल तक की जेल और दस लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है।
पोक्सो एक्ट के सेक्शन 14(1) के अनुसार, किसी बच्चे या नाबालिग को अश्लील उद्देश्यों के लिए यूज़ करने पर पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, बच्चों से रिलेटीड अश्लील मटीरियल को शेयर करने के उद्देश्य से ऐसे मटीरियल को इकट्ठा करके रखने पर सेक्शन 15 के तहत तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है।
जैसा कि आप देख सकते हैं कि एक दोस्त को टेक्स्ट मैसेज करना भी किसी क्राइम करने से आपको जोड़ सकता है, खासकर तब, जब इसमें नाबालिग शामिल हों। अगर आप इस बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं कि आपके एरिया में सेक्सटिंग अपराधों से कैसे डील किया जाता है और सेक्सटिंग अपराधों से खुद को कैसे बचाया जा सकता है, तो आप लीड इंडिया से संपर्क/कांटेक्ट कर सकते हैं। हमारे डिफेन्स लॉयर्स इस तरह के केसिस को हैंडल करने में एक्सपर्ट साबित हुए है, और वह आपके केस को समझने और सर्वोत्तम संभव तरीके से आपकी मदद करने में सक्षम होंगे।