आजकल भारत में तलाक के केसिस काफी आम हो गए हैं। फिर भी, भारत में शादी एक बहुत बड़ी बात है, जहाँ दो लोग अपना आगे आने वाला पूरा जीवन एक साथ बिताने की कसम खाते हैं।
तलाक के बाद खुद को कैसे संभाले?
शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करते समय तलाक होने की संभावना कम ही होती है। साथ ही, कपल्स का जीवन एकदम लव बर्ड्स जैसा होता है। जो एक-दूसरे के बिना एक दिन भी नहीं बिता सकते है। लेकिन फिर अचानक से एक ऐसा मोड़ आ जाता है जहाँ वह कपल थोड़े समय के लिए भी एक-दूसरे की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।
और वह रिश्ता तलाक की तरफ बढ़ जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि तलाक हो जाने से एक व्यक्ति की जिंदगी खत्म नहीं हो जाती है। तलाक एक ऐसी लड़ाई है जिसे आपको अकेले लड़ना होता है, भले ही आपके पास किसी भी व्यक्ति का समर्थन हो या नहीं, आपको इससे अकेले ही गुजरना पड़ता है। इस लेख में कुछ तरीके बताये गए है जिनसे आप तलाक के बाद कानूनी, भावनात्मक, और फाइनेंसियल रूप से खुद को सँभाल सकते है।
क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?
तलाक के बाद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर कैसे बने?
लोग अक्सर मानते हैं कि शादी का टूटना सिर्फ भावनात्मक जुड़ाव का मैटर है।जबकि पति-पत्नी के बीच होने वाले मतभेदों या लड़ाइयों के साथ आने वाले फाइनेंसियल प्रेशर को नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है। एक डिवोर्सी व्यक्ति का डिबरा शादी ना करने का एक सबसे बड़ा कारण उनकी फाइनेंसियल स्टेबिलिटी ना होना भी हो सकता है। वे सोंचते है कि जब खुद के खर्चे पूरे नहीं हो रहे तो वे एक नए पार्टनर का खर्चा कैसे उठाएंगे।
तलाक के दौरान होने वाले खर्चे
यहाँ तलाक के दौरान होने वाले अपेक्षित खर्चों की लिस्ट दी गयी है –
- तलाक के केस के दौरान वकीलों द्वारा ली जाने वाली फीस।
- तलाक के अन्य मुकदमेबाजी के खर्च।
- तलाक के बाद जीवनसाथी को भरण-पोषण/गुजारा भत्ता आदि।
- बच्चे की कस्टडी रखने का खर्च।
- बच्चे को दिया जाने वाला मेंटेनेंस।
- तलाक के बाद प्रॉपर्टी का बंटवारा।
- हर महीने के खुद को बनाये रखने के खर्चे।
- एक अलग जगह पर रहने का खर्चा।
तलाक के बाद पुरुषो का जीवन
पुरुषों के मुकाबले, महिलाओं को कई सिचुऎशन्स का सामना करना आसान लगता है। जैसा की ज्यादातर महिलाओं की आदत होती है ज्यादा बात करना सबसे अपनी भावनाएं बाटना आदि। तो वे सामाजिक दायरे, करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों से अपनी सिचुएशन और भावनाएं बाँट लेती है और बात करके इनके बारे में सोल्युशन भी निकाल लेती है।
एक सर्वे की रिपोर्ट से पता चला है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को तलाक लेना और खुद को संभालना जयादा मुश्किल होता है। आम तौर पर, तलाक के बाद पुरुष को अपनी पत्नियों की तुलना में ज्यादा दुखी और खराब स्वास्थ्य का शिकार होते है।
तलाक के बाद खुश कैसे रहें
एक महिला हो या पुरुष दोनों के लिए यह बात समझना जरूरी है कि तलाक उनकी ज़िंदगी का समापन नहीं है। वे इसके बाद भी अपना जीवन खुशियों से भर सकते है। यहां कुछ तरीके बताये गए है जिससे आप तलाक होने के बाद भी खुश रह सकते है।
- कुछ समय के लिए अपना ध्यान प्यार मोहोब्बत से हटाकर किसी और दिशा में लगाएं।
- अपने करियर पर ध्यान दें।
- खुद के शुकों को पूरा करें।
- खुद को विचलित ना होने दें बल्कि नए नए शौक बनाएं।
- कहीं घूमने-फिरने जाएं।
- खुद को प्राथमिकता दें।
किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए लीड इंडिया से सम्पर्क कर सकते है। यहां आपको पूरी सुविधा दी जाती है और सभी काम कानूनी रूप से किया जाता है। लीड इंडिया के एक्सपर्ट वकील आपकी हर तरह से सहायता करेंगे। हमसे संपर्क करने के लिए आप ऊपर Talk to a Lawyer पर अपना नाम और फ़ोन नंबर दर्ज कर सकते है।